फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों भी कोरोना पॉजिटिव, यूरोप में और बिगड़े कोरोना के हालात

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों कोरोना पॉजिटिव पाए गए. (फोटो - AFP)
France President Emmanuel Macron tests positive: फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों (France President Emmanuel Macron) भी कोरोना पॉजिटिव (coronavirus) पार गए हैं. उनसे पहले ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन से लेकर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप तक कोरोना की चपेट में आ चुके हैं.
- News18Hindi
- Last Updated: December 18, 2020, 7:46 AM IST
पेरिस. फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों (France President Emmanuel Macron) कोरोना पॉजिटिव (coronavirus) पाए गए हैं, जिसके बाद उन्होंने सेल्फ आइसोलेशन में जाने का ऐलान कर दिया है. राष्ट्रपति सात दिन के लिए सेल्फ आइसोलेट होने वाले हैं. गुरुवार मैक्रों के ऑफिस की तरफ से जारी बयान में कहा गया- राष्ट्रपति गुरुवार को कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं, आप सब उनके लिए प्रार्थना कीजिए. मैक्रों में फिलहाल कुछ शुरूआती लक्षण ही हैं और वे आइसोलेशन के दौरान काम करते रहेंगे.
फ्रांस की सरकार ने जानकारी दी है कि मैक्रों में शुरुआती लक्षण देखे जाने के बाद उनका टेस्ट कराया गया था. पॉजिटिव पाए जाने पर देश के नियमों के मुताबिक वह सात दिन के लिए सेल्फ-आइसोलेट होंगे. इस दौरान वे अपना कामकाज करते रहेंगे. सभी मीटिंग्स वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होंगी. उनके संपर्क में आए देश के प्रधानमंत्री जीन कास्टेक्स की रिपोर्ट नेगेटिव आई है. दुनिया में कोरोना मरीजों का आंकड़ा 7.48 करोड़ के ज्यादा हो गया है. 5 करोड़ 26 लाख से ज्यादा लोग ठीक हो चुके हैं. अब तक 16 लाख 60 हजार से ज्यादा लोग जान गंवा चुके हैं. मैक्रों का नाम भी विश्व के उन नेताओं में शामिल हो गया है जो कोरोना का शिकार हो गए हैं. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन से लेकर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप तक कोरोना की चपेट में आ चुके हैं. ट्रंप कुछ दिन अस्पताल में भी भर्ती किए गए थे लेकिन वह जल्द ही वाइट हाउस वापस आ गए थे.
जर्मनी में वैक्सीन से पहले हालात बिगड़े
जर्मन सरकार और यहां का हेल्थ रेग्युलेटर 27 दिसंबर को वैक्सीन को मंजूरी दे सकते हैं. सबसे पहले यह केयर होम्स में रह रहे बुजुर्ग लोगों को दी जाएगी. इसके बाद बाकी लोगों का नंबर आएगा. जर्मनी बायोएनटेक और फाइजर की वैक्सीन को मंजूरी देने जा रहा है. वैक्सीनेशन के पहले जर्मनी में हालात बिगड़ रहे हैं. इस वजह से दुकानें, स्कूल और तमाम गैर जरूरी संस्थान बंद कर दिए गए हैं. जर्मनी में 11 दिन से हर दिन औसतन 400 लोगों की मौत हो रही है. जर्मनी के अलावा इटली और स्पेन में भी हालत बिगड़ते जा रहे हैं.सऊदी अरब ने भी शुरू किया वैक्सीनेशन
सऊदी अरब ने गुरुवार से अपने यहां कोरोना की वैक्सीन लगाने का अभियान शुरू कर दिया है. पहली वैक्सीन देश के हेल्थ मिनिस्टर डॉ. तौफीक अल रबिह को लगाई गई. मिनिस्ट्री ऑफ हेल्थ ने सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी दी. देश में अब तक तीन लाख 60 हजार 516 मरीज मिल चुके हैं. इनमें 6 हजार 91 जान गंवा चुके हैं. वैक्सीन लगवाने के बाद डॉ. तौफीक ने कहा कि यह एक बड़ी समस्या के खत्म होने की शुरुआत है. उन्होंने देश के सबसे बड़े वैक्सीनेशन प्रोग्राम की शुरुआत का ऐलान किया. अब तक अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन, बहरीन और रूस अपने यहां यह ड्राइव शुरू कर चुके हैं.

