Brexit: खत्म हुआ ब्रिटेन और यूरोपीय संघ का रिश्ता, PM बोरिस जॉनसन ने लगाई अंतिम मुहर

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की फाइल फोटो (फोटो- AP)
Brexit: इस डील की लड़ाई 4 साल पुरानी है. 2016 में ब्रिटेन ने यूरोपीय संघ से अलग होने का फैसला किया था. इस रेफरेंडम पर जनता ने भी अपना समर्थन जताया था. ब्रिटेन के नागरिकों ने 28 देशों के संघ से अलग होने के पक्ष में मत दिया था.
- News18Hindi
- Last Updated: December 31, 2020, 1:12 PM IST
लंदन. साल 2016 से जारी ब्रेग्जिट डील (Brexit deal) पर आखिरकार बुधवार को विराम लग गया. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन (PM Boris Johnson) ने ब्रैग्जिट ट्रेड डील पर दस्तखत कर दिए हैं. इसी के साथ अब यूरोपीय संघ (European Union) और ब्रिटेन के बीच सालों पुराना संबंध खत्म हो गया है. माना जाता है कि ब्रैग्जिट के पीछे का कारण ब्रिटेन पर यूरोपीय संघ का प्रभाव है. ब्रिटेन के लोगों को ऐसा लगता था कि बड़ी सदस्यता फीस देने के बाद भी उन्हें इस डील का कोई फायदा नहीं हो रहा है. वहीं, इससे उलट यूरोपीय संघ ब्रिटेन पर कारोबार को लेकर कई शर्ते थोपता था.
सालों से यूरोपीय संघ के साथ काम कर रहा ब्रिटेन बुधवार को आखिरकार अलग हो गया. ब्रिटेन के पीएम जॉनसन ने हस्ताक्षर को लेकर हुई कार्रवाई की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर भी साझा की है. उन्होंने कहा कि इस डील पर दस्तखत कर हम ब्रिटिश नागरिकों की इच्छा को पूरा कर रहे हैं. उन्होंने लिखा कि ब्रिटिश अब अपने कानूनों के हिसाब से जिएंगे. खास बात है कि संघ में सभी औपचारिकताओं के पूरा होने के बाद ईयू फ्यूचर रिलेशनशिप बिल 1 जनवरी 2021 से लागू हो जाएगा.
गौरतलब है कि इस डील की लड़ाई 4 साल पुरानी है. 2016 में ब्रिटेन ने यूरोपीय संघ से अलग होने का फैसला किया था. इस रेफरेंडम पर जनता ने भी अपना समर्थन जताया था. ब्रिटेन के नागरिकों ने 28 देशों के संघ से अलग होने के पक्ष में मत दिया था. इस कार्रवाई के बाद संघ ने 31 मार्च 2018 तक ब्रिटेन को अलग होने का वक्त दिया था. खास बात है कि उस वक्त ब्रिटेन के सांसदों ने सरकार की शर्तें नहीं मानी थीं. जिसके बाद ब्रैग्जिट की तारीख को 31 अक्टूबर किया गया था.
हालांकि, तारीखों के बढ़ने का दौर यहां पर रुका नहीं था. इसके बाद सरकार की शर्तों को लेकर संसद ने भी असहमति दिखाई. जिसके बाद यह समय 31 जनवरी कर दिया गया था. संघ प्रमुख उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने जानकारी दी कि उन्होंने और यूरोपियन कमीशन के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल ने भी EU-UK ट्रेड और को-ऑपरेशन समझौते पर दस्तखत कर दिए हैं.
सालों से यूरोपीय संघ के साथ काम कर रहा ब्रिटेन बुधवार को आखिरकार अलग हो गया. ब्रिटेन के पीएम जॉनसन ने हस्ताक्षर को लेकर हुई कार्रवाई की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर भी साझा की है. उन्होंने कहा कि इस डील पर दस्तखत कर हम ब्रिटिश नागरिकों की इच्छा को पूरा कर रहे हैं. उन्होंने लिखा कि ब्रिटिश अब अपने कानूनों के हिसाब से जिएंगे. खास बात है कि संघ में सभी औपचारिकताओं के पूरा होने के बाद ईयू फ्यूचर रिलेशनशिप बिल 1 जनवरी 2021 से लागू हो जाएगा.
गौरतलब है कि इस डील की लड़ाई 4 साल पुरानी है. 2016 में ब्रिटेन ने यूरोपीय संघ से अलग होने का फैसला किया था. इस रेफरेंडम पर जनता ने भी अपना समर्थन जताया था. ब्रिटेन के नागरिकों ने 28 देशों के संघ से अलग होने के पक्ष में मत दिया था. इस कार्रवाई के बाद संघ ने 31 मार्च 2018 तक ब्रिटेन को अलग होने का वक्त दिया था. खास बात है कि उस वक्त ब्रिटेन के सांसदों ने सरकार की शर्तें नहीं मानी थीं. जिसके बाद ब्रैग्जिट की तारीख को 31 अक्टूबर किया गया था.