गरीबी बढ़ने के कारण अफ़गानों का जीवन असहनीय रूप से कठिन हो गया है-WFP (फोटो-ANI)
काबुल. तालिबान के कब्जे के बाद से अफगानिस्तान (Taliban Rule In Afghanistan) की अर्थव्यवस्था बुरी तरह से चरमरा गई है. विश्व खाद्य कार्यक्रम (World Food Program) ने एक बयान में कहा है कि अफगानिस्तान में बेरोजगारी और गरीबी का स्तर बढ़ गया है, जिससे अफगानियों का जीवन असहनीय रूप से कठिन हो गया है. अफगानिस्तान की न्यूज एजेंसी खामा प्रेस के अनुसार विश्व खाद्य कार्यक्रम ने बुधवार को ट्वीट करते हुए लिखा कि देश की अधिकांश आबादी को मानवीय सहायता की सख्त जरूरत है. तालिबान के कब्जे के बाद से अफगान लोग भूखे मर रहे हैं. वे अपने ही देश में सुख-शांति से जीवन व्यतीत करना भूल गए हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक संयुक्त राष्ट्र ने बताया कि तालिबान के कब्जे के बाद से अफगानिस्तान में गरीबी दर बढ़कर 97 प्रतिशत हो गई है. देश के दस में से 9 लोग पर्याप्त भोजन खरीदने का खर्च नहीं उठा पा रहे हैं, वहीं विश्व खाद्य कार्यक्रम ने अनुमान लगाया है कि देश के 19 मिलियन यानी (1 करोड़ 90 लाख) लोग खाद्य असुरक्षा का सामना करते हैं. 1.5 करोड़ लोगों को विश्व खाद्य कार्यक्रम अब अगले छह महीने तक भोजन और पोषण सहायता प्रदान करेगा.
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OCHA अफगानिस्तान ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि 19 मिलियन (1 करोड़ 90 लाख) लोग खाद्य असुरक्षा का सामना कर रहे हैं. 25 मिलियन (2.5 करोड़) गरीबी से परेशान लोग हैं. 5.8 मिलियन (58 लाख) लोग लंबे समय से आतंरिक विस्थापन में हैं और हजारों की संख्या में लोग प्राकृतिक आपदाओं के चलते बेघर हो गए हैं, इनका पूरा घर ही तबाह हो गया है.
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