चीन ने समुद्र के अंदर छोड़े 'जासूस', रिपोर्ट का दावा- हिंद महासागर में ड्रोन तैनात

(प्रतीकात्मक तस्वीर)
China Drones: अपने रिपोर्ट में एचआई सटन ने जिक्र किया है कि ये ठीक उसी तरह के ग्लाइडर हैं, जिन्हें अमेरिका ने तैनात किया था. अमेरिका (America) की तरफ से छोड़े गए इन ड्रोन्स को बीजींग ने 2016 में जब्त कर लिया था.
- News18Hindi
- Last Updated: December 31, 2020, 3:31 PM IST
बीजिंग. चीन अपनी नई रणनीति के साथ उपस्थित है. हाल ही में एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चीन हिंद महासागर (Indian Ocean) में सी विंग (Sea Wing) (हैयी) ग्लाईडर तैनात किए हैं. चीन ने नौसेना से जुड़े इंटेलीजेंस के उद्देश्य से इन अंडरवॉटर ड्रोन (Underwater Drones) को तैनात किया है. खास बात है कि ये ड्रोन महीनों तक पानी के अंदर रहकर काम कर सकते हैं. यह दावा डिफेंस एनालिस्ट एचआई सटन (HI Sutton) ने फोर्ब्स में प्रकाशित एक लेख में किया है.
फोर्ब्स मैगजीन में लिखे लेख के मुताबिक, ये ग्लाइडर (Glider) एक तरह के अनक्रूड अंडरवॉटर व्हीकल होते हैं, जिन्हें दिसंबर 2019 के मध्य में लॉन्च किया गया था. लॉन्च किए जाने के बाद जब इन ग्लाइडर्स को फरवरी में वापस निकाला गया, तो तब तक इन डिवाइस ने 3400 से ज्यादा ऑब्जर्वेशन हासिल कर लिए थे. लेख के अनुसार, चीन (China) ने बड़ी संख्या में इन ड्रोन्स को समुद्र में उतारा है.
यह भी पढ़ें: डोनाल्ड ट्रंप ने चीन को दिया झटका, चीनी कंपनियां हो सकती हैं अमेरिकी एक्सचेंज से बाहर
अपने रिपोर्ट में एचआई सटन ने जिक्र किया है कि ये ठीक उसी तरह के ग्लाइडर हैं, जिन्हें अमेरिका ने तैनात किया था. अमेरिका की तरफ से छोड़े गए इन ड्रोन्स को बीजींग ने 2016 में जब्त कर लिया था. उस समय बीजिंग ने गुजरती नावों के सुरक्षित आवागमन का हवाला दिया था. सरकारी सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि यह हैरानी की बात है कि चीन इस तरह के यूयूवी को बड़ी संख्या में हिंद महासागर में तैनात कर रहा है. खास बात है कि चीन ने इस सी विंग को आर्किटिक में भी छोड़ा है.
निर्माता सूत्रों के अनुसार, सी विंग टर्बुलेंस मीटर, टर्बिडिमीटर, क्लोरोफिल सेंसर, डिजॉल्ड ऑक्सीजन सेंसर, नाइट्रेट और दूसरे बायोकैमिकल सेंसर के अलावा कंडक्टिविटी, टेम्परेचर, डेप्थ सेंसर साथ रख सकते हैं. आगे बताया गया है कि हिंद महासागर में तैनात ये चीनी ग्लाइडर कथित रूप से ऑशियनोग्राफी डेटा जुटा रहे हैं. आमतौर पर इस तरह के डेटा को नौसेनिक जानकारी के लिए इस्तेमाल किया जाता है.
फोर्ब्स मैगजीन में लिखे लेख के मुताबिक, ये ग्लाइडर (Glider) एक तरह के अनक्रूड अंडरवॉटर व्हीकल होते हैं, जिन्हें दिसंबर 2019 के मध्य में लॉन्च किया गया था. लॉन्च किए जाने के बाद जब इन ग्लाइडर्स को फरवरी में वापस निकाला गया, तो तब तक इन डिवाइस ने 3400 से ज्यादा ऑब्जर्वेशन हासिल कर लिए थे. लेख के अनुसार, चीन (China) ने बड़ी संख्या में इन ड्रोन्स को समुद्र में उतारा है.
यह भी पढ़ें: डोनाल्ड ट्रंप ने चीन को दिया झटका, चीनी कंपनियां हो सकती हैं अमेरिकी एक्सचेंज से बाहर
अपने रिपोर्ट में एचआई सटन ने जिक्र किया है कि ये ठीक उसी तरह के ग्लाइडर हैं, जिन्हें अमेरिका ने तैनात किया था. अमेरिका की तरफ से छोड़े गए इन ड्रोन्स को बीजींग ने 2016 में जब्त कर लिया था. उस समय बीजिंग ने गुजरती नावों के सुरक्षित आवागमन का हवाला दिया था. सरकारी सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि यह हैरानी की बात है कि चीन इस तरह के यूयूवी को बड़ी संख्या में हिंद महासागर में तैनात कर रहा है. खास बात है कि चीन ने इस सी विंग को आर्किटिक में भी छोड़ा है.
निर्माता सूत्रों के अनुसार, सी विंग टर्बुलेंस मीटर, टर्बिडिमीटर, क्लोरोफिल सेंसर, डिजॉल्ड ऑक्सीजन सेंसर, नाइट्रेट और दूसरे बायोकैमिकल सेंसर के अलावा कंडक्टिविटी, टेम्परेचर, डेप्थ सेंसर साथ रख सकते हैं. आगे बताया गया है कि हिंद महासागर में तैनात ये चीनी ग्लाइडर कथित रूप से ऑशियनोग्राफी डेटा जुटा रहे हैं. आमतौर पर इस तरह के डेटा को नौसेनिक जानकारी के लिए इस्तेमाल किया जाता है.