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कैम्ब्रिज में भारतीय स्कॉलर का कमाल, ढाई हजार साल पुरानी संस्कृत की इस गलती को सुलझाया

PhD स्कॉलर ऋषि अतुल राजपोपत ने संस्कृत भाषा से जुड़ी एक गलती को सही किया है. (Pic courtesy: Cambridge University Library)

PhD स्कॉलर ऋषि अतुल राजपोपत ने संस्कृत भाषा से जुड़ी एक गलती को सही किया है. (Pic courtesy: Cambridge University Library)

कैम्ब्रिज में इंडियन पीएचडी स्कॉलर ऋषि अतुल राजपोपत ने भाषा की सालों पुरानी ग्रामर से जुड़ी गलती को ठीक कर दिखाया है. उ ...अधिक पढ़ें

बेंगलुरु: कैम्ब्रिज के सेंट जॉन्स कॉलेज में एशियन एंड मिडल ईस्टर्न स्टडीज फैकल्टी में पीएचडी स्कॉलर ऋषि अतुल राजपोपत ने कमाल कर दिखाया है. उन्होंने सालों पुराने पाणिनि में लिखी गई प्राचीन संस्कृत के ग्रंथों में सामने आने वाली व्याकरण की गलती को ठीक कर दिखाया है. दरअसल, पाणिनि का ग्रंथ अष्टाध्यायी में मूल शब्दों से नए शब्द बनाने का नियम है. लेकिन, इस नियम के इस्तेमाल से नया शब्द बनाने में अक्सर समस्या सामने आती थी. इसे लेकर कई स्कॉलर्स में भी कन्फूजन था.

ऋषि अतुल राजपोपत ने अपने डिसर्टेशन में तर्क दिया है कि शब्द बनाने के इस मेटारूल को गलत समझा गया था. इस नियम से पाणिनि का मतलब यह था पाठक वो नियम चुने, जो एक वाक्य को फ्रेम करने के लिए ठीक होती.

कई विद्वानों ने किया था पाणिनि के नियम का विरोध
जयादित्य और वामन जैसे विद्वानों ने नए शब्द बनाने के लिए पाणिनि के इस नियम को विरोध किया था, लेकिन ऋषि अतुल राजपोपत कई इस खोज ने सभी को गलत साबित कर दिया है. दि प्रिंट की एक रिपोर्ट के मुताबिक ऋषि अतुल राजपोपत ने बताया,’ मैंने अपनी थीसिस पर काम करना शुरू किया, कई महीनों बाद मुझे पता चला कि कात्यायन ने भी कुछ ऐसा ही अनुमान लगाया था. हालांकि, उन्होंने भी वैकल्पिक व्याख्याओं का इस्तेमाल किया था. संस्कृ में परंपरा रही है कि एक विद्वान पिछले विशेषज्ञों के कामों को देख अपने लेख तैयार किया करते थे, इसलिए शब्द बनाने को लेकर उभरा कन्फ्यूजन और बढ़ता गया’.

A page from Panini's writings | Courtesy: Cambridge University Library

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राजपोपत ने कहा कि 9 महीने तक ग्रामर की इस समस्या को हल करने की कोशिश के बाद, लेकिन कुछ हासिल नहीं हुआ. फिर मैंने एक महीने के लिए किताबें बंद कर दीं और बस गर्मियों का आनंद लिया. तैराकी, साइकिल चलाना, खाना बनाना, प्रार्थना और ध्यान करने का काम किया. फिर एक दिन वापस किताबों के पन्ने पलटाए और फिर एक पैटर्न आने लगा. इसके बाद मैंने अपना डिसर्टेशन पूरा किया.

Tags: Sanskrit, Sanskrit language

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