इमरान को फिर झटका! इस्लामिक देशों की बैठक में कश्मीर मुद्दे पर अलग से कोई चर्चा नहीं

OIC से पाकिस्तान को फिर झटका लगा है.
Organisation of Islamic Cooperation meeting: OIC मीटिंग को लेकर किये गए पाकिस्तान के दावे एक बार फिर झूठे साबित होते नज़र आ रहे हैं. इमरान सरकार (Imran Khan) ने कश्मीर (Kashmir Issue) को अलग मुद्दे के तौर पर बैठक में शामिल करने का प्रस्ताव रखा था जिसे अन्य देशों ने खारिज कर दिया है.
- News18Hindi
- Last Updated: November 30, 2020, 8:27 AM IST
इस्लामाबाद. पाकिस्तान (Pakistan) लगातार कश्मीर मुद्दे पर इस्लामिक देशों के संगठन इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) से सहयोग जुटाने के लिए हाथ-पैर मारता रहा है. हालांकि इस बार भी OIC ने इमरान सरकार (Imran Khan) को झटका दिया और कश्मीर (Kashmir Issue) को अलग मुद्दे के तौर पर बैठक में इसे शामिल करने से इनकार कर दिया. हालांकि पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने दावा किया था कि शनिवार को नाइजर की राजधानी नीमी में ओआईसी विदेश मंत्रियों की बैठक में कश्मीर को लेकर एक प्रस्ताव पारित किया गया है.
पाकिस्तान ने ओआईसी के सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में कश्मीर को लेकर पारित किए गए झूठे प्रस्ताव को अपनी जीत करार दिया था. इस ट्वीट में दावा किया गया था कि जम्मू-कश्मीर विवाद को नीमी घोषणा में शामिल करना विदेश मंत्रियों की परिषद रिणाम दस्तावेजों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. यह कश्मीर को लेकर ओआईसी के समर्थन की महत्वपूर्ण अभिव्यक्ति है. हालांकि ये बात भी कही जा रही है कि ओआईसी के प्रस्ताव में कश्मीर का ज़िक्र रस्मअदायगी भर है और ये भारत के लिए हैरान करने वाला नहीं है. पाकिस्तान के भारी दबाव के बावजूद इस बैठक में कश्मीर को एक अलग एजेंडे के तौर पर शामिल नहीं किया गया.
ओआईसी के सीएफ़एम में पास किए गए प्रस्ताव को लेकर भारत के विदेश मंत्रालय ने अपने बयान ने कहा है, ''हम नाइजर की राजधानी नियामे में ओआईसी के 47वें सीएफ़एम में तथ्यात्मक रूप से ग़लत, अनुचित और अकारण रूप से पास किए गए प्रस्ताव में भारत के ज़िक्र को ख़ारिज करते हैं. हमने हमेशा से कहा है कि ओआईसी को भारत के आंतरिक मामलों पर बोलने का कोई हक़ नहीं है. जम्मू-कश्मीर भी भारत का अभिन्न अंग है और ओआईसी को इस पर बोलने का कोई अधिकार नहीं है.''

भारत ने अपने बयान में कहा है, ''यह खेदजनक है कि ओआईसी किसी एक देश को अपने मंच का दुरुपयोग करने की अनुमति दे रहा है. जिस देश को ओआईसी ऐसा करने दे रहा है, उसका धार्मिक सहिष्णुता, अतिवाद और अल्पसंख्यकों के साथ नाइंसाफ़ी का घिनौना रिकॉर्ड है. वो देश हमेशा भारत विरोधी प्रॉपेगैंडा में लगा रहा है. हम ओआईसी को गंभीरता से सलाह दे रहे हैं कि वो भविष्य में भारत को लेकर ऐसी बात कहने से बचे.''
पाकिस्तान ने ओआईसी के सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में कश्मीर को लेकर पारित किए गए झूठे प्रस्ताव को अपनी जीत करार दिया था. इस ट्वीट में दावा किया गया था कि जम्मू-कश्मीर विवाद को नीमी घोषणा में शामिल करना विदेश मंत्रियों की परिषद रिणाम दस्तावेजों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. यह कश्मीर को लेकर ओआईसी के समर्थन की महत्वपूर्ण अभिव्यक्ति है. हालांकि ये बात भी कही जा रही है कि ओआईसी के प्रस्ताव में कश्मीर का ज़िक्र रस्मअदायगी भर है और ये भारत के लिए हैरान करने वाला नहीं है. पाकिस्तान के भारी दबाव के बावजूद इस बैठक में कश्मीर को एक अलग एजेंडे के तौर पर शामिल नहीं किया गया.
