बीजिंग: शिनजियांग में स्थित ट्रेनिंग कैंप (Xinjiang Training Camp) चीन की सबसे गोपनीय जगहों में से एक है. लंबे समय से आरोप लगाए जाते रहे हैं कि इस कैंप में उइगर मुस्लिमों और अन्य धार्मिक समुदायों के अल्पसंख्यकों को कैद करके रखा जाता है और उन पर अत्याचार किए जाते हैं. हालांकि चीन हमेशा से इन आरोपों का खंडन करता आया है. उसके मुताबिक यह एक वोकेशनल ट्रेनिंग स्कूल है.
बताया जा रहा है कि इस ट्रेनिंग कैंप में उइगर मुस्लिम समेत अन्य धर्म के करीब 10 लाख लोगों को जबरन बंदी बनाकर रखा गया है. उइगर मुस्लिमों से कुरान समेत अन्य धार्मिक सामान जब्त कर लिए जाते हैं, साथ ही चीन के इस तथाकथित ट्रेनिंग कैंप से भागने वालों को सीधे गोली मारने के आदेश हैं.
शिनजियांग प्रांत में स्थित इस ट्रेनिंग कैंप में लाए गए बंदियों को जंजीर से बांधकर रखा जाता है. यहां से अगर कोई महिला भागने की कोशिश करती है तो पूछताछ के नाम पर उससे रेप किया जाता है. वहीं इस कैदखाने में महिलाओं से रेप होना काफी आम है. कुछ उइगर महिलाओं ने बताया कि पूछताछ के दौरान चीन के अधिकारियों ने उनसे बलात्कार किया. 42 वर्षीय एक महिला ने वाइस ऑफ अमेरिका से कहा कि, 2018 में उसके साथ हिंसा और रेप किया गया.
चीन के पुलिस सर्वर से लीक हुआ डेटा
इस ट्रेनिंग कैंप को लेकर चीन पर अक्सर आरोप लगते रहे हैं लेकिन एक बार फिर से यह मामला इसलिए चर्चा में आया है क्योंकि इससे संबंधित डेटा लीक हुआ है. चीन की पुलिस के सर्वर को हैक करके किसी ने डेटा निकाला और न्यूज एजेंसियों को दे दिया. इस डॉक्यूमेंट्स को शिजियांग पुलिस फाइल्स कहा जा रहा है. इन फाइल्स को एड्रियन जेन्ज ने लीक की है. जेन्ज अमेरिका के एनजीओ के लिए काम करते हैं.
इन लीक दस्तावेजों से पता चला है कि चीन की लीडरशिप शिजियांग अल्पसंख्यक आबादी को एक सुरक्षा खतरे के तौर पर देखती है. इसमें 2017 में पूर्व कम्युनिस्ट पार्टी के सचिव के शिजियांग में दिए भाषण का जिक्र भी है. जिसमें उसने कथित तौर पर ट्रेनिंग कैंप के सुरक्षा गार्डों को आदेश दिया था कि, यहां से भागने वालों को सीधे गोली मार दी जाए.
बताया जाता है कि शिजियांग में करीब 16 हजार मस्जिद थीं जिनमें से करीब दो तिहाई को सरकारी की नीति के तहत तोड़ दिया गया है या हानि पहुंचाई है.
बहरहाल, शिजियांग प्रांत के इस ट्रेनिंग कैंप से जुड़ी फाइल से ऐ्रसे वक्त में लीक हुई हैं जब संयुक्त राष्ट्र की मानवाधिकार हाई कमिश्नर चीन के दौरे पर हैं. इससे पहले यूएन की मानवाधिकार हाई कमिश्नर ने कहा था कि, उन्हें उइगर प्रांत के शीजियांग में पूरी आजादी के साथ पहुंचने की आवश्यकता होगी ताकि स्वतंत्र तरीके से मूल्यांकन किया जा सके.
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