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अफजल खान: पाकिस्तानी मूल का वो सांसद जिसने पहलगाम पर इंग्लैंड की संसद में PAK का समर्थन किया

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Afzal Khan British MP: पाकिस्तानी मूल के सांसद अफजल खान ने ब्रिटेन की संसद में पहलगाम हमले पर चर्चा के दौरान 'आतंक की नर्सरी' के प्वॉइंट ऑफ व्यू को ही आगे बढ़ाया.

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अफजल खान: वो पाकिस्तानी जिसने इंग्लैंड की संसद में PAK का समर्थन कियाअफजल खान, लेबर पार्टी के सांसद हैं. (File Photo)
नई दिल्ली: पहलगाम आतंकी हमले की चहुंओर भर्त्सना हो रही है. ब्रिटेन की संसद ने इस नरसंहार के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित किया. वहां बहस के दौरान, पाकिस्तानी मूल के एक सांसद मोहम्मद अफजल खान ने अपना दोगलापन दिखा दिया. भले ही पूरा ब्रिटेन पाकिस्तानियों के ‘ग्रूमिंग गैंग्स’ से त्रस्त हो, लेकिन खान के मुंह से पाकिस्तान के खिलाफ एक शब्द नहीं निकलता. उल्टे पहलगाम हमले को लेकर वह पाकिस्तान सरकार की लाइन को ही दोहराने लगे. ब्रिटिश लेबर पार्टी के नेता ने संसद में दिए बयान को एक्स (पहले ट्विटर) पर भी शेयर किया. खान ने हमले की निंदा तो की लेकिन एक स्वतंत्र जांच की मांग कर डाली.

अपने पोस्ट में, खान ने लिखा, ‘मैंने सदन में कश्मीर में हुए भयावह हमले पर अपनी भयावहता व्यक्त की, हमले की स्वतंत्र जांच की मांग की और आग्रह किया कि स्थिति हमारे सड़कों पर न उबले. भारत और पाकिस्तान की सरकारों को शांति की दिशा में सहयोग करना चाहिए.’ हालांकि, अफजल खान का इतिहास भारत विरोधी बयानों और विवादों से भरा रहा है, जिसके चलते उन्हें अक्सर आलोचना का सामना करना पड़ा है.
कौन हैं अफजल खान?
मोहम्मद अफजल खान का जन्म 5 अप्रैल 1958 को वेस्ट पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) में हुआ था. वे बाद में ब्रिटेन चले गए और वहां की राजनीति में सक्रिय हो गए. वे 2017 से मैनचेस्टर रशहोल्म (पहले मैनचेस्टर गॉर्टन) से ब्रिटिश संसद के सदस्य हैं. 2005-2006 में वे मैनचेस्टर के लॉर्ड मेयर भी रह चुके हैं. 2008 में उन्हें रेस रिलेशंस के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए कमांडर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द ब्रिटिश एम्पायर (CBE) से सम्मानित किया गया. 2023 में उन्हें शैडो मिनिस्टर फॉर एक्सपोर्ट्स नियुक्त किया गया, लेकिन एक महीने बाद ही उन्होंने गाजा में युद्धविराम की मांग करने वाली स्कॉटिश नेशनल पार्टी (SNP) की एक प्रस्ताव के समर्थन में अपने पद से इस्तीफा दे दिया.
भारत विरोधी बयानों का इतिहास
अफजल खान का भारत विरोधी बयानों का इतिहास पुराना है. 2019 में, उन्होंने एक विवादित वीडियो फेसबुक पर शेयर किया था, जिसमें अमेरिकी कॉमेडियन जॉन स्टीवर्ट इजरायल के तत्कालीन प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के बारे में बात कर रहे थे. इस वीडियो के साथ जो टेक्स्ट था, उसमें “इजरायल-ब्रिटिश-स्विस-रोथ्सचाइल्ड्स क्राइम सिंडिकेट” और “रोथ्सचाइल्ड्स इजरायली माफिया क्रिमिनल लायर्स” जैसे आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया गया था. इस पोस्ट को लेकर उनकी कड़ी आलोचना हुई, क्योंकि इसे यहूदी-विरोधी और भारत-विरोधी प्रोपेगेंडा के रूप में देखा गया, क्योंकि भारत और इजरायल के बीच मजबूत रणनीतिक साझेदारी है. बाद में खान ने इसके लिए माफी मांगी, लेकिन इस घटना ने उनकी छवि को नुकसान पहुंचाया.
कश्मीर मुद्दे पर भी खान ने कई बार भारत के खिलाफ बयान दिए हैं. वे अक्सर कश्मीर में जनमत संग्रह (प्लेबिसाइट) की वकालत करते रहे हैं, जो भारत के लिए संवेदनशील मुद्दा है. उनके बयानों को भारत में कई बार पाकिस्तान समर्थित माना गया है. खासकर तब जब वे भारत पर कश्मीर में मानवाधिकार उल्लंघन का आरोप लगाते हैं, लेकिन आतंकवाद के मुद्दे पर चुप्पी साध लेते हैं.
अफजल खान का राजनीतिक करियर कई बार विवादों में रहा है. गाजा में युद्धविराम के लिए SNP के प्रस्ताव का समर्थन करना उनके करियर का एक और विवादित कदम था, जिसके चलते उन्हें शैडो मिनिस्टर के पद से इस्तीफा देना पड़ा था.

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Deepak Verma
Deepak Verma is a journalist currently employed as Deputy News Editor in News18 Hindi (Digital). Born and brought up in Lucknow, Deepak's journey began with print media and soon transitioned towards digital. He...और पढ़ें
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