UNSC में भारत की स्थायी सदस्यता को लेकर चीन ने फिर अलापा पुराना राग

भारत-चीन. सांकेतिक फोटो (flickr)
India in UNSC: चीन का मित्र देश पाकिस्तान यूएनएससी में भारत के स्थायी सदस्य बनने का विरोध करता रहा है.
- भाषा
- Last Updated: February 11, 2021, 5:15 PM IST
बीजिंग. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनने की भारत की कोशिशों में अड़ंगा डालते आ रहे चीन ने बुधवार को फिर से अपना पुराना राग अलापा और वैश्विक संस्था की शक्तिशाली परिषद को विस्तारित करने के लिए सर्व-स्वीकार्य ‘पैकेज समाधान’ तलाशने की अपील की. संयुक्त राष्ट्र की शीर्ष संस्था (सुरक्षा परिषद) से जुड़े मुद्दों पर भारत और चीन के व्यापक चर्चा करने के एक दिन बाद एक सवाल के जवाब में चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबीन ने यह टिप्पणी की.
गौरतलब है कि चीन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) का एक स्थायी सदस्य देश है, जबकि एक जनवरी से दो साल के कार्यकाल के लिए भारत इसका अस्थायी सदस्य है. अगस्त में भारत परिषद की अध्यक्षता संभालने वाला है. बैठक के नतीजों के बारे में और यूएनएससी की स्थायीय सदस्यता के लिए भारत की उम्मीदवारी पर कोई चर्चा होने के बारे में पूछे जाने पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मंगलवार की डिजिटल बैठक के दौरान, दोनों पक्षों ने सुरक्षा परिषद से जुड़े मुद्दों पर विचार-विमर्श किया.
गलवान घाटी में भारत के साथ खूनी झड़प में मारे गए थे चीन के 45 सैनिक, रूसी एजेंसी TASS का दावा
उन्होंने बताया कि दोनों देशों ने बहुपक्षवाद, शांति समर्थक अभियान और आतंकवाद की रोकथाम पर विचारों का आदान-प्रदान किया. उन्होंने कहा, ‘यूएनएससी की स्थायी सदस्यता के लिए जहां तक भारत की उम्मीदवारी की बात है, मैं इस मुद्दे पर चीन के रुख को दोहरा सकता हूं. चीन यूएनएससी में इस तरीके से विस्तार चाहता है कि परिषद के प्राधिकार एवं दक्षता में वृद्धि हो, विकासशील देशों का प्रतिनिधित्व बढ़े और आवाज उठाने के लिए यह महत्वपूर्ण मंच मिले, ताकि छोटे और मध्यम आकार के देशों को भी परिषद के नीति निर्माण के फैसले में भागीदारी के लिए कहीं अधिक अवसर मिले.’‘चीनी आक्रामकता के खिलाफ भारत के साथ रहेगा अमेरिका, LAC के हालात पर भी पैनी नजर’
उन्होंने कहा, ‘व्यापक एवं लोकतांत्रिक परामर्श के जरिए सभी पक्षों के हितों की पूर्ति करने वाले और चिंताओं को दूर करने वाला एक ‘पैकेज समाधान’ लाने के लिए कोशिश करनी चाहिए.’ सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्य देशों में चीन के अलावा, अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस हैं. इन पांचों देशों के पास यूएनएससी में ‘वीटो’ शक्ति है. चीन को छोड़ कर यूएनएससी के शेष चार सदस्य देशों ने भारत की उम्मीदवारी का समर्थन करने की इच्छा प्रकट की है.

चीन का मित्र देश पाकिस्तान यूएनएससी में भारत के स्थायी सदस्य बनने का विरोध करता रहा है. विदेश मंत्रालय ने नई दिल्ली में कहा कि भारत और चीन ने मंगलवार को यूएनएससी से जुड़े मुद्दों पर मंगलवार को व्यापक चर्चा की. यह बैठक डिजिटल माध्यम से हुई. मंत्रालय ने कहा कि दोनों देश यूएनएससी के एजेंडा में अहम मुद्दों पर अपनी वार्ता जारी रखने पर सहमत हुए.
गौरतलब है कि चीन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) का एक स्थायी सदस्य देश है, जबकि एक जनवरी से दो साल के कार्यकाल के लिए भारत इसका अस्थायी सदस्य है. अगस्त में भारत परिषद की अध्यक्षता संभालने वाला है. बैठक के नतीजों के बारे में और यूएनएससी की स्थायीय सदस्यता के लिए भारत की उम्मीदवारी पर कोई चर्चा होने के बारे में पूछे जाने पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मंगलवार की डिजिटल बैठक के दौरान, दोनों पक्षों ने सुरक्षा परिषद से जुड़े मुद्दों पर विचार-विमर्श किया.
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उन्होंने बताया कि दोनों देशों ने बहुपक्षवाद, शांति समर्थक अभियान और आतंकवाद की रोकथाम पर विचारों का आदान-प्रदान किया. उन्होंने कहा, ‘यूएनएससी की स्थायी सदस्यता के लिए जहां तक भारत की उम्मीदवारी की बात है, मैं इस मुद्दे पर चीन के रुख को दोहरा सकता हूं. चीन यूएनएससी में इस तरीके से विस्तार चाहता है कि परिषद के प्राधिकार एवं दक्षता में वृद्धि हो, विकासशील देशों का प्रतिनिधित्व बढ़े और आवाज उठाने के लिए यह महत्वपूर्ण मंच मिले, ताकि छोटे और मध्यम आकार के देशों को भी परिषद के नीति निर्माण के फैसले में भागीदारी के लिए कहीं अधिक अवसर मिले.’‘चीनी आक्रामकता के खिलाफ भारत के साथ रहेगा अमेरिका, LAC के हालात पर भी पैनी नजर’
उन्होंने कहा, ‘व्यापक एवं लोकतांत्रिक परामर्श के जरिए सभी पक्षों के हितों की पूर्ति करने वाले और चिंताओं को दूर करने वाला एक ‘पैकेज समाधान’ लाने के लिए कोशिश करनी चाहिए.’ सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्य देशों में चीन के अलावा, अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस हैं. इन पांचों देशों के पास यूएनएससी में ‘वीटो’ शक्ति है. चीन को छोड़ कर यूएनएससी के शेष चार सदस्य देशों ने भारत की उम्मीदवारी का समर्थन करने की इच्छा प्रकट की है.
चीन का मित्र देश पाकिस्तान यूएनएससी में भारत के स्थायी सदस्य बनने का विरोध करता रहा है. विदेश मंत्रालय ने नई दिल्ली में कहा कि भारत और चीन ने मंगलवार को यूएनएससी से जुड़े मुद्दों पर मंगलवार को व्यापक चर्चा की. यह बैठक डिजिटल माध्यम से हुई. मंत्रालय ने कहा कि दोनों देश यूएनएससी के एजेंडा में अहम मुद्दों पर अपनी वार्ता जारी रखने पर सहमत हुए.