ट्रंप के Twitter Ban पर बोले CEO जैक डोर्सी- इस पर कोई गर्व नहीं, ये खतरनाक ट्रेंड है

ट्रंप के ट्विटर बैन पर सीईओ जैक डोर्सी ने कहा- हम भी इससे खुश नहीं. (न्यूज़18 क्रिएटिव)
Twitter CEO Jack Dorsey on Trump Ban: ट्विटर के सीईओ जैक डोर्सी ने ट्रंप के ट्विटर बैन पर कहा कि किसी एक पल में बैन सही हो सकता है, लेकिन लंबे वक्त में ये मुक्त इंटरनेट व्यवस्था के आदर्श के लिए विनाशकारी साबित होगा.
- News18Hindi
- Last Updated: January 14, 2021, 10:48 PM IST
वाशिंगटन. माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर के प्रमुख जैक डोर्सी ( Twitter CEO Jack Dorsey) ने पहली बार अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ट्विटर बैन (Donald Trump Twitter Ban) को लेकर अपनी चुप्पी तोड़ी है. जैक डोर्सी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अकाउंट सस्पेंड करने के फैसले का बचाव किया और कहा कि हमारे सामने असामान्य और मुश्किल परिस्थियां थीं. हालांकि जैक ने कहा कि ये कोई आदर्श स्थिति नहीं है और हमें इस तरह ट्रंप का अकाउंट बैन करने को लेकर कोई गर्व भी महसूस नहीं हो रहा है.
जैक नेकहा कि ट्रंप के ट्विटर अकाउंट पर स्थायी प्रतिबंध लगाने का फैसला एक 'खतरनाक मिसाल' है. यह एक माइक्रोब्लॉगिंग साइट की विफलता है, लेकिन मजबूरन हमें यह फैसला लेना पड़ा है. जैक डोर्सी ने कहा कि सुरक्षा की दृष्टि से यह निर्णय बेहद सोच-समझ के बाद लिया गया था. ये बेहद ज़रूरी हो गया था और हम वाशिंगटन में हिंसा को और फैलने नहीं दे सकते थे. बता दें कि इंस्टाग्राम, फेसबुक, Youtube और ट्विटर के बाद Snapchat ने भी ट्रंप के अकाउंट को स्थायी और अस्थायी रूप से बंद कर दिया है.
'मुझे इस फैसले पर गर्व नहीं'
ट्विटर प्रमुख ने कहा, 'मुझे यह स्वीकार करने में कोई हिचकिचाहट नहीं है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को प्रतिबंधित करने पर हमें कोई गर्व नहीं है, क्योंकि यह स्वस्थ कंटेंट को बढ़ावा देने में माइक्रोब्लॉगिंग साइट की विफलता है. हालांकि, हमें चेतावनी देने के बाद यह कदम उठाया है. एक देश की सुरक्षा को मद्देनजर रखते हुए यह फैसला किया गया है. कई लोग हमारे इस फैसले से खुश नहीं हैं. वे इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला बता रहे हैं. हालांकि, मुझे पूरा यकीन है कि मौजूदा हालात के लिए यह एकदम सही निर्णय है.'
डोर्सी ने कहा, "अभी तक ट्विटर जैसे प्लैटफॉर्म की शक्तियों और उत्तरदायित्व को लेकर संतुलन बना हुआ था क्योंकि ये इंटरनेट का एक छोटा सा हिस्सा है. अगर लोग हमारे नियमों से सहमत नहीं होते हैं तो वे आसानी से दूसरी इंटरनेट सेवाओं का रुख कर सकते हैं. इससे हमारी ताकत सीमित थी. लेकिन पिछले सप्ताह इस अवधारणा को नुकसान पहुंचा जब तमाम इंटरनेट टूल प्रोवाइडर्स ने अपने प्लैटफॉर्म पर कुछ चीजों को खतरनाक समझते हुए बैन लगाने का फैसला किया. मुझे नहीं लगता है कि सभी कंपनियों ने एक-दूसरे से बातचीत करके ऐसा फैसला किया बल्कि कंपनियां खुद इस नतीजे पर पहुंचीं. मुझे लगता है कि दूसरी कंपनियों की कार्रवाई से उनका हौसला बढ़ा.

ट्रंप पर भड़काऊ बयान देने का आरोप
बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप कई बार सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर आपत्तिजनक और भड़काऊ कमेंट कर चुके हैं. ट्विटर ने उनके कई पोस्ट को समय-समय पर हटाया भी है. यूएस कैपिटल में हुई भीषण हिंसा से पहले भी ट्रंप ने कुछ आपत्तिजनक ट्वीट किए थे, जिन्हें कुछ समय बाद ही कंपनी ने हटा दिया. यूएस कैपिटल हिंसा के दिन ही ट्रंप के अकाउंट को 12 घंटे के लिए बंद कर दिया था फिर 24 घंटों के लिए प्रतिबंध लगाया गया. इसके साथ ही चेतावनी दी थी कि अगर ट्रंप उकसाने वाले ट्वीट करना बंद नहीं करते हैं, तो उनका अकाउंट हमेशा के लिए बंद कर दिया जाएगा. हालांकि, इसके बाद सुरक्षा के मद्देनजर अकाउंट पर स्थायी रूप से प्रतिबंध लगा दिया गया है.
