आखिर क्यों वुहान की लैब या बाजार से नहीं फैला कोरोना वायरस, जांच कर रहे डॉक्टर ने समझाया

दुनिया भर में तेजी से फैला है कोरोना वायरस. (Pic- AP)
Coronavirus: विश्व स्वास्थ्य संगठन की जांच टीम का हिस्सा रहे ऑस्ट्रेलिया के डॉक्टर डॉमिनिक डायर ने एक लेख लिखा है. इसमें उन्होंने बताया है कि आखिर कोरोना वायरस की उत्पत्ति इन दोनों ही जगहों से ही नहीं होने की संभावना नजर आती है.
- News18Hindi
- Last Updated: February 25, 2021, 10:16 AM IST
नई दिल्ली. आखिर कोविड-19 (Covid 19) के फैलने का कारण क्या था? कोरोना वायरस (Coronavirus) कहां से फैला? कोविड 19 महामारी फैलाने वाले SARS-Cov-2 वायरस करीब एक साल पहले सामने आया था. जो तेजी से पूरी दुनिया में फैला और सबको दहशत में ला दिया. अब तक हजारों लोगों की मौत कोरोना वायरस के कारण हो चुकी है. वायरस का पहली बार पता चीन के वुहान शहर में एक बाजार से लगाया गया था, जो जल्द ही इस बीमारी के केंद्र में बदल गया था. यह धीरे-धीरे अन्य एशियाई देशों और फिर पश्चिमी देशों समेत पूरी दुनिया में फैल गया था.
एक साल में 11 करोड़ से अधिक कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों की पुष्टि हो चुकी है. साथ ही अब तक विश्व में 25 लाख से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. दुनिया भर में कहर ढा रहे इस जानलेवा वायरस की उत्पत्ति को लेकर विश्व स्वास्थ्स संगठन (WHO) एक जांच कर रहा है. इसके लिए उसकी टीम चीन में खासकर वुहान में जांच कई तरह की जांचें कर रही है.
फरवरी की शुरुआत में विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से काम कर रहे जांचकर्ताओं की एक टीम ने चीन के वुहान शहर में एक प्रमुख वायरस रिसर्च लैबोरेटरी का दौरा किया था. इसमें कोरोना महामारी की उत्पत्ति के संबंध में उन्हें सुराग मिले थे. यह संस्थान उन आरोपों के केंद्र में रहा है जिनमें दावा किया गया था कि यहां की एक लैब के जरिये ही विश्व में कोरोना वायरस 2019 के अंत में फैला.
पिछले सप्ताह भी एक जर्मन वैज्ञानिक ने 105 पेज लंबी रिपोर्ट प्रकाशित की है. इसमें बताया गया है कि कोरोनो वायरस संभवतः वुहान की एक रिसर्च लैब से लीक हुआ है. अब इस मामले पर गौर करें तो दो विवादित स्टोरी सामने आती हैं. इनमें से एक के मुताबिक कोरोना वायरस वुहान की लैब से लीक हुआ. दूसरी में कहा गया है कि यह वायरस फूड मार्केट से लीक हुआ है.अब विश्व स्वास्थ्य संगठन की जांच टीम का हिस्सा रहे ऑस्ट्रेलिया के डॉक्टर डॉमिनिक डायर ने एक लेख लिखा है. इसमें उन्होंने बताया है कि आखिर कोरोना वायरस की उत्पत्ति इन दोनों ही जगहों से ही नहीं होने की संभावना नजर आती है.
डॉक्टर ने अपने लेख में उस बाजार का ब्यौरा बताया है जहां से कोरोना वायरस फैलने का दावा किया गया था. डॉक्टर ने बताया, 'जब हम बंद बाजार का दौरा करते थे तो यह देखना आसान था कि वहां संक्रमण कैसे फैल सकता है. जब बाजार खुला होता था तब वहां एक दिन में करीब 10,000 लोग आते होंगे. वो भी खराब वेंटिलेशन और जल निकासी के दौरान.

