थाईलैंड में स्वाइन फीवर की पहचान
बैंकॉक: थाइलैंड में अफ्रीकन स्वाइन फीवर की पहचान होने से हड़कंप मच गया है. बूचड़खाने से मिले मांस के सैंपल की जांच के बाद इसकी आधिकारिक पुष्टि हुई है. नाखोन पेथन प्रांत स्थित स्लाटरहाउस से स्वैब सैंपल को जांच के लिए कलेक्ट किया गया था. दरअसल कुछ सप्ताह से यह अटकले लगाई जा रही थी कि यह बीमारी थाई सुअर के समूहों को नष्ट कर रही है और इसको छिपाने की कोशिश की जा रही है. इसके बाद अधिकारियों ने वीकेंड पर जांच शुरू की.
डिपार्टमेंट ऑफ लाइवस्टॉक डेवलपमेंट के निदेशक सोराविस थानेटो ने कहा कि, 309 सैंपलों में से एक सैंपल में अफ्रीकन स्वाइन फीवर की पुष्टि हुई है. इनमें 10 फॉर्म हाउस के सुअरों के ब्लड सैंपल और स्लाटरहाउस के 2 स्वैब सैंपल शामिल हैं. उन्होंने कहा कि हम इस बीमारी के सोर्स का पता लगाने की
कोशिश भी कर रहे हैं.
थाईलैंड में अफ्रीकन स्वाइन बुखार की पहचान उस वक्त हुई है जब अधिकारियों ने यूरोप और एशिया में फैली इस घातक बीमारी के स्थानीय प्रकोप से इनकार कर दिया था और लाखों सुअरों को मार डाला था. इसके अलावा कुछ दिनों पहले कासेटसार्ट यूनिवर्सिटी ने कहा था कि उनकी लैब में पिछले महीने
एक मृत पालतू सूअर में यह बीमारी पाई गई थी और थाईलैंड में इस बीमारी का पहला मामला था.
अफ्रीकन स्वाइन फीवर के मामले की पुष्टि होने के बाद अधिकारियों ने जिस जगह से यह सैंपल कलेक्ट किया था, वहां से 5 किलोमीटर के एरिया को बीमारी का केंद्र घोषित कर दिया है और सुअरों की गतिविधियों पर सीमित रोक लगा दी है. इसके अलावा संक्रमित सुअरों को मारने और प्रभावित किसानों को इसके बदले में मुआवजा देने पर विचार किया जा रहा है.
बता दें कि पश्चिमी यूरोप के कई देशों में फिर से सुअरों में तेजी से यह घातक वायरस फैल रहा है. जिसके कारण इन देशों से सुअरों के मांस के होने वाले निर्यात पर रोक लगने का खतरा बढ़ गया है. जर्मनी पिछले एक साल से अफ्रीकन स्वाइन फीवर की समस्या से जूझ रहा है.
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