बीजिंग. संयुक्त राष्ट्र में चीनी स्थाई प्रतिनिधि चांग चुन ने 28 जून को यूक्रेन संकट पर सुरक्षा परिषद की खुली बैठक में भाषण देकर नाटो से यूक्रेन संकट के बहाने से सामूहिक मुकाबला और नया शीत युद्ध न छेड़ने का अनुरोध किया. चांग चुन ने कहा कि विश्व में शांतिप्रिय देशों और जनता की तरह चीन नाटो के रणनीतिक बदलाव पर कड़ी नजर रखे हुए है और नाटो के तथाकथित रणनीतिक संज्ञान दस्तावेज के विषयों पर चिंतित है. नाटो के कुछ नेता दावा करते हैं कि दूसरे देश खतरे लाते हैं ,लेकिन हकीकत यही है कि नाटो खुद विश्व के विभिन्न क्षेत्रों में परेशानी पैदा कर रहा है.
चीन नाटो से सबक लेकर एशिया-प्रशांत क्षेत्र में काल्पनिक दुश्मन ढूंढकर जानबूझ कर मुकाबला और विभाजन न करने का अनुरोध करता है. चांग चुन ने बताया कि शीतयुद्ध के बाद नाटो ने पांच बार पूर्व की ओर विस्तार किया. इससे यूरोप अधिक सुरक्षित नहीं बना, इसके विपरीत मुठभेड़ का बीज बोया गया है. चांग चुन ने बताया कि वार्ता शांति की बहाली और मजबूती का एकमात्र रास्ता है.
नाटो ने रूस को शांति, सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया
दूसरी ओर, नाटो ने बुधवार को रूस को अपने सदस्यों की शांति एवं सुरक्षा के लिए ‘सबसे बड़ा और सीधा खतरा’ करार दिया. इसके साथ ही नाटो प्रमुख ने कहा कि द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद गठबंधन सबसे बड़ी सुरक्षा चुनौती का सामना कर रहा है. तीस देशों के गठबंधन ने मैड्रिड में अपने शिखर सम्मेलन में रूस को नाटो देशों के लिए खतरा बताने वाली घोषणा की. नाटो की यह घोषणा इस बात को रेखांकित करती है कि यूक्रेन पर रूस के आक्रमण ने शीतयुद्ध के बाद के यूरोप की सुरक्षा व्यवस्था को नाटकीय रूप से कैसे प्रभावित किया है.
जेलेंस्की ने जताई नाटो से नाराजगी
गठबंधन के नेताओं ने रूस के आक्रमण का सामना कर रहे यूक्रेन के लिए ‘राजनीतिक और व्यावहारिक समर्थन बढ़ाने’ का वादा किया. हालांकि, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने इससे पहले बुधवार को अपने देश की पूरी तरह से मदद नहीं करने को लेकर नाटो से नाराजगी जताई तथा रूस से लड़ने के लिए और अधिक हथियार मांगे. नाटो महासचिव जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने कहा कि गठबंधन द्वितीय विश्व युद्ध के बाद सबसे गंभीर सुरक्षा संकट चुनौती का सामना कर रहा है.
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