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'घर बिक जाएगा, तब सरकार देगी पैसे? टेक होम राशन योजना का भुगतान न होने से छलका महिलाओं का दर्द

महिलाओं का आरोप है कि यह सरकार महिला सशक्तिकरण की बात करती है लेकिन महिलाओं को कर्ज में डालने का काम भी सरकार ने बखूबी ...अधिक पढ़ें

रिपोर्ट- हिना आज़मी

देहरादून. साल 2014 में तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत के कार्यकाल में महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए टेक होम राशन योजना शुरू की गई थी, जिसमें बुजुर्गों, महिलाओं और छोटे बच्चों के लिए राशन दिया जाता था. जबकि आंगनबाड़ी केंद्रों में राशन पहुंचाने के लिए राज्य की स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को यह काम दिया गया था. समूह की महिलाएं अपनी ओर से राशन लेकर पैकिंग कर आंगनबाड़ी केंद्रों में पहुंचाती थीं. इसके बाद उन्हें सरकार द्वारा भुगतान किया जाता था. साल 2022 में अचानक टेक होम राशन की योजना बंद हो जाने से महिलाओं का रोजगार छिन गया, तो वहीं दूसरी ओर महिलाओं के बकाया भुगतान न होने से महिलाओं की बैंक की सिबिल खराब हो गई. महिलाओं का कहना है कि वे कर्ज में डूब गई हैं. महीनों बाद भी अब तक भुगतान नहीं किया गया है, जिसके बाद उन्हें आंदोलन करना पड़ रहा है.

बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई इस योजना से देशभर के कई राज्यों की महिलाएं जुड़ी हैं और आंगनबाड़ी में राशन पहुंचाकर रोजगार कर रही हैं, लेकिन उत्तराखंड में महिला स्वयं सहायता समूह के स्थान पर किसी निजी कंपनी को काम देने पर विचार किया गया था. साल 2022 में इस योजना को बंद करते हुए ई टेंडरिंग के माध्यम से तकरीबन 652 करोड़ रुपये का काम निजी कंपनी को देने की प्लानिंग सरकार कर रही थी, लेकिन प्रदेशभर की महिलाओं के विरोध के चलते यह टेंडर प्रक्रिया निरस्त की गई. वहीं, इस वर्ष महिलाओं को टेक होम राशन के तहत राशन वितरित करने के लिए मना कर दिया गया है. इसके बाद टेक होम राशन योजना से जुड़े प्रदेश के करीब डेढ़ सौ से ज्यादा समूह की महिलाओं ने आंदोलन शुरू कर दिया और सड़कों पर आ गईं. महिलाओं का आरोप है कि यह सरकार महिला सशक्तिकरण की बात करती है, लेकिन महिलाओं को कर्ज में डालने का काम भी सरकार ने बखूबी निभाया है.

जब हमारा घर बिक जाएगा…
स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिला गीता मौर्या ने बताया कि जो राशन हमने वितरित कर दिया था, उसका बकाया महीनों से अटका पड़ा है. भुगतान अभी तक नहीं किया गया है. इसके चलते दुकानदारों का दबाव बहुत पड़ रहा है. वे लोग कह रहे हैं कि घर बेचकर पैसा दो. जब हमारा घर बिक जाएगा, तब सरकार पैसे देगी तो उस पैसे का हम क्या करेंगे. गीता ने आगे कहा कि जिन महिलाओं ने लोन लिया था, उनकी सिबिल खराब हो गई है. महिलाएं कर्ज में डूब गई हैं और सड़कों पर आने की कगार पर हैं.

वहीं रीटा नेगी ने बताया कि राज्यभर की महिलाएं इस योजना से साल 2014 में जुड़ी थीं. महिलाओं का रोजगार बेहतर ढंग से चल रहा था लेकिन अचानक सरकार निजी कंपनी को यह काम देना चाहती थी, जिसका हमने विरोध किया लेकिन एक बार फिर सरकार वही स्कीम अपनाना चाह रही है. उन्होंने बताया कि पिछले 6 महीने से उनका भुगतान नहीं किया गया है, जिससे इस योजना से जुड़े लाखों लोगों को बहुत नुकसान उठाना पड़ रहा है.

उत्तराखंड की कैबिनेट ने कही ये बात
वहीं, इस मामले में उत्तराखंड की कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य ने बताया कि नवंबर 2022 तक राज्य के सभी जनपदों में टेक होम राशन से जुड़े समूहों को 49 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया. वहीं, 2022-23 की जो धनराशि लंबित है, इसके लिए शासन से बजट की मांग की गई है. शासन स्तर से बजट आते ही समूहों को भुगतान कर दिया जाएगा.

Tags: Dehradun news, Free Ration, Uttarakhand news

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