गणतंत्र दिवस पर नई दिल्ली के राजपथ पर बांग्लादेश की सेना भी परेड में लेगी भाग

बांग्लादेश सशस्त्र बल के जवान गणतंत्र दिवस पर नई दिल्ली में परेड में शामिल होगी. (प्रतीकात्मक फोटोः AFP)
Bangladesh Armed Forces Will Parade in New Delhi on Republicd Day: बांग्लादेश में भारतीय उच्चायोग ने एक विज्ञप्ति में कहा कि बांग्लादेश सशस्त्र बलों (Bangladesh Armed Forces) के 122 सैनिकों की एक टुकड़ी विशेष विमान IAF C-17 में भारत के लिए रवाना हो गई है. यह टुकड़ी 26 जनवरी 2021 को नई दिल्ली में भारत के गणतंत्र दिवस परेड में भाग लेगी.
- News18Hindi
- Last Updated: January 13, 2021, 6:54 PM IST
ढाका. बांग्लादेश (Bangladesh) मुक्ति संग्राम के 50 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में बांग्लादेश ट्राइ-सर्विस मार्चिंग कंटेस्टेंट और सेरेमोनियल बैंड इस साल गणतंत्र दिवस परेड (Republic Day Parade) में नई दिल्ली (New Delhi) के राजपथ (Rajpath) पर हिस्सा लेंगे. बांग्लादेश में भारतीय उच्चायोग ने एक विज्ञप्ति में कहा कि बांग्लादेश सशस्त्र बलों (Bangladesh Armed Forces) के 122 सैनिकों की एक टुकड़ी विशेष विमान IAF C-17 में भारत के लिए रवाना हो गई है. यह टुकड़ी 26 जनवरी 2021 को नई दिल्ली में भारत के गणतंत्र दिवस परेड में भाग लेगी. विज्ञप्ति में यह भी कहा गया है कि बांग्लादेश की सैन्य टुकड़ियों में अधिकांश सैनिक बांग्लादेश सेना की सबसे प्रतिष्ठित यूनिट से आते हैं, जिनमें 1, 2, 3, 4, 8, 9, 10 और 11 पूर्वी बंगाल रेजिमेंट और 1, 2 और 3 फील्ड आर्टिलरी रेजिमेंट शामिल हैं जिन्हें 1971 के लिबरेशन युद्ध में लड़ने और जीतने का विशिष्ट सम्मान प्राप्त है.
बांग्लादेश सशस्त्र बल के 50 साल पूरे हुए
2021 एक मह्रत्वपूर्ण वर्ष है क्योंकि इस वर्ष लिबरेशन युद्ध के 50 साल पूरे हो गए, जिसके माध्यम से बांग्लादेश एक जीवंत राष्ट्र के रूप में उभरा, जो भारत के सहयोग से अत्याचार और उत्पीड़न से मुक्त हुआ था. मुक्ति संग्राम 1971 में 25 मार्च से 16 दिसंबर तक चला और 16 दिसम्बर को बांग्लादेश ने पकिस्तान से आजादी हासिल की. भारत ने 93 हजार सैनिकों को घुटने टेकने के लिए मजबूर कर दिया था.
भारत ने बांलादेश की आजादी की लड़ाई में दिया था बहुमूल्य योगदानभारत पहला देश था जिसने दिसंबर 1971 में अपनी आजादी के तुरंत बाद बांग्लादेश को एक अलग और स्वतंत्र राज्य के रूप में मान्यता दी और देश के साथ राजनयिक संबंध स्थापित किए. 50 साल पहले एक साथ मिलकर लड़ने वाली ताकतें अब एक बार फिर से राजपथ पर मार्च करेंगी. बांग्लादेश की टुकड़ी बहादुर मुक्ति योद्धाओं की विरासत को आगे बढ़ाएगी जिन्होंने स्वतंत्रता, न्याय और अपने लोगों के लिए लड़ाई लड़ी.
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विज्ञप्ति में इस टुकड़ी के सदस्यों के बारे में बताया गया है. बांग्लादेश सशस्त्र बल की इस टुकड़ी में बांग्लादेश की थल सेना, बांग्लादेशी नौसेना के नाविक और बांग्लादेश वायु सेना के सैनिक शामिल हैं. भारत और बांग्लादेश के बीच इतिहास, संस्कृति, भाषा, धर्मनिरपेक्षता, लोकतंत्र, और अनगिनत अन्य समानताओं को साझा करते हैं.
बांग्लादेश सशस्त्र बल के 50 साल पूरे हुए
2021 एक मह्रत्वपूर्ण वर्ष है क्योंकि इस वर्ष लिबरेशन युद्ध के 50 साल पूरे हो गए, जिसके माध्यम से बांग्लादेश एक जीवंत राष्ट्र के रूप में उभरा, जो भारत के सहयोग से अत्याचार और उत्पीड़न से मुक्त हुआ था. मुक्ति संग्राम 1971 में 25 मार्च से 16 दिसंबर तक चला और 16 दिसम्बर को बांग्लादेश ने पकिस्तान से आजादी हासिल की. भारत ने 93 हजार सैनिकों को घुटने टेकने के लिए मजबूर कर दिया था.
भारत ने बांलादेश की आजादी की लड़ाई में दिया था बहुमूल्य योगदानभारत पहला देश था जिसने दिसंबर 1971 में अपनी आजादी के तुरंत बाद बांग्लादेश को एक अलग और स्वतंत्र राज्य के रूप में मान्यता दी और देश के साथ राजनयिक संबंध स्थापित किए. 50 साल पहले एक साथ मिलकर लड़ने वाली ताकतें अब एक बार फिर से राजपथ पर मार्च करेंगी. बांग्लादेश की टुकड़ी बहादुर मुक्ति योद्धाओं की विरासत को आगे बढ़ाएगी जिन्होंने स्वतंत्रता, न्याय और अपने लोगों के लिए लड़ाई लड़ी.
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विज्ञप्ति में इस टुकड़ी के सदस्यों के बारे में बताया गया है. बांग्लादेश सशस्त्र बल की इस टुकड़ी में बांग्लादेश की थल सेना, बांग्लादेशी नौसेना के नाविक और बांग्लादेश वायु सेना के सैनिक शामिल हैं. भारत और बांग्लादेश के बीच इतिहास, संस्कृति, भाषा, धर्मनिरपेक्षता, लोकतंत्र, और अनगिनत अन्य समानताओं को साझा करते हैं.