अमेरिका में फिर वैक्सीन से रिएक्शन
अमेरिका के अलास्का में वैक्सीन लगवाने के बाद दो हेल्थ वर्कर्स की हालत बिगड़ गई है. दोनों को एक ही हॉस्पिटल में वैक्सीन लगाई गई थी. अधिकारियों ने बताया कि एलर्जी की शिकायत होने पर दोनों को हॉस्पिटल में भर्ती कराना पड़ा. उन्हें फाइजर की वैक्सीन दी गई थी. इसके 10 मिनिट बाद एक की हार्टबीट बढ़ गई. सांस लेने में तकलीफ होने लगी और स्किन पर लाल निशान बन गए. उसे पहले कभी एलर्जी की समस्या नहीं रही है. व्हीं दूसरे वर्कर में रिएक्शन के हल्के लक्षण मिले. उसे गले में खराश और आंखों में जलन की दिक्कत हुई है.
फ्रांस की सरकार ने जानकारी दी है कि मैक्रों में शुरुआती लक्षण देखे जाने के बाद उनका टेस्ट कराया गया था. पॉजिटिव पाए जाने पर देश के नियमों के मुताबिक वह सात दिन के लिए सेल्फ-आइसोलेट होंगे. इस दौरान वे अपना कामकाज करते रहेंगे. सभी मीटिंग्स वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होंगी. उनके संपर्क में आए देश के प्रधानमंत्री जीन कास्टेक्स की रिपोर्ट नेगेटिव आई है. दुनिया में कोरोना मरीजों का आंकड़ा 7.48 करोड़ के ज्यादा हो गया है. 5 करोड़ 26 लाख से ज्यादा लोग ठीक हो चुके हैं. अब तक 16 लाख 60 हजार से ज्यादा लोग जान गंवा चुके हैं. मैक्रों का नाम भी विश्व के उन नेताओं में शामिल हो गया है जो कोरोना का शिकार हो गए हैं. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन से लेकर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप तक कोरोना की चपेट में आ चुके हैं. ट्रंप कुछ दिन अस्पताल में भी भर्ती किए गए थे लेकिन वह जल्द ही वाइट हाउस वापस आ गए थे.
जर्मनी में वैक्सीन से पहले हालात बिगड़े
जर्मन सरकार और यहां का हेल्थ रेग्युलेटर 27 दिसंबर को वैक्सीन को मंजूरी दे सकते हैं. सबसे पहले यह केयर होम्स में रह रहे बुजुर्ग लोगों को दी जाएगी. इसके बाद बाकी लोगों का नंबर आएगा. जर्मनी बायोएनटेक और फाइजर की वैक्सीन को मंजूरी देने जा रहा है. वैक्सीनेशन के पहले जर्मनी में हालात बिगड़ रहे हैं. इस वजह से दुकानें, स्कूल और तमाम गैर जरूरी संस्थान बंद कर दिए गए हैं. जर्मनी में 11 दिन से हर दिन औसतन 400 लोगों की मौत हो रही है. जर्मनी के अलावा इटली और स्पेन में भी हालत बिगड़ते जा रहे हैं.सऊदी अरब ने भी शुरू किया वैक्सीनेशन
सऊदी अरब ने गुरुवार से अपने यहां कोरोना की वैक्सीन लगाने का अभियान शुरू कर दिया है. पहली वैक्सीन देश के हेल्थ मिनिस्टर डॉ. तौफीक अल रबिह को लगाई गई. मिनिस्ट्री ऑफ हेल्थ ने सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी दी. देश में अब तक तीन लाख 60 हजार 516 मरीज मिल चुके हैं. इनमें 6 हजार 91 जान गंवा चुके हैं. वैक्सीन लगवाने के बाद डॉ. तौफीक ने कहा कि यह एक बड़ी समस्या के खत्म होने की शुरुआत है. उन्होंने देश के सबसे बड़े वैक्सीनेशन प्रोग्राम की शुरुआत का ऐलान किया. अब तक अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन, बहरीन और रूस अपने यहां यह ड्राइव शुरू कर चुके हैं.
अमेरिका में फिर वैक्सीन से रिएक्शन
अमेरिका के अलास्का में वैक्सीन लगवाने के बाद दो हेल्थ वर्कर्स की हालत बिगड़ गई है. दोनों को एक ही हॉस्पिटल में वैक्सीन लगाई गई थी. अधिकारियों ने बताया कि एलर्जी की शिकायत होने पर दोनों को हॉस्पिटल में भर्ती कराना पड़ा. उन्हें फाइजर की वैक्सीन दी गई थी. इसके 10 मिनिट बाद एक की हार्टबीट बढ़ गई. सांस लेने में तकलीफ होने लगी और स्किन पर लाल निशान बन गए. उसे पहले कभी एलर्जी की समस्या नहीं रही है. व्हीं दूसरे वर्कर में रिएक्शन के हल्के लक्षण मिले. उसे गले में खराश और आंखों में जलन की दिक्कत हुई है.