कोरोना का असर : पाकिस्तान की इंटरनेशनल एयरलाइंस दिवालिया होने के करीब

पीआईए के प्रवक्ता ने कहा है कि 'पीआईए का कर्ज और इसका नुकसान इतना बढ़ गया है कि कंपनी के लिए इसे अकेले संभालना संभव नहीं है.
हालात पेचीदा हैं और दुनिया भर की सरकारें एयरलाइंस कंपनियों के साथ इन हालात पर चर्चा कर रही हैं.
- News18Hindi
- Last Updated: March 28, 2020, 4:28 PM IST
इस्लामाबाद. दुनिया में फैले कोरोना वायरस (Coronavirus) का संक्रमण रोकने के लिए उड़ानों को रोक दिया गया है. ऐसे में लॉकडाउन की वजह से रोकी गई उड़ानों का असर अब कई देशों की एयरलाइंस पर पड़ने की आशंका व्यक्त की गई है. इनमें पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (PIA) भी शामिल है. इसके दीवालिया होने की आशंका जताई गई है.
अमेरिकी पत्रिका ब्लूमबर्ग (Bloomberg Magazine) के मुताबिक पीआईए (PIA) के प्रवक्ता ने कहा है कि 'पीआईए का कर्ज और इसका नुकसान इतना बढ़ गया है कि कंपनी के लिए इसे अकेले संभालना संभव नहीं है. ऐसे में इसके लिए सरकार को कई प्रस्ताव दिए गए हैं. इसके तहत लॉन्ग टर्म बॉन्ड की बात भी कही गई है.'
जितना बुरा प्रभाव कोरोना की वजह से पड़ा वैसा कभी नहीं हुआ
'उर्दू प्वाइंट' की की खबर के हवाले से कहा गया है कि दुनिया की एयरलाइंस इतनी बुरी तरह कभी भी प्रभावित नहीं हुई थीं जितना असर कोरोना वायरस की वजह से उड़ानों को बंद किए जाने से हुआ है. वहीं जीरो स्कोर पद्धति का इस्तेाल करते हुए ब्लूमबर्ग ने उपलब्ध आंकड़ों के आधार पर कमर्शियल एयरलाइंस की एक फेहरिस्त तैयार की. ताकि देखा जा सके कि कौन-सी एयरलाइंस सबसे ज्यादा खतरे में है. जहां इस फेहरिस्त में अधिकांश एशियाई एयरलाइंस कर्जों के भारी बोझ के साथ शामिल हैं.वहीं यूरोपीय एयरलाइंस भी इतनी मजबूत नजर नहीं आ रहीं. जैसा कि ब्रिटेन की स्थानीय एयरलाइंस फ्लाई बी (Flybe Airline) का बंद होना इसका प्रमाण है. हालात पेचीदा हैं और दुनिया भर की सरकारें एयरलाइंस कंपनियों के साथ इन हालात पर चर्चा कर रही हैं. वहीं कतर एयरवेज के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अकबर अल-बाकर ने चेताया है कि कई एयरलाइंस तबाह हो जाएंगी और उनके दोबारा खड़े होने की गुंजाइश भी कम होगी.
ये भी पढ़ें - पाकिस्तान में संदिग्ध कोरोना मामलों की संख्या 10 हजार है? सामने आया वीडियो
इमरान खान का आरोप, पाकिस्तान में कोरोना के 70 फीसदी मामले ईरान से आए

अमेरिकी पत्रिका ब्लूमबर्ग (Bloomberg Magazine) के मुताबिक पीआईए (PIA) के प्रवक्ता ने कहा है कि 'पीआईए का कर्ज और इसका नुकसान इतना बढ़ गया है कि कंपनी के लिए इसे अकेले संभालना संभव नहीं है. ऐसे में इसके लिए सरकार को कई प्रस्ताव दिए गए हैं. इसके तहत लॉन्ग टर्म बॉन्ड की बात भी कही गई है.'
जितना बुरा प्रभाव कोरोना की वजह से पड़ा वैसा कभी नहीं हुआ
'उर्दू प्वाइंट' की की खबर के हवाले से कहा गया है कि दुनिया की एयरलाइंस इतनी बुरी तरह कभी भी प्रभावित नहीं हुई थीं जितना असर कोरोना वायरस की वजह से उड़ानों को बंद किए जाने से हुआ है. वहीं जीरो स्कोर पद्धति का इस्तेाल करते हुए ब्लूमबर्ग ने उपलब्ध आंकड़ों के आधार पर कमर्शियल एयरलाइंस की एक फेहरिस्त तैयार की. ताकि देखा जा सके कि कौन-सी एयरलाइंस सबसे ज्यादा खतरे में है. जहां इस फेहरिस्त में अधिकांश एशियाई एयरलाइंस कर्जों के भारी बोझ के साथ शामिल हैं.वहीं यूरोपीय एयरलाइंस भी इतनी मजबूत नजर नहीं आ रहीं. जैसा कि ब्रिटेन की स्थानीय एयरलाइंस फ्लाई बी (Flybe Airline) का बंद होना इसका प्रमाण है. हालात पेचीदा हैं और दुनिया भर की सरकारें एयरलाइंस कंपनियों के साथ इन हालात पर चर्चा कर रही हैं. वहीं कतर एयरवेज के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अकबर अल-बाकर ने चेताया है कि कई एयरलाइंस तबाह हो जाएंगी और उनके दोबारा खड़े होने की गुंजाइश भी कम होगी.
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