जिनेवा. हर साल 7 अप्रैल को वर्ल्ड हेल्थ डे (World Health Day) मनाया जाता है. इससे पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने वायु प्रदूषण (Air Pollution) को लेकर एक चौंकाने वाली रिसर्च की है. इसमें कहा गया है कि दुनिया की 99% आबादी गंदी हवा (Polluted Air) में सांस ले रही है. इसका मतलब धरती पर मौजूद 797 करोड़ लोग वायु प्रदूषण में जी रहे हैं.
WHO की टीम ने 117 देशों के 6,000 से ज्यादा शहरों की एयर क्वॉलिटी को मॉनिटर किया. रिसर्च के नतीजे कहते हैं- ‘आज पहले से ज्यादा देश एयर क्वॉलिटी पर नजर रख रहे हैं. हालांकि, यहां रह रहे लोगों के शरीर में सांस लेने पर नाइट्रोजन डाइऑक्साइड और बहुत ही छोटे पार्टिकल्स की एंट्री हो रही है. ये परेशानी सबसे ज्यादा लो और मिडिल इनकम देशों में हो रही है.’
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हवा में मौजूद पार्टिकुलेट मैटर (PM) इंसान के फेफड़ों के लिए जहर से कम नहीं हैं. WHO ने इस रिसर्च में PM10 और PM2.5 की जांच की. ये हवा में मौजूद ऐसे कण होते हैं जिनका आकार 10 माइक्रोमीटर या उससे कम और 2.5 माइक्रोमीटर या उससे कम होता है. इनकी वजह से समय से पहले ही मौत भी हो सकती है.
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PM2.5 दुनिया में बढ़ती मौतों का कारण
WHO के मुताबिक- PM2.5 के कण फेफड़ों के अंदर घुसकर आपके खून में बह सकते हैं. इससे दिल और दिमाग दोनों को ही खतरा होता है. ये ब्रेन स्ट्रोक और हार्टअटैक की वजह बन सकते हैं.
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