म्यांमार के कोको आइलैंड पर स्पाई नेवी बेस बनाने का दावा. (Credits: Maxar Technologies)
अंडमान निकोबार (Andaman and Nicobar Islands) के करीब म्यांमार के कोको आइलैंड (Myanmar Coco Islands) के पास बड़े पैमाने पर मिलिट्री निर्माण का दावा किया गया है. इसे लेकर अब कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं. कई मीडिया रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि इस इलाके में हाल के महीनों में रनवे, हैंगर और रडार स्टेशन समेत कई अन्य निर्माण किए गए हैं. सैटेलाइट से ली गई कुछ ताजा तस्वीरों के बाद निर्माण को लेकर कई बातें सामने आई हैं. इस साल जनवरी में मैक्सर टेक्नोलॉजीज द्वारा ली गई सैटेलाइट तस्वीरों में कोको द्वीप में दो नए बने हैंगर और उत्तर में कुछ नई इमारतें देखी जा सकती हैं. साथ ही इस इलाके में नेवन एक्टिविटी बढ़ने का भी दावा किया जा रहा है. रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक म्यांमार के घनी आबादी वाले शहरों में चीनी सर्विलांस कैमरे लगाने की बात सामने आई है.
दावा किया जा रहा है कि अंडमान निकोबार से करीब 60 किलोमीटर दूर स्थित कोको द्वीप पर खुफिया नेवी बेस बनाया जा रहा है. सैटेलाइट तस्वीरों में भी निर्माण गतिविधियों देखे जाने का दावा किया गया है. तस्वीरों में 2300 मीटर का एक रनवे देखने की बात कही जा रही है. इसके बाद अब कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं. एक्सपर्ट दावा कर रहे हैं कि कोको द्वीप में इस तरह के बड़े निर्माण के पीछे चीन का हाथ हो सकता है.
भारत की जासूसी करने की प्लानिंग?
मालूम हो कि अंडमान और निकोबार आइलैंड भारत से करीब 1200 किमी की दूरी पर है. भारत यहां अपने बुनियादी ढांचे का निर्माण कर रहा है. रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि इसके बाद अब चीन ने ये नया पैंतरा आजमाया है. इससे पहले कई रिपोर्ट्स में दावा किया जाता है कि चीन कोको आइलैंड का इस्तेमाल भारत की जासूसी के लिए कर सकता है. हालांकि इसे लेकर अब तक किसी भी तरह के कोई पुख्ता सबूत नहीं मिले हैं. वहीं एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर चीन यहां निर्माण कर रहा है तो ये भारत के लिए चिंता का सबब बन सकता है.
अंडमान और निकोबार आइलैंड का एक बड़ा रणनीतिक महत्व माना जाता है. रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत यहां अपना नेवी बेस विकसित कर रहा है. फिलहाल यहां वायु और नौसेना के बेस के लिए यहां काम किया जा रहा है
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