देश के सेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे (PTI)
बीजिंग. देश के सेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे (Army chief General Manoj Mukund Naravane ) ने बुधवार को कहा था कि पिछले 18 महीनों में भारत की सैन्य ताकत काफी बढ़ गई है. उन्होंने आश्वस्त किया कि चीन के साथ युद्ध की स्थिति में भारत विजयी बनकर लौटेगा. अब आर्मी चीफ के इस बयान पर चीन की तरफ से प्रतिक्रिया (dialogue with China) भी आई है. चीन की तरफ से कहा गया है कि हमें आशा है कि भारत में जिम्मेदार लोग इस तरह की अरचनात्मक कमेंट करने से परहेज करेंगे.
चीनी विदेश मंत्रालय ने दी यह प्रतिक्रिया
आर्मी चीफ एम एम नरवणे के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग बेनबिन ने कहा, ‘अब चीन और भारत के बीच डिप्लोमैटिक और मिलिट्री चैनल्स के जरिए बातचीत चल रही है. ताकि सीमा पर तनाव को कम किया जा सके. हमें आशा है कि भारत की तरफ से जिम्मेदार लोग इस तरह के कमेंट करने से बचेंगे.’
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कमांडर लेवल की बातचीत
भारत और चीन के बीच 14वें कमांडर लेवल की बातचीत को लेकर वांग ने कहा, ‘अगर इस बातचीत में कुछ निकलकर आएगा तो हम सूचना देंगे. हालांकि, भारत में सूत्रों के हवाले से इस मीटिंग को लेकर कहा जा रहा है कि 14वें दौर की इस बातचीत में लद्दाख सीमा पर सैनिकों की तैनाती और तनाव कम करने को लेकर बातचीत होगी. भारत देपसांग बल्ग और डेमचॉक पर भी चीन के साथ मौजूदा विवाद को खत्म करने की दिशा में प्रयासरत है.’
क्या कहा था आर्मी चीफ ने?
बता दें कि आर्मी दिवस के मौके पर एक संवाददाता सम्मेलन में अपनी बात रखते हुए सेना प्रमुख ने साफ किया था कि युद्ध अंतिम विकल्प है और चीन के साथ सीमा विवाद को सुलझाने को लेकर बातचीत लगातार जारी है. सेना प्रमुख ने कहा था कि जहां तक नॉर्दन फ्रंट की बात है तो वहां पर पिछले 18 महीनों में हमारी सैन्य ताकत काफी बढ़ी है. उन्होंने कहा, ‘युद्ध की स्थिति अंतिम उपाय है, लेकिन अगर युद्ध हुआ तो हम विजयी होकर लौटेंगे.’
सेना दिवस से पहले एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए नरवणे ने कहा था कि एलओसी के दूसरी (पाकिस्तान की) तरफ आतंकियों के ‘लॉन्च पैड’ और प्रशिक्षण केंद्रों में मौजूद लगभग 350 से 400 आतंकवादियों की बार-बार घुसपैठ की कोशिशें, उनके नापाक इरादों का खुलासा करती हैं (Pakistan Terrorists). पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि इन ‘बेबुनियाद आरोपों’ में कोई नई बात नहीं है और ये आरोप ‘पाकिस्तान विरोधी दुर्भावनापूर्ण दुष्प्रचार’ का हिस्सा हैं. पाकिस्तानी विदेश कार्यालय ने कहा कि जम्मू-कश्मीर समेत सभी विवादों के समाधान के लिए पाकिस्तान, भारत के साथ सार्थक वार्ता के लिए प्रतिबद्ध है.
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14वें दौर की बैठक भी पूरी हुई
चीन के विदेश मंत्रालय की वेबसाइट पर वांग की यह टिप्पणी चीन-भारत के बीच बुधवार को सीमा बिंदु पर चीन की ओर चुशूल-मोल्दो में 14वें दौर की कमांडर स्तरीय बैठक के बाद आई है. नई दिल्ली में सुरक्षा प्रतिष्ठान के सूत्रों ने बुधवार को कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चुशूल-मोल्दो सीमा बिंदु पर चीन के साथ हुई 14वें दौर की सैन्य वार्ता के दौरान भारत ने देपसांग बुलगे और डेमचोक में मुद्दों के समाधान सहित पूर्वी लद्दाख में तनाव के सभी शेष बिंदुओं से सैनिकों को जल्द से जल्द हटाने की बात पर जोर दिया. (एजेंसी इनपुट के साथ)
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