पेरू में अमीर लोगों के गुपचुप तरीके लगवाए कोविड टीके, आम जनता में बढ़ा रोष

गुपचुप तरीके से चीनी वैक्सीन लगवाने वाले 487 लोगों का नाम क्लीनिकल ट्रायल्स के लिए 12 हजार वॉलिंटियर्स में शामिल नहीं था. (सांकेतिक तस्वीर)
Coronavirus in Peru: वेटिकन के राजदूत ने माना था कि स्वास्थ्यकर्मियों और गरीबों से पहले उनका टीकाकरण (Vaccination) हो चुका है. कई अमीरों के गुपचुप तरीके से टीका लगवाने की खबरों के बाद देश में नर्सों ने बुधवार को विरोध जताया है.
- ए पी
- Last Updated: February 18, 2021, 12:04 PM IST
लीमा. पेरू (Peru) में सम्पन्न और ऊंचे संपर्क वाले लोगों का गोपनीय तरीके से कोरोना वायरस टीकाकरण (Coronavirus Vaccine) करने को लेकर आम जनता में रोष गुरुवार को और बढ़ गया. एक दिन पहले ही दक्षिण अमेरिका में वेटिकन (Vetican) के राजदूत ने माना था कि स्वास्थ्यकर्मियों और गरीबों से पहले उनका टीकाकरण हो चुका है. तत्कालीन राष्ट्रपति, उनकी पत्नी और भाई समेत करीब 500 लोगों का गोपनीय तरीके से टीकाकरण करने के कारण देश में असमानता को लेकर गुस्सा बढ़ गया है.
लीमा में चिकित्सकों और नर्सों ने चुनिंदा लोगों का गोपनीय तरीके से टीकाकरण करने को लेकर बुधवार को प्रदर्शन किया. विरोध दर्ज कराने के लिए उन्होंने अस्पतालों की खिड़कियों के बाहर साइनबोर्ड टांग दिए थे. इन पर लिखा था 'वैक्सीन मिलना हमारा अधिकार है.' खास बात है कि महामारी ने पेरू को बुरी तरह प्रभावित किया है. देश में कम से कम 310 डॉक्टर इस घातक वायरस की चपेट में आने से मौत हो गई है.
इस बीच, शहर के आर्चबिशप ने गुपचुप तरीके से टीका लगवाने को लेकर वेटिकन के राजदूत की आलोचना की. आर्चबिशप कार्लोस कैस्टिलो ने सरकारी टेलीविजन पर कहा कि उन्होंने पोप फ्रांसिस के प्रतिनिधि निकोला गिरासोली से संपर्क किया और कहा कि वह ‘विशेषाधिकार प्राप्त लोगों की सूची का हिस्सा हैं जिन्होंने परेशान लोगों के पीठ पीछे कार्य किया.’ गिरासोली ने मंगलवार को एक वक्तव्य में टीका लगवाने की पुष्टि की थी.
यह भी पढ़ें: कोविड-19: भारत और इंडोनेशिया के लिए सीमाएं बंद करना सिंगापुर के हित में नहीं, अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा असरगुपचुप तरीके से चीनी वैक्सीन लगवाने वाले 487 लोगों का नाम क्लीनिकल ट्रायल्स के लिए 12 हजार वॉलिंटियर्स में शामिल नहीं था. इन वॉलिंटियर्स का चुनाव वैक्सीन की प्रभावकारिता को जांचने के लिए किया गया था. प्रेस ने खुलासा किया था कि पूर्व राष्ट्रपति मार्टिन विसकारा, उनकी पत्नी और भाई ने अक्टूबर में ही टीका लगवा लिया था.

उस समय प्रशासन वैक्सीन खरीद के लिए मोलभाव कर रहा था. जॉन्स हॉप्किन्स यूनिवर्सिटी के आंकड़ों के अनुसार, देश में अब तक 10 लाख से ज्यादा कोविड-19 के मामले मिल चुके हैं. जिनमें से 44 हजार 56 मरीजों की मौत हो गई है.
लीमा में चिकित्सकों और नर्सों ने चुनिंदा लोगों का गोपनीय तरीके से टीकाकरण करने को लेकर बुधवार को प्रदर्शन किया. विरोध दर्ज कराने के लिए उन्होंने अस्पतालों की खिड़कियों के बाहर साइनबोर्ड टांग दिए थे. इन पर लिखा था 'वैक्सीन मिलना हमारा अधिकार है.' खास बात है कि महामारी ने पेरू को बुरी तरह प्रभावित किया है. देश में कम से कम 310 डॉक्टर इस घातक वायरस की चपेट में आने से मौत हो गई है.
इस बीच, शहर के आर्चबिशप ने गुपचुप तरीके से टीका लगवाने को लेकर वेटिकन के राजदूत की आलोचना की. आर्चबिशप कार्लोस कैस्टिलो ने सरकारी टेलीविजन पर कहा कि उन्होंने पोप फ्रांसिस के प्रतिनिधि निकोला गिरासोली से संपर्क किया और कहा कि वह ‘विशेषाधिकार प्राप्त लोगों की सूची का हिस्सा हैं जिन्होंने परेशान लोगों के पीठ पीछे कार्य किया.’ गिरासोली ने मंगलवार को एक वक्तव्य में टीका लगवाने की पुष्टि की थी.
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उस समय प्रशासन वैक्सीन खरीद के लिए मोलभाव कर रहा था. जॉन्स हॉप्किन्स यूनिवर्सिटी के आंकड़ों के अनुसार, देश में अब तक 10 लाख से ज्यादा कोविड-19 के मामले मिल चुके हैं. जिनमें से 44 हजार 56 मरीजों की मौत हो गई है.