चीन पर आरोप है कि उइगर मुस्लिमों को सामूहिक बंधक शिविरों में रखा गया है.
बीजिंग. संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) की प्रमुख मिशेल बेशलेट चीन (China) के शिनझियांग प्रांत की यात्रा करेंगी जहां चीन पर उइगर (Uighur) मुस्लिमों के मानवाधिकारों के हनन करने का आरोप है. बेशलेट ने यूएनएचआरसी में एक वीडियो संबोधन में कहा, ‘मुझे यह बताते हुए प्रसन्नता हो रही है कि हमने हाल में चीन की सरकार के साथ यात्रा के लिए समझौता किया है.’ उन्होंने कहा कि यह यात्रा मई में हो सकती है.
बेशलेट के हवाले से हांगकांग के साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट अखबार ने लिखा, ‘सरकार ने चीन में मेरे प्रवास की तैयारी के लिए पहले ही एक दल (मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय के) को भेजने के प्रस्ताव को भी स्वीकार किया है जिसमें शिनझियांग और अन्य स्थानों की यात्रा होगी. यह टीम अगले महीने चीन जाएगी.’ बेशलेट सितंबर 2018 से शिनझियांग की यात्रा के लिए बीजिंग के साथ बातचीत कर रही हैं. आरोप हैं कि इस प्रांत में दस लाख से अधिक लोगों को, मुख्य रूप से उइगर मुस्लिमों को सामूहिक बंधक शिविरों में रखा गया है.
अमेरिका, यूरोपीय संघ और सहयोगी देशों का आरोप है कि उइगर मुस्लिमों के साथ बीजिंग का रवैया नरसंहार की तरह है. चीन ने इस क्षेत्र में अपनी नीतियों का बचाव करते हुए कहा है कि आतंकवाद और उग्रवाद को समाप्त करने के मकसद से ऐसी नीतियां बनाई गयी हैं. चीन पर आरोप है कि चीन उइगर मुसलमानों (Uighur Muslims in China) पर तालिबान (Taliban) जैसा क्रूर अत्याचार करता है. कम्युनिस्ट सरकार (Chinese Communist Government) की बात न मानने पर उइगरों को शिन्जियांग प्रांत के डिटेंसन सेंटर्स में कई तरह की अमानवीय यातनाएं दी जाती हैं. चीनी शासन की इन ज्यादतियों से भागे कई पीड़ित पहले ही अपने और साथी उइगुर मुस्लिमों पर किए जा रहे जुर्मों का ब्योरा पेश कर चुके हैं.
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