फोटो सौ. (AP News)
बीजिंग. चीन (China) के अब तक के सबसे लंबे मिशन में, देश के अंतरिक्ष स्टेशन पर 90 दिनों तक रहने के बाद चीनी अंतरिक्ष यात्री शुक्रवार को पृथ्वी (Earth) पर लौट आए. अंतरिक्ष यात्री नी हाइशेंग, लियू बोमिंग और टैंग होंगबो स्थानीय समयानुसार शुक्रवार को दोपहर डेढ़ बजे के बाद ‘शेनझोउ-12’ अंतरिक्ष यान के जरिए पृथ्वी पर लौटे. बृहस्पतिवार को सुबह वे अंतरिक्ष स्टेशन से रवाना हुए थे. सरकारी प्रसारक सीसीटीवी ने गोबी रेगिस्तान में अंतरिक्ष यान को उतरते हुए दिखाया.
इस मिशन में शेनझोउ-12 को 5 मुख्य उपलब्धि प्राप्त हुई हैं. पहला, यह पहली बार है कि चीनी मानवयुक्त अंतरिक्षयान ने ऑटोनॉमस रैपिड मिलन और डॉकिंग पूरा किया. शेनझोउ-12 ने अपनी कक्षा में प्रवेश करके सुचारू रूप से ऑन-ट्रैक स्थिति सेटिंग को पूरा किया. पेइचिंग समयानुसार 17 जून को दोपहर बाद तीन बजकर 54 मिनट पर ऑटोनॉमस रैपिड मिलन और डॉकिंग मोड को अपनाकर थ्येन-ह मुख्य केबिन के साथ सफलतापूर्वक डॉक किया गया. चीन द्वारा अनुसंधित एवं विकासित चिप और प्रणाली की बदौलत से डॉकिंग की सारी प्रक्रिया लगभग साढ़े छह घंटे चली. दूसरा, यह पहली बार है कि चीनी अंतरिक्ष यात्री अंतरिक्ष में लगभग 3 महीने के लिये काम करते और रहते हैं. इन तीन महीने में दैनिक प्रबंधन, केबिन के बाहर कार्रवाई, संबंधित काम और अंतरिक्ष प्रयोग आदि चार पक्षों के बारे में उन्होंने संबंधित मिशन पूरा कर चुका है.
तीसरा, यह पहला बार है कि चीनी मानवयुक्त अंतरिक्षयान में बहु-ऊंचाई होने वाले कक्षा से पृथ्वी में वापसी की क्षमता रखती है. चौथा, यह पहला बार है कि चीनी मानवयुक्त अंतरिक्षयान डोंगफेंग लैंडिंग क्षेत्र में लैंडिंग करेगा. पांचवां, यह पहला बार है कि लैडिंग के दौरान अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षा की रक्षा के लिये वे भूमि और वायु के लिए विभिन्न आपातकालीन उपाय उठाएंगे.
हाल ही में चीन ने अंतरिक्ष और विमानन क्षेत्रों में रूस एवं भारत आदि ब्रिक्स देशों के प्रभारियों से ऑनलाइन बैठक की और महत्वपूर्ण सहयोग संगठनों पर हस्ताक्षर किया. भविष्य में ब्रिक्स देश अंतरिक्ष और विमानन क्षेत्रों में आपसी सहयोग को मजबूत करेंगे. शेनझोउ-12 के बाद वर्ष 2011 और 2022 चीन 11 बार के अंतरिक्ष मिशन पूरा करेंगे. इनमें अंतरिक्ष स्टेशन के केबिन के लॉन्च के लिये 3 मिशन, अंतरिक्ष मालवाहक विमान के लॉन्च के लिये 4 मिशन और मानवयुक्त अंतरिक्षयान के लॉन्च के लिये 4 मिशन शामिल हैं.
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केवल मुख्य प्रौद्योगिकी में असली रूप से महारत हासिल करने से चीन दूसरे देशों पर निर्भरता से मुक्त हो सकेगा. अंतरिक्ष स्टेशन की स्थापना चीन की एयरोस्पेस तकनीक दुनिया में सबसे आगे स्थल में आने का प्रतीक है. चीन पूरे दुनिया को अपनी क्षमता साबित कर रहा है. साथ ही चीन अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को अंतरिक्ष सहयोग को बढ़ाने की इच्छा की पुष्टि की. भविष्य में चीन अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के साथ अंतरिक्ष सहयोग का एक नया युग आरंभ करेगा.
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