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चीनी तकनीक की फिर खुली पोल, खरीदकर पछता रहा ये देश, लड़ाकू विमान किए गए ग्राउंड

तकनीकी खराबी और एयर फ्रेम में आए क्रैक के चलते सभी 11 JF-17 को हैंगर में खड़ा कर दिया है. (Image: AFP)

तकनीकी खराबी और एयर फ्रेम में आए क्रैक के चलते सभी 11 JF-17 को हैंगर में खड़ा कर दिया है. (Image: AFP)

Chinese Military Technology: चीन के लड़ाकू विमान लगातार सवालों के घेरे में रहे हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक़ म्यांमार को ब ...अधिक पढ़ें

हाइलाइट्स

पाकिस्तान के म्यांमार को बेचे गए JF-17 एयरक्रफ्ट ग्राउंड कर दिए गए
तकनीकी खराबी और एयर फ्रेम में आए क्रैक के चलते सभी 11 JF-17 को हैंगर में खड़ा कर दिया है
चीन अपने रक्षा उत्पाद को दुनिया भर के छोटे देशों को खपाने के लिए पाकिस्तान की डिफ़ेंस इंडस्ट्रीज़ का भी सहारा ले रहा है

बीजिंग. चीन दुनिया में सबसे आधुनिक तकनीक (Advance Military Technique) के हथियार बनाने का दम भरता है लेकिन अब वो ही तकनीक ज़मीन पर दम तोड़ने लगी है. पहले पाकिस्तान ने चीनी CH-4 ड्रोन में क्रैक (Cracks in Jets) की शिकायत के बाद कहा था कि ड्रोन उड़ाने लायक नहीं है, तो अब चीन पाकिस्तान के साझा उत्पाद JF-17 फाइटर भी इसी तरह के क्रैक के शिकार है. ये खबर तब सामने आई जब पाकिस्तान के म्यांमार को बेचे गए JF-17 एयरक्रफ्ट ग्राउंड कर दिए गए. एक रिपोर्ट के मुताबिक़ तकनीकी खराबी और एयर फ्रेम में आए क्रैक के चलते सभी 11 JF-17 को हैंगर में खड़ा कर दिया है.

आनन फ़ानन में टैक्निकल एक्पर्ट की टीम को म्यांमार रवाना कर दिया. म्यांमार ने पाकिस्तान से JF-17 की ख़रीद का करार साल 2016 में किया था लेकिन कुछ साल में ही तकनीक की पोल खुल गई. साथ ही JF-17 ख़रीदने से साफ इनकार कर दिया. किसी भी एयरक्रफ्ट के निर्माण के लिए इस्तेमाल में लाए जाने वाले मेटल की गुणवत्ता सबसे ज़्यादा ज़रूरी होती है और जिस तरह के मेटल की ज़रूरत होती है वो चीन और पाकिस्तान दोनों के पास नहीं है. तभी इस तरह की समस्या बार बार सामने आ रही है. ख़ास बात तो ये है कि म्यांमार (Myanmar) को सबसे ज़्यादा हथियारों की सप्लाई रूस (Russia) और चीन की तरफ़ से होती है और पाकिस्तान भी अब इस दौड़ में बडी तेजी से आगे बढ़ना चाहता है. पाकिस्तान यूक्रेन की मदद के लिए हथियार भेज रहा है इस बात का खुलासा भी एक रिपोर्ट में हुआ था. आर्थिक संकट से गुजर रहा पाकिस्तान हथियारों के एवज़ में लाखों डॉलर की कमाई कर रहा है.

पाकिस्तान ऑर्डिनेस ने अपने उत्पादन को भी बढ़ाया है लेकिन उसका फ़ोकस अब अपनी फौज के अलावा दुनिया के उन देशों के लिए भी जिनपर अंतरराष्ट्रीय पाबंदियां लगी हुई है. उसी में से म्यांमार भी एक है. दो साल पहले तख्तापलट के बाद से ही कई तरह की पाबंदियां झेल रहे म्यांमार को उनके यहां उग्रवादी गुटों से निपटने के लिए हथियारों और गोला बारूद की ज़रूरत है और इस मौके का फ़ायदा उठाते हुए पाकिस्तान का एक डेलिगेशन पिछले साल म्यांमार जा पहुंचा था.

खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक़ पाकिस्तान अपनी ऑर्डिनेस से बनने वाले गोलियों और अन्य एम्यूनेशन को को बेचने के लिए पहुंचा था. पाकिस्तान कथित तौर पर म्यांमार को हैवी मशीन गन, 60 Mm और 80 mm मोर्टार और M-79 ग्रेनेड लांचर बेचने की तैयारी कर रहा है. चीन अपने रक्षा उत्पाद को दुनिया भर के छोटे देशों को खपाने के लिए पाकिस्तान की डिफ़ेंस इंडस्ट्रीज़ का भी सहारा ले रहा है. बहरहाल म्यांमार में चीन और पाकिस्तान की सामरिक रिश्ते भारत के लिए थोड़ी चिंता वाली बात हो सकता है.

Tags: China, Fighter jet, Myanmar, Pakistan

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