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श्रीलंका पर अपनी पकड़ खोने से बौखलाया चीन, फिर से भारत के करीब जाता देख हुआ आग बबूला

चीन से दूर होता जा रहा श्रीलंका फिर से भारत संग रिश्तों की गर्माहट पर जोर. (सांकेतिक तस्वीर)

चीन से दूर होता जा रहा श्रीलंका फिर से भारत संग रिश्तों की गर्माहट पर जोर. (सांकेतिक तस्वीर)

China Sri Lanka India: सूत्रों के अनुसार, दोनों देशों के बीच कलह को हवा उस वक्त मिली जब श्रीलंकाई लोगों ने यह इच्छा जाह ...अधिक पढ़ें

नई दिल्ली. भारत के पड़ोसी देशों श्रीलंका और चीन के बीच संबंध तल्ख होते जा रहे हैं. सीएनएन-न्यूज 18 को सूत्रों ने बताया कि हाल ही में दोनों देशों के बीच गंभीर मतभेद पैदा हुए, जब कोलंबो ने क़िंगदाओ सीविन समूह (Qingdao Seawin Group) से जैविक उर्वरकों के 20,000 टन के शिपमेंट को इस आधार पर खारिज कर दिया कि वे दूषित पाए गए थे.

एक राजनयिक विवाद उभरने और चीनी कंपनी द्वारा श्रीलंका के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की धमकी के बाद, लंका सरकार ने कंपनी को 6.7 मिलियन डॉलर के दावे का 70% मुआवजे के रूप में देने पर सहमति व्यक्त की है. यह घटना ऐसे समय में सामने आई है जबकि श्रीलंका के कृषि मंत्री द्वारा देश की संसद को स्पष्ट रूप से बताया गया था कि जिस शिपमेंट को लेने से इनकार किया गया, उसके लिए चीनी फर्म को कोई भुगतान नहीं किया जाएगा.

चीन ने कोलंबो के फैसले का खुलकर किया विरोध
सूत्रों ने कहा कि जाफना तट के तीन द्वीपों में एक हाइब्रिड नवीकरणीय ऊर्जा परियोजना को रद्द करने के श्रीलंका सरकार के हालिया फैसले के कारण चीन ने कोलंबो के फैसले का खुलकर विरोध किया. उन्होंने कहा कि ऊर्जा परियोजना का समर्थन करने वाली चीनी फर्म सिनोसार-एटेकविन जेवी ने तीसरे पक्ष द्वारा कथित हस्तक्षेप पर अपनी आपत्ति दर्ज कराई जिसके कारण परियोजना को रद्द कर दिया गया.

चीन में बने सिनोफार्म कोविड टीके नहीं लगाना चाहते श्रीलंकाई
सूत्रों के अनुसार, दोनों देशों के बीच कलह को हवा उस वक्त मिली जब श्रीलंकाई लोगों ने यह इच्छा जाहिर की कि वे सिनोफार्म कोविड टीके (Sinopharm Covid Vaccines) नहीं लगाएंगे. गौरतलब है कि चीन की सिनोवैक बायोटेक कंपनी के हंबनटोटा में एक निर्माण इकाई स्थापित करने के प्रस्ताव पर रोक लगा दी गई है, जबकि श्रीलंकाई राष्ट्रीय चिकित्सा प्राधिकरण के आठ सदस्यों में से तीन ने इस साल की शुरुआत में उस समय इस्तीफा दे दिया था जब सिनोवैक ने अपने टीके लगाने के लिए मंजूरी मांगी थी.

कुटनीतिक यात्राओं से भड़का चीन
श्रीलंका के वित्त मंत्री बासिल राजपक्षे ने हाल ही में नई दिल्ली की यात्रा के दौरान भारत से सहायता मांगी और दोनों देशों के बीच कई परियोजनाओं पर चर्चा की, जो चीनियों को नागवार गुजरी है. विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला और सेना प्रमुख एमएम नरवणे की हाल की श्रीलंका यात्राओं और बौद्ध पर्यटन के लिए कुशीनगर हवाई अड्डे को खोलने को भी उसी संदर्भ में देखा जा रहा है.

भारत और श्रीलंका के मध्य कई परियोजनाएं
साथ ही, अडाणी समूह ने वेस्टर्न कंटेनर टर्मिनल (WCT) विकसित करने के लिए श्रीलंका पोर्ट अथॉरिटी और श्रीलंकाई कंपनी जॉन कील्स के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. अडाणी समूह ने मन्नार में एक अरब डॉलर की अक्षय पवन ऊर्जा परियोजना विकसित करने का भी प्रस्ताव रखा है. श्रृंगला की यात्रा के बाद से भारत में त्रिंकोमाली तेल टैंक फार्मों को विकसित करने पर भी बात आगे बढ़ रही है.

श्रीलंका और चीन में तनातनी
श्रीलंकाई जनता भी बीजिंग द्वारा कोलंबो को राजधानी शहर में हंबनटोटा कन्वेंशन सेंटर और लोटस टॉवर सहित विभिन्न परियोजनाओं के लिए दिए गए ऋणों को स्थगित करने में मदद नहीं करने से नाराज हो रही है। सूत्रों से पता चलता है कि चीन ने भी श्रीलंका को अपनी बिजली, ईंधन और गैस संकट को हल करने में मदद करने के लिए बहुत कुछ नहीं किया है.

श्रीलंका के चीनी उपनिवेश बनने की आशंका से जनता में नाराजगी
प्रभावशाली श्रीलंकाई बौद्ध भिक्षुओं ने भी संसद में पोर्ट सिटी बिल के पारित होने के ठीक पहले इसका विरोध किया है और 1.4 बिलियन डॉलर की कोलंबो पोर्ट सिटी योजना के खिलाफ सार्वजनिक आक्रोश भी उमड़ा है, जिसने कथित तौर पर स्थानीय श्रम कानूनों का उल्लंघन किया था. सूत्रों का कहना है कि श्रीलंका के चीनी उपनिवेश बनने की आशंका बढ़ रही है, जिससे उसकी क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता को खतरा है.

इन बातों से भी श्रीलंकाई जनमानस चीन के खिलाफ
साइनबोर्ड से तमिल को हटाने और इसके स्थान पर मंदारिन को रखने से भी स्थानीय लोगों गुस्सा फूट पड़ा है. इसके अलावा, मछुआरा संघों ने श्रीलंकाई सरकार की समुद्री कृषि गतिविधियों के लिए श्रीलंकाई फ्रंट कंपनियों के माध्यम से चीनी संस्थाओं को भूमि का बड़ा हिस्सा आवंटित करने की योजना का विरोध किया है. सूत्रों के अनुसार, जाफना के द्वीपों में जमींदारों को कथित तौर पर रिश्वत देने वाले चीनी भी आलोचना के घेरे में आ गए हैं.

Tags: China, India, Sri lanka

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