एमआईटी में न्यूरोसाइंस के फेंग झांग प्रोफेसर ने इस सफलता से बड़ी उम्मीद जताई है. ( फोटो- NSF)
नई दिल्ली. वैज्ञानिकों ने कैंसर को खत्म करने और इस जैसे कई रोगों को खत्म करने की दिशा में बड़ी सफलता हासिल की है. ट्रीटमेंट में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करते हुए नई संभावनाएं जागी हैं. इधर, जर्नल नेचर में कहा गया है कि ट्यूमर को खत्म करने वाली दवाओं को सीधे उन्हीं कोशिकाओं में इंजेक्ट कराने में सफलता हासिल हुई है. दवाओं को इंजेक्ट करने के लिए Google आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस- आधारित टिनी सिरिंज का उपयोग किया गया.
मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी सहित रिसर्च टीम ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) टूल अल्फाफोल्ड का उपयोग करके एक छोटे सिरिंज जैसी इंजेक्शन संरचना का निर्माण किया है. इस संरचना के लिए एक खास प्रकार के बैक्टीरिया फोटोरहैबडस को चुना गया. दरअसल यह खास बैक्टीरिया प्राकृतिक रूप से एक प्रकार की सिरिंज जैसी इंजेक्शन संरचना बनाता है. इसके जरिए वह कीड़ों को संक्रमित करता है.
प्रभावकारी दवाएं सीधे मानव कोशिकाओं में इंजेक्ट करने में सफलता
शोधकर्ताओं की एक टीम ने एक बैक्टीरिया इंजेक्शन प्रणाली विकसित करने के लिए Google के एआई वेंचर डीपमाइंड का उपयोग किया है. इससे कैंसर को मारने वाली दवाओं और जीन थेरेपी सहित प्रोटीन को सीधे मानव कोशिकाओं में इंजेक्ट कर सकता है. जर्नल नेचर में कहा गया है कि इन मिनी सिरिंज संरचनाओं का उपयोग मानव कोशिकाओं और जीवित चूहों में कोशिकाओं दोनों को उपयोगी प्रोटीन देने के लिए किया गया था. एमआईटी में न्यूरोसाइंस के फेंग झांग प्रोफेसर फेंग झांग प्रोफेसर ने कहा, “चिकित्सीय अणुओं का वितरण दवा के लिए एक बड़ी बाधा है, और हमें इन शक्तिशाली नए उपचारों को शरीर में सही कोशिकाओं में लाने के लिए विकल्पों की एक गहरी बेंच की आवश्यकता होगी.”
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