अंजलि सिंह राजपूत
लखनऊ में स्थित है बुद्धेश्वर महादेव मंदिर.इसके बारे में कहा जाता है कि पौराणिक कथाओं के अनुसार प्रभु श्रीराम के आदेश पर जब उनके छोटे भाई लक्ष्मण माता सीता को लेकर वन में छोड़ने के लिए जा रहे थे तब उनको सीता जी की सुरक्षा की चिंता सताने लगी थी.इसके लिए उन्होंने इसी स्थान पर भगवान शिव की आराधना की थी.जिससे प्रसन्न होकर महादेव जी ने यहां पर लक्ष्मण को दर्शन दिया था.भोलेनाथ ने लक्ष्मण से कहा था कि थोड़ी दूर पर वाल्मीकि आश्रम है, वहां पर माता सीता को छोड़ दो.वो जगह उनके लिए पूरी तरह से सुरक्षित है.जब लक्ष्मण भगवान शिव के दर्शन कर रहे थे उस वक्त माता सीता मंदिर के पास में ही बने कुंड में स्नान कर रहीं थीं.जो आज भी मंदिर के करीब स्थित है और सीता कुंड के नाम से प्रसिद्ध है.जिस दिन भगवान शंकर ने लक्ष्मण को दर्शन दिए थे उस दिन बुधवार था.यही वजह है कि यह मंदिर बुद्धेश्वर महादेव मंदिर के नाम से जाना जाता है.
सावन में लगता है मेला
सावन के महीने में यहां पर मेला लगता है और भक्तों का दर्शन आराधना के लिए तांता भी लगा रहता है.इतना ही नहीं इस मंदिर में लोग शादियां भी करते हैं और हर तरह की पारंपरिक रस्में भी यहां पर निभाई जाती हैं.इस मंदिर में शिवजी के अलावा अन्य कई देवी-देवताओं की भी मूर्तियां स्थापित हैं जिनकी पूजा आराधना भक्त करते हैं.यहां पर हवन कुंड भी है जहां पर नौ ग्रहों की भी पूजा की जाती है.
बुधवार को चढ़ाया जाता है जल
यहां आने वाले भक्त बुधवार के दिन शिवजी पर जल अर्पित कर मनोकामना मांगते हैं.इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि जो भी भक्त 11 बुधवार या 21 बुधवार लगातार यहां आता है और घंटी बांधने का संकल्प लेता है उसकी मनोकामना पूरी होती है.मनोकामना पूरी होने पर भक्त यहां पर घंटी बांधकर जाते हैं.
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