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अब 2 महाशक्तियों के बीच होगी जंग? रूसी जेट से टकराकर अमेरिकी ड्रोन के उड़े परखचे, US तमतमाया और बढ़ गई टेंशन

अमेरिकी सेना ने कहा कि दो रूसी Su-27 लड़ाकू विमानों ने काला सागर (Black Sea) के ऊपर उसके MQ-9 रीपर ड्रोन पर ईंधन डाला और फिर उससे टकरा गए, जिससे ड्रोन दुर्घटनाग्रस्त हो गया. (File Photos)

अमेरिकी सेना ने कहा कि दो रूसी Su-27 लड़ाकू विमानों ने काला सागर (Black Sea) के ऊपर उसके MQ-9 रीपर ड्रोन पर ईंधन डाला और फिर उससे टकरा गए, जिससे ड्रोन दुर्घटनाग्रस्त हो गया. (File Photos)

Russian SU-27 Jets vs US MQ-9 Reaper Drone: अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने वॉशिंगटन में प ...अधिक पढ़ें

वॉशिंगटन: अमेरिकी सेना ने कहा कि दो रूसी Su-27 लड़ाकू विमानों ने मंगलवार को काला सागर (Black Sea) के ऊपर उसके MQ-9 रीपर ड्रोन पर ईंधन डाला और फिर उससे टकरा गए, जिससे ड्रोन दुर्घटनाग्रस्त हो गया. यूएस यूरोपियन कमांड ने कहा, ‘दो रूसी Su-27 लड़ाकू विमानों ने मानव रहित MQ-9 रीपर को अंतरराष्ट्रीय जल सीमा के ऊपर रोका और एक ने इसके प्रोपेलर को काट दिया. टक्कर से पहले कई बार, रूस के दोनों Su-27 विमानों ने अमेरिकी MQ-9 रीपर ड्रोन पर ईंधन फेंका और लापरवाह और गैरपेशेवर तरीके से उड़ान भरी.’ रूस ने अपने बयान में किसी तरह की टक्कर से इनकार किया है और कहा है कि अमेरिकी ड्रोन स्वत: ही पानी में गिर गया.

अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने वॉशिंगटन में पत्रकारों से कहा कि ब्लैक सी पर रूसी इंटरसेप्ट आम बात थी, लेकिन यह घटना ध्यान देने योग्य है, क्योंकि रूसी विमानों की ओर से यह बहुत असुरक्षित और गैरपेशेवर रवैया था, वास्तव में लापरवाही भरा. ब्रसेल्स में नेटो के राजनयिकों ने इस घटना की पुष्टि की, लेकिन कहा कि उन्हें उम्मीद नहीं थी कि यह तुरंत एक और टकराव में बदल जाएगा. नाम न छापने की शर्त पर एएफपी से बात करते हुए नेटो सेना के एक स्रोत ने कहा कि रूस और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच राजनयिक चैनल किसी भी टकराव को सीमित करने में मदद कर सकते हैं.

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पिछले साल फरवरी में यूक्रेन पर रूस के आक्रमण ने मॉस्को और पश्चिमी नेटो सैन्य गठबंधन के बीच सीधे टकराव की आशंका को बढ़ा दिया है. नेटो कीव को अपनी सुरक्षा करने में मदद कर रहा है. पिछले साल नवंबर में पूर्वी पोलैंड में एक मिसाइल हमले की खबर ने थोड़ी देर के लिए नेटो और रूस के बीच सीधे टकराव की संभावना को बढ़ा दिया था. बाद में नेटो देशों ने निष्कर्ष निकाला कि यह एक यूक्रेनी एयर डिफेंस मिसाइल थी, जो तकनीकी खराबी के चलते गलती से पोलैंड की सीमा में जा गिरी थी, रूसी मिसाइल नहीं थी. संयुक्त राज्य अमेरिका निगरानी और हमले दोनों के लिए MQ-9 रीपर ड्रोन का उपयोग करता है, और रूसी नौसैनिक बलों पर नजर रखते हुए काला सागर पर लंबे समय से इनका संचालन कर रहा है.

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इस बीच, रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा कि अमेरिकी ड्रोन उनकी सीमा के पास उड़ान भर रहा था और वह रूसी प्राधिकारियों द्वारा प्रतिबंधित सीमा के रूप में घोषित किए गए क्षेत्र में घुस गया. उसने कहा कि रूसी सेना ने ड्रोन को रोकने के लिए लड़ाकू विमानों को तैनात किया और ड्रोन तेजी से मुड़ने के बाद पानी में गिर गया. MQ-9 रीपर ड्रोन अमेरिकी सेना द्वारा उपयोग किए जाने वाले सबसे अपडेटेड मानव रहित विमान (Unmanned Aerial Vehicle) में से एक है. यह सबसे एडवांस सेंसर, कैमरे से लैस है. रीपर ड्रोन हेलफायर मिसाइलों के साथ-साथ लेजर-गाइडेड बमों से लैस हो सकते हैं और अमेरिकी वायु सेना के अनुसार 1,100 मील (1,770 किलोमीटर) से अधिक की ऊंचाई पर 15,000 मीटर (50,000 फीट) तक उड़ सकते हैं.

Tags: America, Russia, Ukraine

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