FB-Twitter पर भड़कीं मर्केल, कहा- बोलने की आजादी का दायरा आप तय नहीं करेंगे

सोशल मीडिया कंपनियों से एंजेला मर्केल नाराज़. (फोटो-AFP)
Angela merkel on Social Media Ban: जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने साफ़ कहा है कि सोशल मीडिया कंपनियों के मालिक 'अभिव्यक्ति की आजादी' का दायरा तय नहीं कर सकते. ये सिर्फ कानून के माध्यम से कोई चुनी हुई सरकार ही कर सकती है.
- News18Hindi
- Last Updated: January 12, 2021, 5:11 PM IST
बर्लिन. जर्मनी की चांसलर एंजेली मर्केल (Angela merkel) ने सोमवार को कहा कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म (Social Media Platforms) के मालिक अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को तय नहीं कर सकते. उन्होंने कहा कि विचारों का स्वतंत्रता मौलिक अधिकार है और इसे किसी भी कीमत पर बाधित नहीं किया जाना चाहिए. इसे कानून के माध्यम से और विधायिका के परिभाषित ढांचे के भीतर की कम या बंद किया जा सकता है. इससे पहले तुर्की के राष्ट्रपति रेचप तैयप एर्दोगन (Recep Tayyip Erdogan) के मीडिया ऑफिस ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म वाट्सऐप (WhatsApp) को छोड़ने का ऐलान किया है. हाल में ही वाट्सऐप ने नई प्राइवेसी पॉलिसी को जारी किया है जिसे लेकर काफी हंगामा मचा हुआ है.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ट्विटर, फेसबुक सहित अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर रोक लगने के बाद से ही पूरी दुनिया में फिर से अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर बहस छिड़ी हुई है. कई लोग ट्रंप के सोशल मीडिया अकाउंट्स पर कंपनियों के लगाए गए प्रतिबंध की निंदा कर रहे हैं, वहीं कई लोग इसे भविष्य में होने वाली हिंसा को रोकरने के लिए जरूरी बता रहे हैं. इसके अलावा वाट्सऐप ने नई प्राइवेसी पॉलिसी को जारी किया है, जिसको स्वीकार नहीं करने पर यूजर के अकाउंट को डिलीट भी किया जा सकता है. इस पॉलिसी को स्वीकार करने के बाद यूजर के डेटा को फेसबुक समेत कंपनी के कई प्लेटफॉर्म्स पर शेयर किया जाएगा. जिसके बाद से यूजर्स अपनी डेटा की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं.
मर्केल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के मालिकों को लताड़ाजर्मन चांसलर मर्केल ने कहा कि विचारों की स्वतंत्रता प्राथमिक महत्व का एक मौलिक अधिकार है, और इस मौलिक अधिकार के साथ हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता है. इसमें केवल कानून के माध्यम से और विधायिका द्वारा परिभाषित ढांचे के भीतर ही कुछ किया जाना चाहिए. सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के प्रबंधन के निर्णय के अनुसार किसी के अकाउंट पर प्रतिबंध नहीं लगना चाहिए. अमेरिकी संसद में हुई हिंसा के बाद सोशल मीडिया प्लेटफार्म ट्विटर ने 9 जनवरी को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अकाउंट को स्थायी रूप से प्रतिबंध लगा दिया था. ट्विटर की ओर से जारी बयान में कहा गया था कि डोनाल्ड ट्रंप के ट्विटर खाते को भविष्य में और हिंसा की आशंका को देखते हुए स्थायी रूप से सस्पेंड किया जाता है.

अमेरिकी संसद में हुई हिंसा को उकसाने के आरोप में फेसबुक ने भी 7 जनवरी को ट्रंप के अकाउंट पर प्रतिबंध लगाने का ऐलान किया था. फेसबुक के चीफ मार्क जुकरबर्ग ने लिखा था कि ट्रंप को पोस्ट करने की अनुमति देने के जोखिम बस बहुत खतरनाक है. जुकरबर्ग ने कहा था कि फेसबुक ने राष्ट्रपति ट्रंप के पोस्ट को हटा दिया है क्योंकि हमने फैसला किया है कि उनका प्रयोग आगे हिंसा को भड़काने के लिए हो सकता है.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ट्विटर, फेसबुक सहित अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर रोक लगने के बाद से ही पूरी दुनिया में फिर से अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर बहस छिड़ी हुई है. कई लोग ट्रंप के सोशल मीडिया अकाउंट्स पर कंपनियों के लगाए गए प्रतिबंध की निंदा कर रहे हैं, वहीं कई लोग इसे भविष्य में होने वाली हिंसा को रोकरने के लिए जरूरी बता रहे हैं. इसके अलावा वाट्सऐप ने नई प्राइवेसी पॉलिसी को जारी किया है, जिसको स्वीकार नहीं करने पर यूजर के अकाउंट को डिलीट भी किया जा सकता है. इस पॉलिसी को स्वीकार करने के बाद यूजर के डेटा को फेसबुक समेत कंपनी के कई प्लेटफॉर्म्स पर शेयर किया जाएगा. जिसके बाद से यूजर्स अपनी डेटा की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं.
मर्केल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के मालिकों को लताड़ाजर्मन चांसलर मर्केल ने कहा कि विचारों की स्वतंत्रता प्राथमिक महत्व का एक मौलिक अधिकार है, और इस मौलिक अधिकार के साथ हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता है. इसमें केवल कानून के माध्यम से और विधायिका द्वारा परिभाषित ढांचे के भीतर ही कुछ किया जाना चाहिए. सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के प्रबंधन के निर्णय के अनुसार किसी के अकाउंट पर प्रतिबंध नहीं लगना चाहिए. अमेरिकी संसद में हुई हिंसा के बाद सोशल मीडिया प्लेटफार्म ट्विटर ने 9 जनवरी को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अकाउंट को स्थायी रूप से प्रतिबंध लगा दिया था. ट्विटर की ओर से जारी बयान में कहा गया था कि डोनाल्ड ट्रंप के ट्विटर खाते को भविष्य में और हिंसा की आशंका को देखते हुए स्थायी रूप से सस्पेंड किया जाता है.
अमेरिकी संसद में हुई हिंसा को उकसाने के आरोप में फेसबुक ने भी 7 जनवरी को ट्रंप के अकाउंट पर प्रतिबंध लगाने का ऐलान किया था. फेसबुक के चीफ मार्क जुकरबर्ग ने लिखा था कि ट्रंप को पोस्ट करने की अनुमति देने के जोखिम बस बहुत खतरनाक है. जुकरबर्ग ने कहा था कि फेसबुक ने राष्ट्रपति ट्रंप के पोस्ट को हटा दिया है क्योंकि हमने फैसला किया है कि उनका प्रयोग आगे हिंसा को भड़काने के लिए हो सकता है.