इंडोनेशिया: रेप के आरोपी को मारे गए 146 कोड़े, बेहोश होने के बाद भी जारी रही सजा

(सांकेतिक फोटो)
अभियाजन कार्यालय के अधिकारी इवान ननजर अलावी बताते हैं कि इस तरह कि सजा इसलिए दी जाती है, ताकि अन्य लोगों में डर पैदा हो और वे अपराध करने से डरें.
- News18Hindi
- Last Updated: November 27, 2020, 3:15 PM IST
जकार्ता. इंडोनेशिया में एक बच्चे से रेप के आरोपी (Rape Accused) को 146 कोड़े (Lashes) मारने की सजा (Punishment) दी गई है. खास बात है कि यहां इस्लामिक कानून (Islamic Law) तोड़ने पर इतनी मुश्किल सजाएं दी जाती हैं. गंभीर अपराधों के लिए असेह में कोड़े मारना आम बात है. यहां के अधिकारी बताते हैं कि इतनी मुश्किल सजा देने का मकसद दूसरे अपराधियों के मन में ऐसे अपराधों को लेकर डर भरना है. इस क्षेत्र में ऑटोनॉमी के तहत इस्लाम के कानूनों का पालन होता है. ऐसा करने वाला यह एकमात्र इलाका है.
पिटते-पिटते बेहोश हुआ आरोपी
19 साल के युवक पर एक बच्चे से बलात्कार करने का आरोप है. इसी वजह से उसे अपने शरीर पर 146 कोड़े खाने पड़े. अधिकारी ने खुले मंच पर युवक को जब सजा दी, तो वह दर्द के मारे बुरी तरह कराहने लगा. इतना ही नहीं आरोपी बीच में बेहोश भी हुआ, लेकिन सजा नहीं रुकी. दर्द ज्यादा बढ़ जाने पर वहां मौजूद डॉक्टरों ने उसका इलाज किया और सजा दोबारा शुरू की गई. आरोपी युवक को बीते साल उत्पीड़न और रेप के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.
इस्लामिक कानून लागू है यहांइससे पहले भी गुरुवार को यहां दो लोगों यौन अपराधों के चलते 100 कोड़े मारने की सजा दी गई थी. अभियाजन कार्यालय के अधिकारी इवान ननजर अलावी बताते हैं कि इस तरह कि सजा इसलिए दी जाती है, ताकि अन्य लोगों में डर पैदा हो और वे अपराध करने से डरें. कई बार सजा के इस तरीके का मानवाधिकार संगठनों ने विरोध भी किया है. सुमात्रा के पश्चिमी इलाके में मौजूद असेह एकमात्र ऐसा मुस्लिम बहुल राज्य है, जहां केंद्र सरकार के साथ एक ऑटोनॉमी डील के तहत इस्लामिक कानून लागू किया गया है.
इंडोनेशिया में दी जाने वाली इस सजा को असेह की ज्यादातर मुस्लिम आबादी का समर्थन हासिल है. इतना ही नहीं सार्वजनिक रूप से दी जाने वाली इस खतरनाक सजा को देखने के लिए भीड़ भी जुटती है. इसके अलावा जुआ खेलने, शराब पीने, समलैंगिक संबंध रखने पर भी सजा दी जाती है.
पिटते-पिटते बेहोश हुआ आरोपी
19 साल के युवक पर एक बच्चे से बलात्कार करने का आरोप है. इसी वजह से उसे अपने शरीर पर 146 कोड़े खाने पड़े. अधिकारी ने खुले मंच पर युवक को जब सजा दी, तो वह दर्द के मारे बुरी तरह कराहने लगा. इतना ही नहीं आरोपी बीच में बेहोश भी हुआ, लेकिन सजा नहीं रुकी. दर्द ज्यादा बढ़ जाने पर वहां मौजूद डॉक्टरों ने उसका इलाज किया और सजा दोबारा शुरू की गई. आरोपी युवक को बीते साल उत्पीड़न और रेप के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.
इस्लामिक कानून लागू है यहांइससे पहले भी गुरुवार को यहां दो लोगों यौन अपराधों के चलते 100 कोड़े मारने की सजा दी गई थी. अभियाजन कार्यालय के अधिकारी इवान ननजर अलावी बताते हैं कि इस तरह कि सजा इसलिए दी जाती है, ताकि अन्य लोगों में डर पैदा हो और वे अपराध करने से डरें. कई बार सजा के इस तरीके का मानवाधिकार संगठनों ने विरोध भी किया है. सुमात्रा के पश्चिमी इलाके में मौजूद असेह एकमात्र ऐसा मुस्लिम बहुल राज्य है, जहां केंद्र सरकार के साथ एक ऑटोनॉमी डील के तहत इस्लामिक कानून लागू किया गया है.
इंडोनेशिया में दी जाने वाली इस सजा को असेह की ज्यादातर मुस्लिम आबादी का समर्थन हासिल है. इतना ही नहीं सार्वजनिक रूप से दी जाने वाली इस खतरनाक सजा को देखने के लिए भीड़ भी जुटती है. इसके अलावा जुआ खेलने, शराब पीने, समलैंगिक संबंध रखने पर भी सजा दी जाती है.