जोस रिबेरो दा सिल्वा को गलती से मृत घोषित कर दिया गया था. फाइल फोटो
ब्रासीलिया. ब्राजील के उरुआकू (Uruacu) में स्थित एक अस्पताल ने एक कैंसर पीड़ित शख्स को गलती से मृत घोषित कर दिया, जबकि वह जिंदा था. द सन की रिपोर्ट के अनुसार, उसे मृत घोषित किए जाने के बाद उसकी बॉडी को प्लास्टिक बैग में पैक कर मुर्दाघर में रख दिया गया था. परिवार ने अंतिम संस्कार के लिए सारी व्यवस्था भी पूरी कर ली थी. अस्पताल ने मुर्दाघर से कैंसर पीड़ित को शव समझकर परिवार को सौंप दिया था.
रिपोर्ट के अनुसार, 62 वर्षीय जोस रिबेरो दा सिल्वा के परिवार को अस्पताल एस्टाडुअल डो सेंट्रो-नोर्टे गोइआनो (Estadual do Centro-Norte Goian) ने मृत्यु प्रमाण पत्र भी सौंप दिया. पत्र में जोस की मौत का कारण मुंह का कैंसर बताया गया. उनकी बहन अपारेसिडा ने कहा कि जोस के अंतिम संस्कार की व्यवस्था शुरू करने के लिए शव को परिवार को सौंपने के लिए कहा गया था. जब प्रक्रिया शुरू हुई तो वहां मौजूद मुर्दाघर के कार्यकर्ता ने बॉडी बैग खोला तो पाया कि शख्स की आंखें खुली थीं और वह धीमी सांस ले रहा था. इसके बाद उनकी बहन अपरेसिडा को तुरंत सूचित किया गया. जोस की बहन आश्चर्यचकित रह गई, जब उन्होंने सुना कि उनका भाई जीवित है. वह कहती हैं, “यह अविश्वसनीय है… मेरे भाई ने प्लास्टिक बैग में पांच घंटे बिताए.”
अंतिम संस्कार की प्रक्रिया करने वाले घर ने फिर आपातकालीन सेवाओं से संपर्क किया और जोस को पास के एक स्वास्थ्य केंद्र में ले जाया गया, जहां उनका अब इलाज चल रहा है. इस पूरी घटना के बाद अस्पताल की खूब आलोचना की गई जिसके बाद मृत्यु प्रमाण पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले डॉक्टर को बर्खास्त कर दिया गया. जोस की बहन अपारसिडा ने पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई जिसके बाद से जांच जारी है.
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