ब्रिटेन ने बुधवार को कहा कि उसने जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को समाप्त करने के भारत सरकार के फैसले पर अपनी चिंता भारत के सामने रखी है. ब्रिटेन के विदेश मंत्री डोमिनिक राब ने कहा कि उन्होंने अपने भारतीय समकक्ष एस जयशंकर से बात की है और राज्य को दो केन्द्रशासित प्रदेशों में बांटने के प्रस्ताव के संबंध में इस सप्ताह की शुरुआत में की गई घोषणा पर भारत के रुख के बारे में जानकारी ली है.
ब्रिटेन के विदेश मंत्री
डोमिनिक राब ने कहा, ‘‘मेरी नियुक्ति के बाद से मैंने भारतीय विदेश मंत्री से दो बार बात की है और मैंने उनसे बुधवार को भी बात की है.’’
इससे पहले ब्रिटेन ने मामले पर नज़र रखने की कही थी बात
ब्रिटेन के विदेश मंत्री डोमिनिक राब ने कहा, ‘‘हमने स्थिति पर अपनी कुछ चिंताएं व्यक्त की हैं और शांति की बात की है लेकिन भारत सरकार के नजरिये से भी स्थिति को समझा.’’
इससे पहले के बयान में विदेश और राष्ट्रमंडल कार्यालय (एफसीओ) के एक प्रवक्ता ने कहा था ब्रिटेन स्थिति पर नजदीक से नजर रख रहा है और स्थिति को शांत रखने की मांग का समर्थन करता है.
दुनिया का कोई भी देश खुलकर नहीं आया पाक के साथ
ब्रिटेन की संसद इस मुद्दे पर बंटी हुई है. कश्मीर पर ‘ऑल पार्टी पार्लियामेंट्री ग्रुप’ के कुछ सदस्यों ने चिंता व्यक्त की तो कुछ ने भारत सरकार के फैसले का स्वागत किया है.
बताते चलें कि पाकिस्तान की लाख कोशिशों के बाद भी दुनिया का कोई भी देश कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान का साथ देने के लिए उसके पक्ष में खुलकर सामने नहीं आया है. और ऐसे में ब्रिटेन की प्रतिक्रिया भी बस पाकिस्तान को सांत्वना देने वाली ही लगती है.
कई देशों और संस्थाओं से मदद की गुहार कर चुका है पाकिस्तान
सबसे पहले पाकिस्तान ने इस मामले में मलेशिया और तुर्की से मदद मांगी थी. इसके अलावा उसने ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कॉपोरेशन में भी इस मुद्दे को उठाया था. इसके अलावा पाकिस्तान UAE के पास इस मामले में मदद मांगने के लिए गया था. लेकिन सभी जगहों से अभी तक पाकिस्तान को केवल टरकाया गया है.
जहां UAE सीधे इस मुद्दे पर भारत की ओर झुका दिखा, वहीं मलेशिया ने इस मसले पर नज़र बनाए रखने और तुर्की ने जल्द ही पाकिस्तान को मदद का आश्वासन देकर टरका दिया है. इसके बाद पाकिस्तान ने खीझकर भारतीय उच्चायुक्त को वापस भेज दिया और पाकिस्तानी उच्चायुक्त को भी भारत से वापस बुला लिया है और भारत से होने वाले व्यापार पर भी रोक लगा दी है. वह भी इस मामले में विशेषज्ञों की राय मानें तो पाकिस्तान को ही इस व्यापार प्रतिबंध से नुकसान होने का अनुमान है.
(PTI इनपुट के साथ)
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Tags: Article 370, Britain, Jammu and kashmir, Pakistan, Turkey
FIRST PUBLISHED : August 08, 2019, 09:10 IST