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UN में भारत ने अफगान महिलाओं पर जताई चिंता, कहा- 'उनके अधिकारों को कुचला जा रहा'

UNSC में भारत के उप दूत आर. रवींद्र ने अफगान महिलाओं के अधिकारों के हनन पर जताई चिंता. (फोटो-ANI)

UNSC में भारत के उप दूत आर. रवींद्र ने अफगान महिलाओं के अधिकारों के हनन पर जताई चिंता. (फोटो-ANI)

अफगानिस्तान में तालिबान की सत्ता काबिज होने के बाद से महिलाओं के अधिकारों को आये दिन कुचलने की कोशिश की जा रही है. भारत ...अधिक पढ़ें

हाइलाइट्स

UN में भारत ने अफगान महिलाओं पर जताई चिंता
UNSC में भारत के उप दूत ने कहा- महिलाओं के अधिकारों को कुचला जा रहा है.
महिलाओं और अल्पसंख्यकों के अधिकारों की सुरक्षा जरुरी- राजदूत आर. रवींद्र

न्यूयॉर्क. अफगानिस्तान में तालिबान की सत्ता काबिज होने के बाद से महिलाओं के अधिकारों को आये दिन कुचलने की कोशिश की जा रही है. भारत ने  गुरुवार को संयुक्त राष्ट्र में अफगानिस्तान के हालातों पर चिंता जताई है. UNSC में भारत के उप दूत ने कहा कि महिलाओं और अल्पसंख्यकों के अधिकारों को कुचला जा रहा है. न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, UNSC में भारत के उप स्थायी प्रतिनिधि राजदूत आर. रवींद्र (R.Ravindra) ने अफगानिस्तान में सार्वजनिक जीवन से महिलाओं को हटाने की बढ़ती कोशिशों पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि अल्पसंख्यकों को कुचला जा रहा है, “हम महिलाओं और अल्पसंख्यकों को अफगानिस्तान के भविष्य में शामिल करने और उनके अधिकारों का पूरी तरह से सम्मान करने का आह्वान करते हैं, जैसा कि UNSCR 2593 में पुष्टि की गई है.”

अफगानिस्तान एक मानवाधिकार संकट का सामना कर रहा है जहां महिलाएं गैर-भेदभाव, शिक्षा, काम, सार्वजनिक भागीदारी और स्वास्थ्य के मौलिक अधिकारों से वंचित हैं.  रवींद्र ने कहा कि शांतिपूर्ण, समावेशी और लचीला समाज बनाने के लिए महिला सशक्तिकरण और लैंगिक समानता बेहद जरुरी है. स्थायी शांति तब तक प्राप्त नहीं की जा सकती जब तक महिलाओं के खिलाफ हिंसा को समाप्त नहीं किया जाता है और सार्वजनिक जीवन में उनकी समान और सार्थक भागीदारी को बढ़ावा नहीं दिया जाता है. सशस्त्र संघर्षों और आतंकवादी हमलों का महिलाओं के जीवन और गरिमा पर विनाशकारी प्रभाव जारी रहा है. महिलाओं की भागीदारी संघर्षों को सुलझाने और शांति हासिल करने के लिए महत्वपूर्ण रही है.

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दूत ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि महिला, शांति और सुरक्षा (WPS) एजेंडे में परिवर्तनकारी क्षमता है लेकिन इसे साकार करने के लिए अभी भी चुनौतियां हैं. भेदभावपूर्ण शक्ति शांति प्रक्रियाओं में बाधा डालती है. WPS मानक शांति कार्यों को मजबूत ताकतों द्वारा संचालित करने की आवश्यकता है. संयुक्त राष्ट्र, क्षेत्रीय संगठनों, नागरिक समाजों और अन्य अभिनेताओं को महिलाओं के समान और उनके सार्थक भागीदारी को सुनिश्चित करने के लिए अपनी प्रतिबद्धताओं को लागू करना चाहिए.”

Tags: Afghanistan Taliban conflict, India, UNSC, Women

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