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Omicron Image: इंसानों की तरह खुद को बदल रहा ओमिक्रॉन वेरिएंट, डेल्टा से 6 गुना ज्यादा म्यूटेशन

ओमिक्रॉन वेरिएंट (Omicron Variant) दूसरे वेरिएंट की तुलना में ज्यादा तेजी से फैल रहा है. (प्रतीकात्मक तस्वीर: shutterstock)

ओमिक्रॉन वेरिएंट (Omicron Variant) दूसरे वेरिएंट की तुलना में ज्यादा तेजी से फैल रहा है. (प्रतीकात्मक तस्वीर: shutterstock)

Omicron Variant Image: विश्व स्वास्थ्य संगठन ने ओमिक्रॉन को वेरिएंट ऑफ कंसर्न (VoC) घोषित कर दिया है. दुनिया में सबसे ज ...अधिक पढ़ें

    रोम. अभी पूरी दुनिया कोरोना वायरस के डेल्टा वेरिएंट (Covid Delta Variant) की मार से उबरने की कोशिश कर ही रही थी कि नए स्ट्रेन ओमिक्रॉन (Omicron Variant) ने दस्तक दे दी है. साउथ अफ्रीका में मिले इस नए वेरिएंट ने एक बार फिर से दुनियाभर के हेल्थ एक्सपर्ट्स और साइंटिस्ट की चिंता बढ़ा दी है.ओमिक्रॉन वेरिएंट में डेल्टा वेरिएंट की तुलना में ओमिक्रॉन में 6 गुना ज्यादा म्यूटेशन (Mutations) हो रहे हैं. इसकी पुष्टि ओमिक्रॉन पर हुए रिसर्च में हुई है. कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन की पहली तस्वीर रोम के प्रतिष्ठित बैम्बिनो गेसू अस्पताल ने प्रकाशित की है. रिसर्च में कहा गया है कि ये वेरिएंट इंसानों की तरह खुद को बदल रहा है.

    नए वेरिएंट ओमिक्रॉन पर रिसर्च कर रही टीम ने रविवार को एक बयान में कहा कि ओमिक्रॉन को तीन आयामों से देखने के बाद कहा जा सकता है कि यह डेल्टा वेरिएंट से ज्यादा म्यूटेशन कर सकता है. ये वेरिएंट लगातार खुद को इंसानों के मुताबिक बदल रहा है. प्रोटीन म्यूटेशन के साथ यह मानव कोशिकाओं पर प्रभाव डालता है. रिसर्चर्स का कहना है कि ये नतीजे इस निष्कर्ष पर नहीं पहुंचे हैं कि ये म्यूटेशन अधिक खतरनाक हैं. उनका कहना है कि नया वेरिएंट खुद को मानव प्रजातियों के अनुकूल बना रहा है, लेकिन हमें इस पर और रिसर्च की जरूरत है. ताकि पता चल सके कि यह खतरनाक है या नहीं.

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    चिंता की बात ये है कि पहचाने जाने के सिर्फ दो दिन में ही विश्व स्वास्थ्य संगठन ने ओमिक्रॉन को वेरिएंट ऑफ कंसर्न (VoC) घोषित कर दिया है. दुनिया में सबसे ज्यादा तबाही मचाने वाले डेल्टा वेरिएंट को भी पहले VoC घोषित किया गया था. कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन का पहला केस 24 नवंबर 2021 को साउथ अफ्रीका में मिला था. साउथ अफ्रीका के अलावा यूनाइटेड किंगडम, जर्मनी, इटली, बेल्जियम, बोत्सवाना, हांगकांग और इजराइल में भी इस वेरिएंट की पहचान हुई है. इस वेरिएंट के सामने आने के बाद दुनिया के कई देशों ने दक्षिणी अफ्रीका से आने-जाने यात्रियों पर रोक लगा दी है.

    नए वेरिएंट का नाम ओमिक्रॉन ही क्यों पड़ा?
    SARS-CoV-2 के वेरिएंट का नाम ग्रीक अल्फाबेट के नाम पर रखा गया है. लेकिन ग्रीक अल्फाबेट में Omicron से पहले दो अक्षर Nu और Xi आते हैं. इन दोनों को छोड़ने के पीछे दो कारण बताए गए. Nu का उच्चारण न्यू (New) से मिलता-जुलता था, जबकि Xi अक्षर चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) के नाम से मिल रहा था, जिसपर चीन आपत्ति जता सकता था. इसलिए Nu और Xi को Skip करते हुए नए वेरिएंट को Omicron नाम दिया गया.

    क्या ‘ओमिक्रॉन’ ला सकता है कोरोना की तीसरी लहर?
    वैज्ञानिकों ने ओमिक्रॉन वेरिएंट से तीसरी लहर के आने की आशंका जताई है. हालांकि इस पर अभी अध्ययन होना बाकी है. शोधकर्ताओं के मुताबिक, एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में इसके संक्रमण का प्रसार भी डेल्टा (Delta Variant) के मुकाबले ज्यादा है. पहचान होने से पहले ही जाने से पहले ही यह वेरिएंट 32 बार म्यूटेट हो चुका है.

    Tags: Coronavirus 2nd Wave, Coronavirus Case in India, Covid vaccine, Omicron, Omicron variant

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