की दृष्टि से अति संवेदनशील जनपद है. उत्तरकाशी को खतरनाक ज़ोन चार और पांच में रखा गया है. यह इलाका भूकंप, भूस्खलन और बाढ़ से अक्सर प्रभावित रहता है. इसे देखते हुए शनिवार को राज्य आपदा प्रबंधन के विशेषज्ञ बीपी गणनायक की मौजूदगी में आपदा से बचाव के लिए मॉक ड्रिल की गई.
उत्तरकाशी के डीएम डॉ आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि मुख्य आपदा कंट्रोल रूम से स्टेजिंग एरिया रामलीला ग्राउंड तक पहुंचने के विभिन्न विभागों के बीच तालमेल को दुरुस्त करने के लिए ये ड्रिल की गई है.
उन्होंने बताया कि आपदा की स्थिति में एनडीआरएफ़ , एसडीआरएफ़ , पुलिस , फायर सर्विस , राजस्व विभाग के साथ जिले के अन्य सभी विभाग शिरकत करते हैं . ऐसे मे किसकी क्या ज़िम्मेदारी होगी और किस कार्य के लिए कौन कमांड करेगा, ये तय किया जाता है.
सूबे की विपक्षी दल कांग्रेस ने मॉक ड्रिल को ड्रामा करार दिया है. कॉंग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप भट्ट ने प्रदेश सरकार पर सवाल उठाया कि गंगोत्री राजमार्ग पर सड़क हादसे में न तो गाड़ी का पता चला और न पूरे शव ही खोजे जा सके हैं. ऐसे में खोज कार्य की वास्तविक ड्रिल के बजाय जिला प्रशासन मॉक ड्रिल तक ही सीमित रह गया है.
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FIRST PUBLISHED : June 18, 2017, 17:58 IST