ट्रांसपोर्टर्स की देशव्यापी हड़ताल के चलते उत्तराखंड में भी 20 हजार ट्रक के पहिए तीन दिनों से जाम हैं, जिसकी वजह से आवश्यक सामानों की ढुलाई पर बुरा असर पड़ रहा है. खासतौर से दूध, सब्जी, तेल टैंकर के साथ व्यापारिक सामानों की ढुलाई ठप हो गई है.
टोल टैक्स बंद करने और परिवहन सुरक्षा बिल के विरोध को लेकर ट्रांसपोर्टर हड़ताल कर रहे हैं, जिससे प्रदेश में करीब 20 हजार ट्रक के पहिए जाम हो गए हैं, जिसकी वजह से ट्रांसपोर्टर्स को करीब 15 करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है.
वहीं दूसरी तरफ कारोबारियों के करीब 50 करोड़ रुपए के सामानों की ढुलाई रुकी हुई है. तीन दिनों से चल रही ट्रांसपोर्टर्स की हड़ताल की वजह से लकड़ी, लोहा, सीमेंट, वाहन, ऑनलाइन शॉपिंग के सामनों की ढुलाई नहीं हो रही है, जिससे बाजारों में कई तरह के सामानों की कमी बढ़ने लगी है.
देहरादून ट्रक ऑपरेटर एसोसिएशन के अध्यक्ष हरभजन सिंह का कहना है कि आरटीओ में रोड टैक्स देने के बाद भी टोल टैक्स देने पड़ रहे हैं, ऐसे में उन्हें दोहरा टैक्स देना पड़ा रहा है. वहीं परिवहन सुरक्षा बिल को लागू करने की तैयारी की जा रही है, जिससे ट्रक चालकों को रोड एक्सीडेंट होने पर संगीन मामलों में मुकदमे दर्ज होंगे, जो चालकों के हितों में नहीं है.
उनका कहना है कि राष्ट्रीय स्तर पर इस मामले में बातचीत हो रही है तो राष्ट्रीय स्तर पर फैसला लिया जाएगा और उसी के के अनुसार काम किया जाएगा. ट्रांसपोर्टर्स की हड़ताल की वजह से प्रदेश में कई राज्यों की ट्रक भी रुके हुए हैं.
प्रदेश में दूसरे राज्यों से करीब 2,000 ट्रक बिहार, यूपी, हरियाणा, दिल्ली के रुके हुए हैं. हड़ताल होने की वजह से उन्हें ट्रांसपोर्टर्स चलने नहीं दे रहे हैं. प्रदेश में रोजाना करीब 20,000 ट्रकों का आना-जाना होता है, जिससे आवश्यक सामानों की सप्लाई होती है.
ट्रांसपोर्टर्स के हड़ताल पर जाने की वजह से प्रदेश में कारोबारियों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. एक तरफ जहां ट्रांसपोर्टर्स को ट्रक के न चलने से नुकसान हो रहा है, वहीं दूसरी तरफ कारोबारियों का व्यापार भी प्रभावित हो रहा है.
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FIRST PUBLISHED : October 04, 2015, 12:35 IST