जैक नेकहा कि ट्रंप के ट्विटर अकाउंट पर स्थायी प्रतिबंध लगाने का फैसला एक 'खतरनाक मिसाल' है. यह एक माइक्रोब्लॉगिंग साइट की विफलता है, लेकिन मजबूरन हमें यह फैसला लेना पड़ा है. जैक डोर्सी ने कहा कि सुरक्षा की दृष्टि से यह निर्णय बेहद सोच-समझ के बाद लिया गया था. ये बेहद ज़रूरी हो गया था और हम वाशिंगटन में हिंसा को और फैलने नहीं दे सकते थे. बता दें कि इंस्टाग्राम, फेसबुक, Youtube और ट्विटर के बाद Snapchat ने भी ट्रंप के अकाउंट को स्थायी और अस्थायी रूप से बंद कर दिया है.
ट्विटर बॉस ने आगे कहा, 'किसी एक पल में बैन सही हो सकता है लेकिन लंबे वक्त में ये मुक्त इंटरनेट व्यवस्था के आदर्श के लिए विनाशकारी साबित होगा.' डोर्सी ने कहा कि किसी कंपनी की तरफ से होने वाले रेगुलेशन और सरकार की सेंसरशिप में अंतर है लेकिन कई बार दोनों एक जैसे ही लग सकते हैं. टर के सीईओ ने कहा कि हमें ये बात माननी होगी कि ये वक्त अनिश्चितताओं और संघर्ष से युक्त है लेकिन हमारी कोशिश यही रहेगी कि हम दुनिया में लोगों के बीच आपसी समझ बढ़ाने और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व को प्रोत्साहित कर सकें. हमें और ज्यादा पारदर्शी होना पड़ेगा.I do not celebrate or feel pride in our having to ban @realDonaldTrump from Twitter, or how we got here. After a clear warning we’d take this action, we made a decision with the best information we had based on threats to physical safety both on and off Twitter. Was this correct?
— jack (@jack) January 14, 2021
That said, having to ban an account has real and significant ramifications. While there are clear and obvious exceptions, I feel a ban is a failure of ours ultimately to promote healthy conversation. And a time for us to reflect on our operations and the environment around us.
— jack (@jack) January 14, 2021
'मुझे इस फैसले पर गर्व नहीं'
ट्विटर प्रमुख ने कहा, 'मुझे यह स्वीकार करने में कोई हिचकिचाहट नहीं है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को प्रतिबंधित करने पर हमें कोई गर्व नहीं है, क्योंकि यह स्वस्थ कंटेंट को बढ़ावा देने में माइक्रोब्लॉगिंग साइट की विफलता है. हालांकि, हमें चेतावनी देने के बाद यह कदम उठाया है. एक देश की सुरक्षा को मद्देनजर रखते हुए यह फैसला किया गया है. कई लोग हमारे इस फैसले से खुश नहीं हैं. वे इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला बता रहे हैं. हालांकि, मुझे पूरा यकीन है कि मौजूदा हालात के लिए यह एकदम सही निर्णय है.'
डोर्सी ने कहा, "अभी तक ट्विटर जैसे प्लैटफॉर्म की शक्तियों और उत्तरदायित्व को लेकर संतुलन बना हुआ था क्योंकि ये इंटरनेट का एक छोटा सा हिस्सा है. अगर लोग हमारे नियमों से सहमत नहीं होते हैं तो वे आसानी से दूसरी इंटरनेट सेवाओं का रुख कर सकते हैं. इससे हमारी ताकत सीमित थी. लेकिन पिछले सप्ताह इस अवधारणा को नुकसान पहुंचा जब तमाम इंटरनेट टूल प्रोवाइडर्स ने अपने प्लैटफॉर्म पर कुछ चीजों को खतरनाक समझते हुए बैन लगाने का फैसला किया. मुझे नहीं लगता है कि सभी कंपनियों ने एक-दूसरे से बातचीत करके ऐसा फैसला किया बल्कि कंपनियां खुद इस नतीजे पर पहुंचीं. मुझे लगता है कि दूसरी कंपनियों की कार्रवाई से उनका हौसला बढ़ा.
ट्रंप पर भड़काऊ बयान देने का आरोप
बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप कई बार सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर आपत्तिजनक और भड़काऊ कमेंट कर चुके हैं. ट्विटर ने उनके कई पोस्ट को समय-समय पर हटाया भी है. यूएस कैपिटल में हुई भीषण हिंसा से पहले भी ट्रंप ने कुछ आपत्तिजनक ट्वीट किए थे, जिन्हें कुछ समय बाद ही कंपनी ने हटा दिया. यूएस कैपिटल हिंसा के दिन ही ट्रंप के अकाउंट को 12 घंटे के लिए बंद कर दिया था फिर 24 घंटों के लिए प्रतिबंध लगाया गया. इसके साथ ही चेतावनी दी थी कि अगर ट्रंप उकसाने वाले ट्वीट करना बंद नहीं करते हैं, तो उनका अकाउंट हमेशा के लिए बंद कर दिया जाएगा. हालांकि, इसके बाद सुरक्षा के मद्देनजर अकाउंट पर स्थायी रूप से प्रतिबंध लगा दिया गया है.