बाजार से आए विभिन्न केस के वायरल सीक्वेंस एकसमान थे. हालांकि अन्य वायरल सीक्वेंस में कुछ विविधता थी, जो अन्य प्रसारण की अपरिवर्तित श्रृंखलाओं को दर्शाती थी. उन्होंने इसे केवल एक हॉटस्पॉट के रूप में लिया, जिसके परिणामस्वरूप बहुत बड़ा परिणाम मिला. अंत में वुहान का बाजार सिर्फ वायरस के प्रसारण को बढ़ावा देने वाले एजेंट के रूप में दिखा ना कि ग्राउंड जीरो.
वह समझाते हैं कि लैब से भी वायरस का रिसाव आखिर क्यों असंभव है. उन्होंने कहा, 'हमने वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी का दौरा किया, जो एक प्रभावशाली शोध केंद्र है और कर्मचारियों के स्वास्थ्य के संबंध कदम उठाते हुए अच्छी तरह से चलाया जा रहा है.'

उनके अनुसार, 'हमने वहां के वैज्ञानिकों से बात की. हमने सुना था कि वैज्ञानिकों के खून के नमूनों को वहां नियमित रूप से लिया जाता है और संग्रहित किया जाता है. हमने उनके खून के नमूनों की भी जांच की. लेकिन उनमें भी कोरोना वायरस के एंटीबॉडी का कोई सबूत नहीं मिला.
एक साल में 11 करोड़ से अधिक कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों की पुष्टि हो चुकी है. साथ ही अब तक विश्व में 25 लाख से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. दुनिया भर में कहर ढा रहे इस जानलेवा वायरस की उत्पत्ति को लेकर विश्व स्वास्थ्स संगठन (WHO) एक जांच कर रहा है. इसके लिए उसकी टीम चीन में खासकर वुहान में जांच कई तरह की जांचें कर रही है.
फरवरी की शुरुआत में विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से काम कर रहे जांचकर्ताओं की एक टीम ने चीन के वुहान शहर में एक प्रमुख वायरस रिसर्च लैबोरेटरी का दौरा किया था. इसमें कोरोना महामारी की उत्पत्ति के संबंध में उन्हें सुराग मिले थे. यह संस्थान उन आरोपों के केंद्र में रहा है जिनमें दावा किया गया था कि यहां की एक लैब के जरिये ही विश्व में कोरोना वायरस 2019 के अंत में फैला.
डॉक्टर ने अपने लेख में उस बाजार का ब्यौरा बताया है जहां से कोरोना वायरस फैलने का दावा किया गया था. डॉक्टर ने बताया, 'जब हम बंद बाजार का दौरा करते थे तो यह देखना आसान था कि वहां संक्रमण कैसे फैल सकता है. जब बाजार खुला होता था तब वहां एक दिन में करीब 10,000 लोग आते होंगे. वो भी खराब वेंटिलेशन और जल निकासी के दौरान.
बाजार से आए विभिन्न केस के वायरल सीक्वेंस एकसमान थे. हालांकि अन्य वायरल सीक्वेंस में कुछ विविधता थी, जो अन्य प्रसारण की अपरिवर्तित श्रृंखलाओं को दर्शाती थी. उन्होंने इसे केवल एक हॉटस्पॉट के रूप में लिया, जिसके परिणामस्वरूप बहुत बड़ा परिणाम मिला. अंत में वुहान का बाजार सिर्फ वायरस के प्रसारण को बढ़ावा देने वाले एजेंट के रूप में दिखा ना कि ग्राउंड जीरो.
वह समझाते हैं कि लैब से भी वायरस का रिसाव आखिर क्यों असंभव है. उन्होंने कहा, 'हमने वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी का दौरा किया, जो एक प्रभावशाली शोध केंद्र है और कर्मचारियों के स्वास्थ्य के संबंध कदम उठाते हुए अच्छी तरह से चलाया जा रहा है.'
उनके अनुसार, 'हमने वहां के वैज्ञानिकों से बात की. हमने सुना था कि वैज्ञानिकों के खून के नमूनों को वहां नियमित रूप से लिया जाता है और संग्रहित किया जाता है. हमने उनके खून के नमूनों की भी जांच की. लेकिन उनमें भी कोरोना वायरस के एंटीबॉडी का कोई सबूत नहीं मिला.