अमेरिका: जो बाइडन की इमिग्रेशन बिल में भारत के लोगों के लिए क्या है खास?

इस विधेयक में इमिग्रेशन प्रोसेस के आधुनिकीकरण और रोजगार आधारित ग्रीन कार्ड के लिए हर देश के तय की गई सीमा को खत्म करने का भी प्रावधान है. इससे अमेरिका में हजारों भारतीय आईटी प्रोफेशनल को फफायदा होगा.
US Citizenship Act 2021: इस विधेयक में इमिग्रेशन प्रोसेस के आधुनिकीकरण और रोजगार आधारित ग्रीन कार्ड के लिए हर देश के तय की गई सीमा को खत्म करने का भी प्रावधान है
- News18Hindi
- Last Updated: January 22, 2021, 12:57 PM IST
वाशिंगटन. अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन (Joe Biden) ने पद भार संभालने के बाद पहले दिन कांग्रेस को एक इमिग्रेशन बिल भेजा है. इस विधेयक में इमिग्रेशन से जुड़ी व्यवस्था में प्रमुख संशोधन किये जाने का प्रस्ताव है. ‘यूएस सिटीजनशिप एक्ट ऑफ 2021’ में इमीग्रेशन को उदार बनाया गया है. इस विधेयक के जरिये हजारों की संख्या में अप्रवासियों और अन्य समूहों को नागरिकता मिलने का रास्ता साफ होगा. इसके अलावा अमेरिका के बाहर ग्रीन कार्ड (Green Card) के लिए परिवार के सदस्यों को कम समय तक इंतजार करना पड़ेगा.
इस विधेयक में इमिग्रेशन प्रोसेस के आधुनिकीकरण और रोजगार आधारित ग्रीन कार्ड के लिए हर देश के तय की गई सीमा को खत्म करने का भी प्रावधान है. इससे अमेरिका में हजारों भारतीय आईटी प्रोफेशनल को फफायदा होगा. व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘आज राष्ट्रपति बाइडन ने कांग्रेस को एक इमिग्रेशन विधेयक भेजा. अमेरिकी नागरिकता अधिनियम हमारी इमीग्रेशन प्रणाली का आधुनिकीकरण करने वाला है. यह मेहनती लोगों और यहां दशकों से रह रहे लोगों को नागरिकता हासिल करने का एक अवसर प्रदान करता है.’
नागरिकता लेना होगा आसान
साकी ने कहा कि विधेयक में राष्ट्रपति की प्राथमिकताएं होती है जिसमें सीमा का जिम्मेदारी से प्रबंधन , परिवारों को एक साथ रखने, हमारी अर्थव्यवस्था को विकसित करने और मध्य अमेरिका से पलायन के मूल कारणों का पता लगाना शामिल हैं. व्हाइट हाउस ने कहा कि ये विधेयक अमेरिका की अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करेगा और ये सुनिश्चित करेगा कि प्रत्येक कर्मचारी सुरक्षित हो. यह विधेयक अप्रवासी पड़ोसियों, सहकर्मियों, सहयोगियों, समुदाय के नेताओं, दोस्तों, और प्रियजनों के लिए नागरिकता के लिए एक रास्ता बनाता है.ये भी पढ़ें:- अरुणाचल में गांव बसाने की खबरों पर चीन ने दी सफाई, कहा- ये हमारा इलाका है
आईटी प्रोफेशनल को फायदा
इस विधेयक से भारतीय आईटी पेशेवरों को फायदा होगा जिनमें से अधिकतर उच्च रूप से दक्ष हैं और एच-1 वीजा पर अमेरिका आये थे. ये लोग मौजूदा इमीग्रेशन प्रणाली से सबसे ज्यादा पीड़ित हैं क्योंकि इसमें ग्रीन कार्ड या स्थायी कानूनी निवास के लिए प्रति देश सात प्रतिशत आवंटन की व्यवस्था है. विधेयक में ‘नो बैन एक्ट’ शामिल है जो धर्म पर आधारित भेदभाव को रोकता है और भविष्य के प्रतिबंध जारी करने के लिए राष्ट्रपति के अधिकार को सीमित करता है. इस विधेयक में 55 हजार की जगह 80 हजार वीजा देने की बात कही गई है.
इस विधेयक में इमिग्रेशन प्रोसेस के आधुनिकीकरण और रोजगार आधारित ग्रीन कार्ड के लिए हर देश के तय की गई सीमा को खत्म करने का भी प्रावधान है. इससे अमेरिका में हजारों भारतीय आईटी प्रोफेशनल को फफायदा होगा. व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘आज राष्ट्रपति बाइडन ने कांग्रेस को एक इमिग्रेशन विधेयक भेजा. अमेरिकी नागरिकता अधिनियम हमारी इमीग्रेशन प्रणाली का आधुनिकीकरण करने वाला है. यह मेहनती लोगों और यहां दशकों से रह रहे लोगों को नागरिकता हासिल करने का एक अवसर प्रदान करता है.’
नागरिकता लेना होगा आसान
साकी ने कहा कि विधेयक में राष्ट्रपति की प्राथमिकताएं होती है जिसमें सीमा का जिम्मेदारी से प्रबंधन , परिवारों को एक साथ रखने, हमारी अर्थव्यवस्था को विकसित करने और मध्य अमेरिका से पलायन के मूल कारणों का पता लगाना शामिल हैं. व्हाइट हाउस ने कहा कि ये विधेयक अमेरिका की अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करेगा और ये सुनिश्चित करेगा कि प्रत्येक कर्मचारी सुरक्षित हो. यह विधेयक अप्रवासी पड़ोसियों, सहकर्मियों, सहयोगियों, समुदाय के नेताओं, दोस्तों, और प्रियजनों के लिए नागरिकता के लिए एक रास्ता बनाता है.ये भी पढ़ें:- अरुणाचल में गांव बसाने की खबरों पर चीन ने दी सफाई, कहा- ये हमारा इलाका है
आईटी प्रोफेशनल को फायदा
इस विधेयक से भारतीय आईटी पेशेवरों को फायदा होगा जिनमें से अधिकतर उच्च रूप से दक्ष हैं और एच-1 वीजा पर अमेरिका आये थे. ये लोग मौजूदा इमीग्रेशन प्रणाली से सबसे ज्यादा पीड़ित हैं क्योंकि इसमें ग्रीन कार्ड या स्थायी कानूनी निवास के लिए प्रति देश सात प्रतिशत आवंटन की व्यवस्था है. विधेयक में ‘नो बैन एक्ट’ शामिल है जो धर्म पर आधारित भेदभाव को रोकता है और भविष्य के प्रतिबंध जारी करने के लिए राष्ट्रपति के अधिकार को सीमित करता है. इस विधेयक में 55 हजार की जगह 80 हजार वीजा देने की बात कही गई है.