अमेरिका: फाइजर के बाद मोडेर्ना को भी मिला इमरजेंसी अप्रूवल, 94 फीसदी रही थी असरदार

अमेरिका ने मॉडर्ना को आपात इस्तेमाल की अनुमति दे दी है. (सांकेतिक तस्वीर)
Corona Vaccine Update: मोडेर्ना (Moderna) और फाइजर-बायोएनटेक की वैक्सीन को mRNA वैक्सीन कहा जा रहा है। ये नई तकनीक से तैयार हुईं हैं, जिनमें कोरोना वायरस नहीं है। इसका मतलब है कि ये वैक्सीन संक्रमण फैलाने के बजाए एक जैनेटिक कोड का इस्तेमाल करेंगी.
- News18Hindi
- Last Updated: December 19, 2020, 12:11 PM IST
वॉशिंगटन. कोरोना वायरस (Corona Virus) के खिलाफ जंग में अमेरिका ने कोशिशें तेज कर दी हैं. शुक्रवार को अमेरिकी ने मोडेर्ना की वैक्सीन को भी आपातकाल उपयोग की अनुमति दे दी है. कुछ समय पहले ही देश में फाइजर (Pfizer) की वैक्सीन को इमरजेंसी अप्रूवल मिला था. फिलहाल दोनों की स्टडीज के अंतिम नतीजे आने बाकी हैं, लेकिन अब तक मिले डेटा के अनुसार, दोनों वैक्सीन सुरक्षित नजर आ रही हैं. अमेरिका (America) कोरोना महामारी से सर्वाधिक प्रभावित देश है.
अमेरिकी संस्था खाद्य एवं औषधि प्रशासन यानि एफडीए (FDA) की तरफ से मिली अनुमति के बाद
मोडेर्ना की वैक्सीन की शुरुआत सोमवार से हो सकती है. मोडेर्ना ने यह वैक्सीन नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के साथ मिलकर तैयार की है. खास बात है कि मोडेर्ना का टीका काफी हद तक फाइजर और बायोएनटेक की वैक्सीन से मिलता जुलता है.
हालांकि, बताया जा रहा है कि मोडेर्ना की वैक्सीन को अत्याधिक ठंडे तापमान की जरूरत नहीं पड़ती है. इस लिहाज से इसे संभालना फाइजर की तुलना में थोड़ा आसान है. एक आधिकारिक बयान के अनुसार एफडीए ने पाया है कि मोडेर्ना कोविड-19 (Covid-19) टीका आपातकालीन परिस्थितियों में इस्तेमाल किये जाने के लिये वैधानिक मानदंडों पर खरा उतरा है.एनआईएच के निदेशक डॉक्टर फ्रांसिस कॉलिन्स ने द एसोसिएटेड प्रेस से बातचीत के दौरान कहा कि दोनों वैक्सीन हमारी उम्मीद से ज्यादा अच्छा काम कर रही हैं. उन्होंने कहा कि अगर वास्तव में हम 2021 के मध्य तक 80 या इससे ज्यादा अमेरिकी नागरिकों को कोविड-19 के खिलाफ इम्युनिटी नहीं दे पाए, तो यह जोखिम है कि महामारी जारी रह सकती है. खास बात है कि मॉडर्ना के टीके को 18 साल या इससे बड़ी उम्र के लोगों को लगाया जा सकता है. वहीं, फाइजर के मामले में शुरुआती उम्र 16 वर्ष है.
यह भी पढ़ें: अमेरिका में शुरू हुआ टीकाकरण, उप राष्ट्रपति माइक पेंस ने लाइव टीवी पर ली कोविड वैक्सीन
मोडेर्ना और फाइजर-बायोएनटेक की वैक्सीन को mRNA वैक्सीन कहा जा रहा है. ये नई तकनीक से तैयार हुईं हैं, जिनमें कोरोना वायरस नहीं है. इसका मतलब है कि ये वैक्सीन संक्रमण फैलाने के बजाए एक जैनेटिक कोड का इस्तेमाल करेंगी, जो इम्यून सिस्टम को वायरस की सतह पर स्पाइक प्रोटीन को पहचानने के लिए तैयार करेगा.

30 हजार लोगों पर की गई स्टडी में पता चला है कि मोडेर्ना 18 साल या इससे ज्यादा उम्र के लोगों में 94 फीसदी से ज्यादा असरदार रही है. इसके अलावा मॉडर्ना की स्टडी में कोई भी बड़ी सुरक्षा संबंधी परेशानी नहीं आई. जबकि, फाइजर-बायोएनटेक के टीके के बाद दर्द, बुखार जैसी परेशानियां सामने आईं थीं.
अमेरिकी संस्था खाद्य एवं औषधि प्रशासन यानि एफडीए (FDA) की तरफ से मिली अनुमति के बाद
मोडेर्ना की वैक्सीन की शुरुआत सोमवार से हो सकती है. मोडेर्ना ने यह वैक्सीन नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के साथ मिलकर तैयार की है. खास बात है कि मोडेर्ना का टीका काफी हद तक फाइजर और बायोएनटेक की वैक्सीन से मिलता जुलता है.
हालांकि, बताया जा रहा है कि मोडेर्ना की वैक्सीन को अत्याधिक ठंडे तापमान की जरूरत नहीं पड़ती है. इस लिहाज से इसे संभालना फाइजर की तुलना में थोड़ा आसान है. एक आधिकारिक बयान के अनुसार एफडीए ने पाया है कि मोडेर्ना कोविड-19 (Covid-19) टीका आपातकालीन परिस्थितियों में इस्तेमाल किये जाने के लिये वैधानिक मानदंडों पर खरा उतरा है.एनआईएच के निदेशक डॉक्टर फ्रांसिस कॉलिन्स ने द एसोसिएटेड प्रेस से बातचीत के दौरान कहा कि दोनों वैक्सीन हमारी उम्मीद से ज्यादा अच्छा काम कर रही हैं. उन्होंने कहा कि अगर वास्तव में हम 2021 के मध्य तक 80 या इससे ज्यादा अमेरिकी नागरिकों को कोविड-19 के खिलाफ इम्युनिटी नहीं दे पाए, तो यह जोखिम है कि महामारी जारी रह सकती है. खास बात है कि मॉडर्ना के टीके को 18 साल या इससे बड़ी उम्र के लोगों को लगाया जा सकता है. वहीं, फाइजर के मामले में शुरुआती उम्र 16 वर्ष है.
यह भी पढ़ें: अमेरिका में शुरू हुआ टीकाकरण, उप राष्ट्रपति माइक पेंस ने लाइव टीवी पर ली कोविड वैक्सीन
मोडेर्ना और फाइजर-बायोएनटेक की वैक्सीन को mRNA वैक्सीन कहा जा रहा है. ये नई तकनीक से तैयार हुईं हैं, जिनमें कोरोना वायरस नहीं है. इसका मतलब है कि ये वैक्सीन संक्रमण फैलाने के बजाए एक जैनेटिक कोड का इस्तेमाल करेंगी, जो इम्यून सिस्टम को वायरस की सतह पर स्पाइक प्रोटीन को पहचानने के लिए तैयार करेगा.
30 हजार लोगों पर की गई स्टडी में पता चला है कि मोडेर्ना 18 साल या इससे ज्यादा उम्र के लोगों में 94 फीसदी से ज्यादा असरदार रही है. इसके अलावा मॉडर्ना की स्टडी में कोई भी बड़ी सुरक्षा संबंधी परेशानी नहीं आई. जबकि, फाइजर-बायोएनटेक के टीके के बाद दर्द, बुखार जैसी परेशानियां सामने आईं थीं.