रिपोर्ट : बलबीर परमार
उत्तरकाशी. केंद्र सरकार द्वारा सीमांत गांवों में वाइब्रेंट विलेज योजना से उत्तराखंड राज्य के सीमावर्ती इलाकों को विकास से जोड़ने की एक उम्मीद जगी है. जिसके चलते उत्तरकाशी जिले में दो केंद्रीय मंत्री वाइब्रेंट विलेज का दौरा कर चुके है. केंद्र सरकार देश की सीमा पर स्थित गांवों में मूलभूत सुविधाओं के विकास के लिए अलग से बजट खर्च करने जा रही है. केंद्र सरकार का ‘वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम’ इसकी राह सुगम बनाएगा, जिसके लिए सरकार कार्ययोजना तैयार कर रही है. सीमन्त जनपद उत्तरकाशी में इस योजना में 8 गांव- मुखवा, हर्षिल, धराली, बगोरी, झाला, जसपुर, पुराली और सुखी रखे गए हैं. इसके साथ भारत-चीन युद्ध के बाद खाली कराए दो गांव नेलांग और जादूंग को फिर बसाने पर भी जोर दिया जा रहा है.
इसी मार्च महीने में दो केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और वीरेंद्र कुमार वाइब्रेंट विलेज का दौरा कर ग्रामीणों से सुझाव मांग चुके हैं, जिससे सीमान्त क्षेत्रों में रहने वाले ग्रामीणों को विकास के साथ पर्यटन के बढ़ने की उम्मीद जगी है. इस योजना में सीमांत गांवों में पानी, बिजली, सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य, संचार जैसी मूलभूत सुविधाओं के विस्तार और आजीविका विकास पर मुख्य रूप से जोर दिया गया है.
पर्यटक हब बनाने की है तैयारी
जनपद उत्तरकाशी के मुख्य विकास अधिकारी गौरव कुमार का कहना है कि इस योजना का मुख्य उद्देश्य यह है कि सीमांत गांवों के बुनियादी ढांचे को मजबूत कर यहां पर्यटन का हब बनाया जाए, जिससे बाहर से पर्यटक आए और सीमान्त क्षेत्रों की संस्कृति, संवेदनाओं और कठिनाइयों को समझ सके.
4800 करोड़ का बजट आवंटित
वाइब्रेंट विलेज योजना के तहत केंद्र सरकार ने सीमांत गांवों के लिए 4800 करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया गया है. इनमें से 2500 करोड़ रुपए का बजट केवल सड़कों के विकास पर खर्च होगा, इस योजना से सीमांत गांवों के बाशिंदों को विकास की उम्मीद जगी है.बगोरी गांव की प्रधान सरिता और पूर्व प्रधान भवान सिंह ने इस योजना का स्वागत कर पीएम नरेंद्र मोदी का धन्यवाद किया है. उन्होंने उम्मीद जताई है कि इस योजना से सीमांत गांवों की तस्वीर बदलेगी.
.
Tags: Uttarakhand news, Uttarkashi News