हनोई: जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा (Japan PM Fumio Kishida) ने रविवार को वियतनाम के नेताओं के साथ यूक्रेन में युद्ध (Russia-Ukraine War) के हालात पर चर्चा की और कहा कि वे अंतरराष्ट्रीय कानून का सम्मान करने और बलप्रयोग नहीं करने पर सहमत हुए हैं. जापान ने यूक्रेन पर रूस के हमले की निंदा की है और उसने पश्चिमी देशों की तरह मॉस्को के खिलाफ प्रतिबंध लगाये हैं.
वियतनाम ने अन्य ज्यादातर दक्षिण पूर्व एशियाई देशों की तरह रूस की सीधी आलोचना से बचते हुए संयम बरतने, संयुक्त राष्ट्र के चार्टर का सम्मान करने तथा संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान के लिए बात करने का सुझाव दिया है. वियतनाम ने मार्च में संयुक्त राष्ट्र महासभा के उस सत्र में मतदान में भाग नहीं लिया था जिसमें यूक्रेन पर रूस के हमले की निंदा की गयी थी.
वियतनाम मॉस्को का ऐतिहासिक सहयोगी है और उसकी सेना में अधिकतर रूसी आयुध हैं. उसके यूक्रेन के साथ भी मजबूत संबंध हैं जहां करीब 10,000 वियतनामी रहते हैं, काम करते हैं और अध्ययन करते हैं.
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पिछले कुछ साल में वियतनाम ने दक्षिण चीन सागर में चीन के क्षेत्रीय दावों का विरोध करते हुए अमेरिका से भी अच्छे संबंध बना लिये हैं. किशिदा ने वियतनाम के प्रधानमंत्री फाम मिन्ह चिन्ह से बातचीत करने के बाद कहा, ‘‘हम दुनिया के किसी भी हिस्से में बलपूर्वक यथास्थिति बदलने की कार्रवाई को स्वीकार नहीं कर सकते.’’
किशिदा ने भी दक्षिण चीन सागर में चीन की गतिविधियों की आलोचना की है. चीन ने इस क्षेत्र में कृत्रिम द्वीपों का निर्माण किया है और अपने क्षेत्रीय दावों के लिए यहां सैन्य चौकियां बना ली हैं. चीन के छोटे पड़ोसी देश इन दावों को खारिज करते हैं.
बता दें कि रूस ने 24 फरवरी को यूक्रेन पर हमला किया था. तब से लेकर अब तक इस सैन्य संघर्ष का समाधान नहीं हुआ है. दुनिया के कई देशों ने रूस और यूक्रेन से वार्ता के जरिए इस मुद्दे का हल निकालने की अपील की है.
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