सिंध के नवाबशाह और बलूचिस्तान के खुजदर में चीन बना रहा माउंटेन बंकर.
नई दिल्ली. चीन हमेशा से पाकिस्तान को अपना सदाबहार दोस्त मानता है. इसी कड़ी में वह पाकिस्तान में सीपीईसी (China–Pakistan Economic Corridor) जैसे बड़े प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है. वहीं अब खुफिया रिपोर्ट के हवाले से यह खबर आ रही है कि चीन पाकिस्तानी सेना के लिए माउंटेन मिसाइल बंकर बना रहा है. माउंटन मिसाइल बंकर में सेना ऊंचे पहाड़ पर खुद को और अपने हथियारों को सुरक्षित रखने में कामयाब होती है और उसे कुदरती सुरक्षा मिलती है. रिपोर्ट के मुताबिक़ सिंध के नवाबशाह (Nawabshah) और बलूचिस्तान के खुजदर (Khuzdar) के करीब चीन यह बंकर बना रहा है. ये बंकर पहाड़ियों में गुफा बनाकर तैयार किए जा रहे हैं.
सैटेलाइटों से भी बचाया जा सकता है
जानकारों की मानें तो पहाड़ों के भीतर इस तरह के बंकर बनाने के कई फायदे हैं. इससे नेचुरल डिफ़ेंस मिलता है. इसके अलावा अगर कोई हवाई हमला होता है तो माउंटेन केव में रखे गए मिसाइल और गोलाबारूद को नुक़सान कम पहुंचता है. यहां तक दूसरे देशों के सैटेलाइटों से भी काफ़ी हद तक इस बंकर को बचाया जा सकता है. इस तरह माउंटेन केव बंकर बड़ी आसानी से बनाए जाते हैं और निर्माण कार्य के दौरान किसी को खबर तक नहीं लगती. एक बार टनलिंग शुरू हो जाए तो पहाड़ों के भीतर भीतर लंबी दूरी तक हर वक्त काम किया जा सकता है. वैसे भी चीन पहाड़ों पर टनलिंग करने में माहिर है.
पाकिस्तानी मिसाइल रेजिमेंट के पास बंकर
इससे पहले इसी तरह के माउंटेन हैंगर चीन ने तिब्बत के इलाक़े में अपने एयरक्रफ्ट को सुरक्षित रखने के लिए तैयार किए हैं. हालांकि इस बात की जानकारी नहीं है कि यह सुविधा कितनी बड़ी है लेकिन जानकारी के मुताबिक़ इस तरह के माउंटन केव कई सारे हैं. चूंकि आए दिन बलूचिस्तान में बलूच विद्रोही पाकिस्तानी सेना के कैंप पर हमले करते रहते हैं. ऐसे में वहां पर मौजूद मिसाइलों को भी ख़तरा हो सकता है. ऐसे में पाकिस्तान चीन की मदद से माउंटेन केव बंकर तैयार करने में जुटा है. बलूचिस्तान के खुजदर में जिस जगह ये निर्माण हो रहा है वहां पाकिस्तानी मिसाइल रेजिमेंट की तैनाती है. खुजदर में पाकिस्तान सेना का एक बड़ा कैंटोनमेंट है. पाकिस्तान मिसाइल के ज़ख़ीरे को बढ़ाने में जुटा है और इनमें परमाणु मिसाइल भी शामिल हैं और ऐसे में उसे सुरक्षित रखना जरूरी भी है.
शारदा आर्मी कैंप में भी अंडरग्राउंड बंकर
अमेरिकी रिपोर्ट के मुताबिक़ चीन ने पिछले कुछ सालों में पाकिस्तान के परमाणु हथियारों के ज़ख़ीरे की संख्या 165 बताई थी. ग्वादर में बलूचियों के ग़दर के चलते चीन अपने प्रोजेक्ट को समय से पूरा नहीं कर पा रहा है. लिहाजा इस प्रोजेक्ट के साथ साथ अब वो पाकिस्तान की सामरिक ताक़त में इज़ाफ़ा करने में जुटा है जिनमें हथियारों के अलावा उनके सुरक्षित रखने का भी पूरा इंतजाम कर रहा है. चीनी सीपैक बनाते-बनाते पाकिस्तानी सेना के लिए सैन्य निर्माण में जुटा है. गिलगित बालटिस्तान से लेकर बलूचिस्तान तक सीपैक का काम बाधित है लेकिन पाकिस्तानी सेना के लिए चीन का निर्माण कार्य जारी है. सूत्रों के मुताबिक़ 10 से 12 चीनी कर्मचारी पीओके के शारदा आर्मी कैंप में भी अंडरग्राउंड बंकर तैयार करने में जुटे है.
वहीं पीओके में केल इलाक़े में पाकिस्तान सेना के फुलवाई कैंप में भी चीनी इंजीनियर अंडरग्राउंड बंकर तैयार कर रहे है. बहरहाल CPEC पाकिस्तान के लिए अभी एक जैकपॉट की तरह ज़रूर दिख रहा होगा लेकिन इसी के बहाने चीन पाकिस्तान पर धीरे धीरे क़र्ज़ से क़ब्ज़ा भी करता दिख रहा है. वैसे जानकारों की मानें तो शिनजियांग प्रांत से बलूचिस्तान के ग्वादर तक बनने वाले सीपैक के निर्माण कार्य में हो रही देरी के चलते इसका महत्व लगभग ख़त्म होता नज़र आ रहा है.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|
Tags: Balochistan, China, Pakistan
Bihar Board 2023: बिहार बोर्ड 12वीं में फेल व असंतुष्ट स्टूडेंट्स के लिए एक और मौका, सप्लीमेंट्री एग्जाम और स्क्रूटनी के लिएआवेदन शुरू, जानें तरीका
खेसारी लाल यादव से लेकर त्रिशाकर मधु तक, 4 विवादों से हिल गया था भोजपुरी सिनेमा, अब तक नहीं भूले फैंस
श्वेता तिवारी से लेकर अरबाज खान तक, 8 सितारे जिन्होंने पाकिस्तानी फिल्मों में किया काम, चौंका देगा तीसरा नाम