इस्लामाबाद: पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ़ (PTI) के अध्यक्ष इमरान खान को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के रूप में डिनोटिफाई कर दिया गया है, यानी अब वह पीएम नहीं रहे. इमरान खान की सलाह पर राष्ट्रपति आरिफ अल्वी द्वारा 3 अप्रैल को नेशनल असेंबली भंग करने के बाद कैबिनेट डिवीजन ने इस संबंध में बयान जारी कर बताया. हालांकि, पाकिस्तान के संविधान के अनुच्छेद 224 के तहत एक बार अधिसूचना जारी होने के बाद इमरान खान एक कार्यवाहक प्रधानमंत्री की नियुक्ति होने तक 15 दिनों के लिए पीएम बने रहेंगे.
राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से यह घोषणा की कि इमरान खान फिलहाल प्रीमियर के रूप में काम करना जारी रखेंगे. उन्होंने लिखा, “इमरान अहमद खान नियाज़ी, इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ पाकिस्तान के संविधान के अनुच्छेद 224-ए (4) के तहत कार्यवाहक प्रधानमंत्री की नियुक्ति होने तक देश के प्रधानमंत्री के रूप में बने रहेंगे.” हालांकि, इस बात पर कोई स्पष्टता नहीं है कि नेशनल असेंबली भंग कर दिए जाने के बाद अब कार्यवाहक प्रधानमंत्री की नियुक्ति कैसे की जाएगी.
कार्यवाहक प्रधानमंत्री की नियुक्ति होने तक इमरान खान पद पर बने रहेंगे
इमरान खान भले ही अभी कुछ दिनों तक प्रधानमंत्री पद पर बने रहेंगे, इसके बावजूद उन्हें निर्णय लेने का कोई अधिकार नहीं होगा, जो एक निर्वाचित सरकार का प्रमुख कर सकता है. कैबिनेट डिवीजन की अधिसूचना में लिखा गया, “पाकिस्तान के राष्ट्रपति द्वारा नेशनल असेंबली के विघटन के परिणामस्वरूप, पाकिस्तान के इस्लामी गणराज्य के संविधान के अनुच्छेद 48(1) के साथ पढ़े गए अनुच्छेद 58(1) के अनुसार, संसदीय कार्य मंत्रालय के एसआरओ नंबर 487(1)/2022, दिनांक 3 अप्रैल, 2022 के तहत, इमरान अहमद खान नियाज़ी को तत्काल प्रभाव से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पद पर कार्य करने से प्रतिबंधित कर दिया गया है.”
नेशनल असेंबली में इमरान खान सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव खारिज
नेशनल असेंबली के पूर्व डिप्टी स्पीकर कासिम खान सूरी ने इमरान सरकार के खिलाफ संयुक्त विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया. यह कहते हुए कि इमरान खान सरकार के खिलाफ विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव “विदेशी शक्तियों” द्वारा समर्थित था, कासिम खान सूरी ने इसे “असंवैधानिक” करार दिया. अविश्वास प्रस्ताव को खारिज करने के बाद, राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने पूर्व प्रधानमंत्री की सलाह पर अनुच्छेद 58(1) के साथ पढ़े गए अनुच्छेद 48(1) के तहत नेशनल असेंबली को भंग कर दिया. इसके तुरंत बाद कैबिनेट डिवीजन ने प्रधानमंत्री पद से इमरान खान का डी-नोटिफिकेशन जारी किया.
इमरान खान ने पाकिस्तानियों से अगले चुनावों के लिए तैयार रहने को कहा
इमरान खान ने, नेशनल असेंबली सत्र के स्थगन के तुरंत बाद राष्ट्र को संबोधित करते हुए नए चुनाव की मांग की और पाकिस्तानियों को चुनावों के लिए तैयार रहने को कहा. वहीं, विपक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव को खारिज करने के फैसले को “असंवैधानिक” करार दिया. नेशनल असेंबली में झटके के बाद समय बर्बाद न करते हुए, विपक्ष ने पाकिस्तान के सर्वोच्च न्यायालय का रुख किया, अदालत ने खुद राजनीतिक संकट का संज्ञान लिया.
प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति द्वारा पारित आदेश अदालत के अधीन: सुप्रीम कोर्ट
पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश उमर अता बंदियाल ने इस मामले में पहली सुनवाई के दौरान कहा कि “प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति द्वारा पारित कोई भी आदेश इस अदालत के आदेश के अधीन होगा.” कानूनी विशेषज्ञ मुनीब फारूक, सलमान अकरम राजा, सालार खान, रीमा उमर और सरूप एजाज ने अविश्वास प्रस्ताव को खारिज करने के लिए अनुच्छेद 5 का इस्तेमाल करने के सरकार के कदम को असंवैधानिक करार दिया. अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद पाकिस्तान के अगले राजनीतिक घटनाक्रम के बारे में पता चलेगा.
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