नई दिल्ली: अफगानिस्तना में तालिबान को कब्जा किए हुए 20 दिन से ज्यादा का समय हो गया है. अभी तक तालिबान (Taliban) ने सरकार बनाने को लेकर किसी भी तरह की घोषणा नहीं है. वहीं दूसरी तरफ तालिबान की लड़ाई पंजशीर के विरोधी दलों से ही हो रही है. इन सब हालातों के देखकर यूएस जनरल मार्क मिले का मानना है कि अफगानिस्तान (Afghanistan) में गृहयुद्ध की भारी संभावना है. फॉक्स न्यूज से बात करते हुए उन्होंने कहा कि अगर गृहयुद्ध होता है तो इससे अलकायदा और आईएसआईएस का विकास होगा उन्हें काफी मजबूती मिलेगी.
उन्होंने कहा कि जिस तालिबान ने तेजी से अफगान सेना को हराते हुए अफगानिस्तान के सभी प्रांतों में अधिकार जमाया उसे पंजशीर में चुनौती मिल रही है. पंजशीर (Panjshir) पहली जगह है जहां तालिबान को इतने देर तक रुकना पड़ा. इसका एक बड़ा कारण हो सकता है कि इन विरोधियों का अमहमद मसूद और अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति अमरुल्ला सलेह का नेतृत्व करना.
हक्कानी नेटवर्क से शुरू हुआ संघर्ष
जहां एक तरफ तालिबान लगातार पंजशीर के साथ लड़ाई लड़ रहा है वहीं अब तालिबान और हक्कानी नेटवर्क के बीच भी संघर्ष की खबरें सामने आ रही हैं. यह सब परिस्थितियां यह दिखा रही हैं कि अफगानिस्तान की सत्ता पर तालिबान का बने रहना इतना आसान नहीं होगा जितना उसने सोचा था.
अल जजीरा की रिपोर्ट में कहा गया कि पंजशीर की लड़ाई में अब तक लगभ 600 तालिबानी मारे गए, जबकि 1000 से अधिक तालिबानियों को पकड़ लिया गया है. यह तब सामने आया है जब तालिबान पंजशीर में अपनी जीत के दावे कर रहा है. तालिबान के सूत्र का कहना है कि पंजशीर की लड़ाई जारी है लेकिन राजदानी बाजारक और प्रांतीय गवर्नर के परिसर की तरफ बारूदी सुरंगो की वजह से आगे बढ़ना धीमा हो गया था.
मार्क मिले ने अमेरिका के बाहर निकलने और अफगान सेना के अप्रत्याशित पतन पर भी टिप्पणी की और उन्होंने कहा कि अफगान सेना का पतन किसी की अपेक्षा से कहीं अधिक तेज गति से हुआ. उन्होंने कहा किसी ने भी नहीं सोचा था कि अफगान सेना इतनी आसानी से तालिबानियों के सामने हथियार डाल देगी.
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