चीन पर नरमी दिखाने के मूड में नहीं अमेरिका! पेंटागन ने तैयार किया टास्क फोर्स

अमेरिकी राष्ट्रपति बनने के बाद पहली बार पेंटागन पहुंचे जो बाइडेन. (POTUS Twitter/11 Feb 2021)
United States vs China: बाइडेन ने कहा, ‘हमें चीन की बढ़ती चुनौतियों से निपटने की आवश्यकता है, ताकि शांति कायम रह सके.'
- भाषा
- Last Updated: February 11, 2021, 10:55 AM IST
वॉशिंगटन. अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने बताया कि पेंटागन ने एक कार्यबल का गठन किया है, जो चीन द्वारा पेश की जा रही चुनौती से निपटने के लिए आगामी कुछ महीने में अपने सुझाव देगा. बाइडेन ने पेंटागन के अपने पहले दौरे में बुधवार को कहा, ‘इस कार्यबल में विभिन्न मंत्रालयों के असैन्य एवं सैन्य विशेषज्ञ शामिल होंगे, जो रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन को आगामी कुछ महीने में अहम प्राथमिकताओं एवं निर्णय संबंधी सुझाव देगा, ताकि हम चीन संबंधी मामलों को आगे ले जाने के लिए एक मजबूत मार्ग तैयार कर सकें.’
उन्होंने कहा, ‘इसके लिए पूरी सरकार के प्रयास, संसद में द्विपक्षीय समर्थन और मजबूत गठबंधन एवं साझेदारी की आवश्यकता होगी. इस तरह हम चीन की चुनौती से निपटेंगे और भविष्य की प्रतिस्पर्धा में अमेरिकियों की जीत सुनिश्चित करेंगे.’ पेंटागन ने एक बयान में बताया कि विदेश मंत्री के विशेष सहायक डॉ. एली रैटनर इस कार्यबल की अगुवाई करेंगे, जो चार महीने में अपने सुझाव देगी.
बाइडेन ने कहा, ‘हमें चीन की बढ़ती चुनौतियों से निपटने की आवश्यकता है, ताकि शांति कायम रह सके और हिंद-प्रशांत एवं विश्वभर में हमारे हितों की रक्षा हो सके.’ देश की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने भी बाइडेन के साथ पेंटागन का दौरा किया.
LAC के हालात पर अमेरिका की पैनी नजर
दूसरी ओर, भारत-चीन सीमा के हालात पर अमेरिका पैनी नजर रखे हुए है और उसने अपने पड़ोसियों को डराने-धमकाने के चीन के रवैए पर चिंता व्यक्त की है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘हम हालात पर पैनी नजर रखे हुए हैं. हम भारत एवं चीन की सरकारों के बीच जारी वार्ता से अवगत हैं और सीधी वार्ता और उन सीमा विवादों के शांतिपूर्ण समाधान का लगातार समर्थन कर रहे हैं.’ भारत और चीन की सेनाओं के बीच पिछले साल मई की शुरुआत से पूर्वी लद्दाख में सीमा को लेकर गतिरोध चल रहा है.
उन्होंने कहा, ‘इसके लिए पूरी सरकार के प्रयास, संसद में द्विपक्षीय समर्थन और मजबूत गठबंधन एवं साझेदारी की आवश्यकता होगी. इस तरह हम चीन की चुनौती से निपटेंगे और भविष्य की प्रतिस्पर्धा में अमेरिकियों की जीत सुनिश्चित करेंगे.’ पेंटागन ने एक बयान में बताया कि विदेश मंत्री के विशेष सहायक डॉ. एली रैटनर इस कार्यबल की अगुवाई करेंगे, जो चार महीने में अपने सुझाव देगी.
बाइडेन ने कहा, ‘हमें चीन की बढ़ती चुनौतियों से निपटने की आवश्यकता है, ताकि शांति कायम रह सके और हिंद-प्रशांत एवं विश्वभर में हमारे हितों की रक्षा हो सके.’ देश की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने भी बाइडेन के साथ पेंटागन का दौरा किया.
दूसरी ओर, भारत-चीन सीमा के हालात पर अमेरिका पैनी नजर रखे हुए है और उसने अपने पड़ोसियों को डराने-धमकाने के चीन के रवैए पर चिंता व्यक्त की है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘हम हालात पर पैनी नजर रखे हुए हैं. हम भारत एवं चीन की सरकारों के बीच जारी वार्ता से अवगत हैं और सीधी वार्ता और उन सीमा विवादों के शांतिपूर्ण समाधान का लगातार समर्थन कर रहे हैं.’ भारत और चीन की सेनाओं के बीच पिछले साल मई की शुरुआत से पूर्वी लद्दाख में सीमा को लेकर गतिरोध चल रहा है.