नई दिल्ली. अफगानिस्तान में तालिबान के शासन (Taliban Rule) ने पिछले दो दशकों के दौरान बनी पूरी व्यवस्था बिगाड़ कर रख दी है. लोकतांत्रिक देशों के समर्थन वाली अफगान सरकार (Afghan Government) अब खत्म हो चुकी है और उससे संबंधित हर विभाग के लोग अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं. इन लोगों में एक तबका भारत में ट्रेनिंग हासिल करने वाले अफगान आर्मी के अधिकारियों (Afghan Army Officials) का भी है. देश के नए शासन में इन अधिकारियों को तालिबान और पाकिस्तान दोनों से खतरा है.
टाइम्स ऑफ इंडिया पर प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक इन अधिकारियों ने भारत से मदद की अपील की है. अधिकारियों का कहना है कि भारत से उन्हें बड़ी आशा है. एक अधिकारी का कहना है- जब तालिबान ने हमला किया तब उनके पास बायोमीट्रिक पैड थे. वो लोगों को उस पर अंगुलियां रखने को कहते और सारी जानकारी खुलकर सामने आ जाती. ये बेहद डरावना अनुभव है.
‘हमारे चार साथियों को मार डाला गया’
इंडियन मिलिट्री एकेडमी से ट्रेंड इस 26 वर्षीय अधिकारी ने अपना नाम गोपनीय रखने की शर्त पर बताया- खबर आई कि हमारे चार साथियों को मार डाला गया. हमारे बारे में भी पूरी जानकारी सरकार और सेना के पास है. इसी वजह से हमें सुरक्षित जगहों पर शरण लेनी पड़ी. करीब एक हफ्ते से हमलोग छुपे हुए हैं.
इस अधिकारी की तरह और भी कई लोग हैं जो पाकिस्तान और तालिबान के निशाने पर हो सकते हैं. एक अन्य अधिकारी ने कहा कि जब उसे तालिबान के आने की जानकारी मिली तो वो भी एयरपोर्ट की तरफ भागा. लेकिन वहां से उसे पीट कर भगा दिया गया. इसके बाद से वो अपने घर पर ही है. यह अधिकारी भी आईएमए से पासआउट है.
‘मुझे मालूम है कि वो लोग जिंदा नहीं छोड़ेंगे’
एक अन्य अधिकारी का कहना है-मैं तालिबान की मूवमेंट पर निगाह रखने का काम करता था. मुझे मालूम है कि वो लोग जिंदा नहीं छोड़ेंगे. भारत में ट्रेनिंग पाए अधिकारियों के सामने सबसे बड़ी समस्या ये है कि पाकिस्तानी आर्मी उन्हें नहीं छोड़ेगी.
एक अधिकारी ने कहा- मैं ऐसे कई सैनिकों को जानता हूं जिन्हें अमेरिका, जर्मनी और ऑस्ट्रेलिया से ट्रेनिंग मिली थी. उन अधिकारियों को देश से बाहर निकालने में इन देशों ने मदद की है. हमें किसी भी दूसरे देश से ज्यादा भारत पर भरोसा है.
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