होम /न्यूज /दुनिया /मस्जिद बताकर गुरुद्वारा शहीद गंज भाई तारु सिंह पर जड़ा ताला, पाकिस्‍तान में सिखों पर फिर हुआ जुल्‍म

मस्जिद बताकर गुरुद्वारा शहीद गंज भाई तारु सिंह पर जड़ा ताला, पाकिस्‍तान में सिखों पर फिर हुआ जुल्‍म

पाकिस्‍तान के लाहौर में गुरुद्वारा साहिब पर कट्टरपंथियों ने कब्‍जा कर लिया है.

पाकिस्‍तान के लाहौर में गुरुद्वारा साहिब पर कट्टरपंथियों ने कब्‍जा कर लिया है.

भारतीय इतिहास में हजारों वीर योद्धाओं के नाम दर्ज हैं. इन योद्धाओं ने धर्म को बचाने के लिए अपने प्राणों की आहुति तक दे ...अधिक पढ़ें

नई दिल्‍ली. पाकिस्‍तान में सिखों पर फिर से अत्‍याचार की घटना सामने आई है. दरअसल, लाहौर में मुस्लिम कट्टरपंथियों ने गुरुद्वारा शहीद गंज भाई तारु सिंह को मस्जिद बताकर ताला जड़ दिया है. पाकिस्तान की इवेक्‍यू ट्रस्‍ट प्रॉपर्टी बोर्ड (ETPB) ने लाहौर के मुस्लिम कट्टरपंथियों के साथ मिलकर गुरुद्वारा को सिख समुदाय के लिए बंद कर दिया है. इससे स्‍थानीय सिखों में जबरदस्‍त गुस्‍सा है. आई जानते हैं कि भाई तारु सिंह कौन थे, जिनके नाम पर ये गुरुद्वारा साहिब बनाया गया.

भारतीय इतिहास में हजारों वीर योद्धाओं के नाम दर्ज हैं. इन योद्धाओं ने धर्म को बचाने के लिए अपने प्राणों की आहुति तक दे दी. उन्‍होंने किसी भी हाल में इस्लामी लुटेरों के सामने झुकना मंजूर नहीं किया. ऐसे ही वीर योद्धाओं में एक भाई तारु सिंह भी थे. पाकिस्‍तान के लाहौर में उन्‍हीं के नाम आपर गुरुद्वारा शहीद गंज भाई तारु सिंह बनाया गया है, जो उनका शहीदी स्थान है. पाकिस्‍तान सरकार और वहां के कट्टरपंथी काफी समय से गुरुद्वारा साहिब को मस्जिद में तब्‍दील करने के लिए षड्यंत्र रच रहे थे. जुलाई 2020 में भारत सरकार ने मामले में हस्‍तक्षेप करते हुए षड्यंत्र रच रहे लोगों के खिलाफ सख्‍त कार्रवाई की मांग भी की थी.

ये भी पढ़ें – मुस्लिम लड़की ने सनातन धर्म अपनाया, धर्म की दीवार तोड़कर हिंदू प्रेमी के साथ लिए सात फेरे, देखें Pics

इस्‍लाम कबूल ना करने पर उखाड़ दिया था सिर
इस्‍लाम कबूल नहीं करने पर भाई तारु सिंह का सिर उखाड़ दिया गया था. उन्होंने इस्‍लामी आक्रांताओं के सामने अपने केश कटवाने से साफ इनकार कर दिया था. इससे गुस्‍साए पंजाब के मुगल सरदार जकरिया खान ने उन्हें बहुत यातनाएं दीं. भाई तारु सिंह ने देश, सिख धर्म और खालसा पंथ के लिए अपने प्राण तक बलिदान कर दिए. गुरुद्वारा शहीद गंज भाई तारु सिंह लाहौर के नौलखा बाजार में है. वहीं, पाकिस्तान के लोगों का माना है कि सिखों ने यहां मौजूद मस्जिद पर जबरन कब्‍जा कर लिया था.

कौन थे शहीद भाई तारु सिंह
पटियाला के पंजाब विश्वविद्यालय के ‘सिख एनसाइक्लोपीडिया’ के मुताबिक, अमृतसर के फुला गांव में भाई तारु सिंह का जन्म एक संधु जाट परिवार में हुआ था. किसान तारु सिंह खेती से होने वाली अपनी कमाई का इस्तेमाल सिख समुदाय के हित में करते थे. उस समय सिख मुगलों के खिलाफ युद्ध लड़ रहे थे. भाई तारु सिंह को 1 जुलाई 1745 को 25 वर्ष की उम्र में ही मार दिया गया था. वहीं, सिख समुदाय के इतिहास के मुताबिक, जकरिया खान की मौत भाई तारु सिंह से पहले हो गई थी. उसने उनसे माफी मांगी और उनके जूते से खुद को मारा था.

ये भी पढ़ें – कश्‍मीरी पंडित फिर मुसीबत में! आतंकियों को मिली घाटी में काम कर रहे हिंदुओं की सूची, गृह मंत्रालय में चल रही बैठक

नौलखा बाजार में हुई हजारों सिखों की हत्‍या
गुरुद्वारा शहीद गंज भाई तारु सिंह जिस जगह पर स्थित है, उसे जगह पर मुगल शहजादा दाराशिकोह अकसर आता था. लाहौर के दूसरे मुगल सरदार मीर मन्‍नू ने भी इसी जगह पर सिखों का कत्लेआम किया था. कहा जाता है कि उसने 25,000 सिखों की हत्‍या की थी. हरमंदिर साहिब के मणि सिंह की हत्या भी इसी जगह पर हुई थी.

Tags: Gurudwara, India pakistan, Lahore, Sikh Community

टॉप स्टोरीज
अधिक पढ़ें