शिया बहुल ईरान में पहले से 3.38 मिलियन (33 लाख 80 हजार) अफगानी शरणार्थी रह रहे हैं, अफगानिस्तान एक सुन्नी बहुल देश है. (फोटो- AP)
काबुल. अफगानिस्तान के काबुल एयपोर्ट (Kabul Airport) पर इन दिनों अफरातफरी का माहौल है. एयरपोर्ट के बाहर हज़ारों की संख्या में लोग इस इंतज़ार में खड़े हैं कि किसी तरह उन्हें कोई अफगानिस्तान (Afghanistan) से बाहर लेकर जाए. खासकर महिलाओं और बच्चों का बुरा हाल है. यहां लोग बच्चों के लिए दूध और पानी की भी भारी किल्लत का सामना कर रहे हैं. भारत ने अब तक अपने सैकड़ों नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकाला है, लेकिन अब भी हज़ारों भारतीय वहां फंसे हैं.
अफगानिस्तान की राजधानी में हवाईअड्डे के बाहर इंतजार कर रहे ऐसे ही एक भारतीय महिला ने उस बुरे हालात के बारे में बातचीत की. एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, इस महिला की 32 साल की बेटी ने एक अफगान नागरिक से शादी की थी. एयरपोर्ट पर उनकी बेटी और दो साल का नाती पिछले तीन दिन से पलकें बिछाए बैठे हैं.
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इस महिला ने बताया कि उन्हें तीन दिन पहले भारतीय दूतावास में लोगों ने काबुल हवाईअड्डे पर बिना किसी सामान के आने को कहा था. तीन दिनों के लिए उन्हें हवाई अड्डे के पास एक मैरिज हॉल में रखा गया और बाहर न निकलने के लिए कहा गया. उन्होंने कहा, ‘बीती रात करीब 12 बजे हमें फिर से एक बस में एयरपोर्ट ले जाया गया. वो सभी सुबह 11 बजे तक बस में इंतजार कर रहे. फिर तालिबान आया और उनमें से लगभग 150 को ले गया. मेरा दामाद पास में रहता है. उसने अपने छोटे भाई को बुलाया और मेरी बेटी को वहां से ले जाने में कामयाब रहा.’
दिल्ली में रहने वाली उनकी मां ने कहा, ‘एक तरह से वो पिछले तीन दिनों से सड़क पर हैं.बच्चे के लिए दूध नहीं है. पीने के लिए पानी नहीं है. मैं भारत सरकार से उन्हें सुरक्षित वापस लाने का अनुरोध करती हूं.’
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