सऊदी ने फिर दिया है पाकिस्तान को झटका: बता दें कि ओआईसी में सऊदी अरब और यूएई का दबदबा है. पाकिस्तान के इन दोनों देशों से रिश्ते ख़राब चल रहे हैं. सऊदी अरब चाहता है कि पाकिस्तान उसके क़र्ज़ों का भुगतान जल्दी करे. ख़ास करके तब से जब पाकिस्तानी पीएम इमरान ख़ान ने ओआईसी के समानांतर तुर्की, ईरान और मलेशिया के साथ मिलकर एक संगठन खड़ा करने की कोशिश की थी. पिछले हफ़्ते यूएई ने पाकिस्तानी नागिरकों के लिए नया वीज़ा जारी करने पर अस्थायी रूप से प्रतिबंध लगा दिया था.Today, in my address to the #OIC47CFMNiamey, I spoke of the pressing issues confronting the Muslim Ummah including rising Islamophobia & the deteriorating humanitarian situation in #IIOJK and #Palestine. pic.twitter.com/sz9kq09pkL
— Shah Mahmood Qureshi (@SMQureshiPTI) November 27, 2020
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद क़ुरैशी ने इस मुद्दे को भी ओआईसी की बैठक में अलग से यूएई के विदेश मंत्री के सामने उठाया लेकिन अभी तक कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला है. जिस प्रस्ताव को लेकर पाकिस्तान के विदेश मंत्री खुशी से झूम रहे थे, उसे ओआईसी ने खारिज कर दिया. ओआईसी ने कश्मीर को एक अलग आइटम के रूप में इस्लामिक देशों की बैठक में चर्चा करने से साफ इनकार कर दिया. भारत ने भी दिया जवाब : उधर भारत ने इस्लामिक देशों के संगठन ऑर्गेनाइजेशन ऑफ़ इस्लामिक कोऑपरेशन यानी ओआईसी के सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में पास किए गए प्रस्ताव को ख़ारिज कर दिया है. इस प्रस्ताव में कश्मीर का भी ज़िक्र किया गया है. भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि ओआईसी में पास किए गए प्रस्ताव में भारत का संदर्भ तथ्यात्मक रूप से ग़लत, अकारण और अनुचित है. नाइजर की राजधानी में नियामे में 27 और 28 नवंबर को ओआईसी के काउंसिल ऑफ फॉरन मिनिस्टर्स यानी सीएफ़एम की बैठक थी और इसी बैठक में जो प्रस्ताव पास किया गया है उसमें कश्मीर का भी ज़िक्र है.How Did Pakistan Do On Kashmir At Niamey OIC Meeting | Ambassador Abdul Basit - YouTube https://t.co/lHMK0i5rbD
— Abdul Basit (@abasitpak1) November 29, 2020
The 47th Council of Foreign Ministers of @OIC_OCI, taking place at the beautiful Mahatma Gandhi International Conference Center in Niamey, at this time of crisis, it is crucial to build solidarity, togetherness and friendship to overcome the many challenges the world faces today! pic.twitter.com/RM9C2MNq1x
— Abdulla Shahid (@abdulla_shahid) November 27, 2020
ओआईसी के सीएफ़एम में पास किए गए प्रस्ताव को लेकर भारत के विदेश मंत्रालय ने अपने बयान ने कहा है, ''हम नाइजर की राजधानी नियामे में ओआईसी के 47वें सीएफ़एम में तथ्यात्मक रूप से ग़लत, अनुचित और अकारण रूप से पास किए गए प्रस्ताव में भारत के ज़िक्र को ख़ारिज करते हैं. हमने हमेशा से कहा है कि ओआईसी को भारत के आंतरिक मामलों पर बोलने का कोई हक़ नहीं है. जम्मू-कश्मीर भी भारत का अभिन्न अंग है और ओआईसी को इस पर बोलने का कोई अधिकार नहीं है.''
भारत ने अपने बयान में कहा है, ''यह खेदजनक है कि ओआईसी किसी एक देश को अपने मंच का दुरुपयोग करने की अनुमति दे रहा है. जिस देश को ओआईसी ऐसा करने दे रहा है, उसका धार्मिक सहिष्णुता, अतिवाद और अल्पसंख्यकों के साथ नाइंसाफ़ी का घिनौना रिकॉर्ड है. वो देश हमेशा भारत विरोधी प्रॉपेगैंडा में लगा रहा है. हम ओआईसी को गंभीरता से सलाह दे रहे हैं कि वो भविष्य में भारत को लेकर ऐसी बात कहने से बचे.''