रिपोर्ट: बलबीर परमार
उत्तरकाशी: पर्वतारोहियों और पर्यटकों का इंतजार खत्म हो गया है. उत्तरकाशी में हिमालय की गोद के बीच बने गंगोत्री नेशनल पार्क के गेट अब पर्यटकों के लिए खुल गए हैं. 6 माह के लिए गंगोत्री नेशनल पार्क के गेट पर्यटकों के लिए खोले गए हैं. पार्क के गेट खुलने से अब पर्यटक गोमुख, तपोवन, नेलांग, गर्तांगली की भी सैर कर सकेंगे.
यहां हिम तेंदुआ, अरगली भेड़, भरल, भूरा भालू, सेराव, लाल लोमड़ी, कस्तूरी मृग, हिमालयन वीजल, हिमालयी थार जैसे वन्य जीवों की बहुलता है. साथ ही हिमालयी मोनाल, पहाड़ी राजालाल, पिलपेट हरी तूती, हिमालयी गिद्ध, हिमालयी कुक्कट, हिमालयी तीतर आदि पक्षियों की भी यहां मौजूदगी इसे और खूबसूरत बनाती है.
यहां पड़ रही है ठंड
गंगोत्री नेशनल पार्क बर्फीली पहाड़ियों, ऊंचे पर्वत, गहरी घाटियों और घने जंगलों से घिरा हुआ है. वर्ष 1989 में स्थापित गंगोत्री नेशनल पार्क का कुल क्षेत्रफल 2390 वर्ग किलोमीटर है. पार्क की सीमा हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले, टिहरी जिले के खतलिंग ग्लेशियर, चमोली जिले के घस्तौली-माणा क्षेत्र और भारत-चीन सीमा से लगी हुई है. गंगोत्री नेशनल पार्क के गेट जहां खुल गए हैं, लेकिन फिलहाल मौसम सैलानियों के अनुकूल नहीं है. यहां काफी ठंड पड़ रही है.
इस पर भी पर्यटकों की उम्मीद
पिछले साल 29,020 पर्यटकों ने गंगोत्री नेशनल पार्क की सैर की थी. ट्रैकिंग एजेंसी से जुड़े व्यापारियों को भी इस साल भारी संख्या में पर्यटकों के आने की उम्मीद है. सैलानी ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यम से बुकिंग करा सकते हैं.
30 नवंबर तक खुले रहेंगे गेट
पार्क के उप-निदेशक रघुनाथ पांडे ने बताया कि गेट खोलने के लिए वह शनिवार सुबह पार्क के लिए रवाना हुए. मौके पर पहुंचकर गेट विधिवत खोले गए. उन्होंने कहा कि गंगोत्री नेशनल पार्क क्षेत्र में स्थित गोमुख तपोवन ट्रैक, केदारताल, सुंदरवन, नंदनवन, वासुकी ताल, जनकताल ट्रैक के साथ गरतांग गली भी पर्यटकों को आकर्षित करते हैं, जिसके चलते पर्वतारोहियों व पर्यटकों को पार्क के गेट खुलने का बेसब्री से इंतजार रहता है. उन्होंने बताया कि पार्क के गेट 30 नवंबर तक खुले रहेंगे.
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