अमेरिका ने भारत को बताया हिंद-प्रशांत में सबसे अहम सहयोगी, कहा- विश्व की प्रमुख शक्ति के रूप में आपके उदय का स्वागत

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत को अपना सबसे महत्वपूर्ण सहयोगी बताया.
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत को (India-US Relations) अपना सबसे महत्वपूर्ण सहयोगी बताया और कहा कि वह भारत के विश्व की एक प्रमुख शक्ति के रूप में उदय और क्षेत्र के एक प्रहरी के रूप में उसकी भूमिका का स्वागत करता है.
- भाषा
- Last Updated: February 10, 2021, 11:06 AM IST
वाशिंगटन. अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत को (India-US Relations) अपना सबसे महत्वपूर्ण सहयोगी बताया और कहा कि वह भारत के विश्व की एक प्रमुख शक्ति के रूप में उदय और क्षेत्र के एक प्रहरी के रूप में उसकी भूमिका का स्वागत करता है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'भारत, हिंद- प्रशांत क्षेत्र में अमेरिका का एक अहम साझेदार है. हम भारत के विश्व की एक प्रमुख शक्ति के रूप में उदय और क्षेत्र के एक प्रहरी के रूप में उसकी भूमिका का स्वागत करते हैं.'
इससे पहले, अमेरिका के विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिंकन ने भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मंगलवार को बातचीत की थी और दोनों नेताओं ने म्यांमा के हालात पर तथा साझा चिंताओं वाले अन्य मुद्दों पर चर्चा की. ब्लिंकन ने म्यांमा में सैन्य तख्तापलट पर चिंता जताई और कानून के शासन तथा लोकतांत्रिक प्रक्रिया के महत्व पर भी चर्चा की. दोनों नेताओं ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत और अमेरिका के सहयोग के महत्व सहित क्षेत्रीय घटनाक्रमों पर विचार-विमर्श किया.
प्राइस ने कहा, 'दोनों पक्षों ने 'क्वाड' के जरिए क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ाने तथा कोविड-19 महामारी और जलवायु परिवर्तन जैसी चुनौतियों से निपटने की उम्मीद जताई.' प्राइस ने एक सवाल के जवाब में कहा कि अमेरिका और भारत की 'समग्र वैश्विक रणनीतिक साझेदारी' व्यापक होने के साथ-साथ बहुआयामी भी है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'भारत, हिंद- प्रशांत क्षेत्र में अमेरिका का एक अहम साझेदार है. हम भारत के विश्व की एक प्रमुख शक्ति के रूप में उदय और क्षेत्र के एक प्रहरी के रूप में उसकी भूमिका का स्वागत करते हैं.'
इससे पहले, अमेरिका के विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिंकन ने भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मंगलवार को बातचीत की थी और दोनों नेताओं ने म्यांमा के हालात पर तथा साझा चिंताओं वाले अन्य मुद्दों पर चर्चा की. ब्लिंकन ने म्यांमा में सैन्य तख्तापलट पर चिंता जताई और कानून के शासन तथा लोकतांत्रिक प्रक्रिया के महत्व पर भी चर्चा की. दोनों नेताओं ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत और अमेरिका के सहयोग के महत्व सहित क्षेत्रीय घटनाक्रमों पर विचार-विमर्श किया.