वॉशिंगटन. धरती पर अथाह जल के स्रोत अंटार्कटिका (Antarctic’s doomsday glacier)पर बड़ा खतरा मंडरा रहा है. इसके थ्वाइट्स ग्लेशियर (Thwaites Glacier)- में लंबा दरार आना शुरू हो गया है. यह ग्लेशियर 170,312 किमी लंबा है, जो अमेरिका के फ्लोरिडा राज्य के बराबर है. विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि अगले 5 साल में यह ग्लेशियर टूट जाएगा. इससे दुनियाभर के समुद्र में जलस्तर 25 इंच तक बढ़ जाएगा. ऐसे में मुंबई समेत दुनिया के तटीय शहरों के कई इलाके पानी में डूब सकते हैं.
सोमवार को जारी किए गए नए डेटा से पता चलता है कि महासागरों के गर्म होने से थ्वाइट्स ईस्टर्न आइस शेल्फ़ (टीईआईएस) पनडुब्बी शोल या बैंक पर अपनी पकड़ खो रही है, जो इसे बाकी ग्लेशियर में बनाए रखने के लिए एक पिनिंग पॉइंट के रूप में काम करता है. विशेषज्ञों ने कहा कि इस थवेट्स ग्लेशियर में आ रही दरार की गति बहुत ज्यादा है. इस बर्फ से निकला पानी वैश्विक स्तर पर समुद्र में जलस्तर में कुल बढ़ोतरी का 4 प्रतिशत होगा. सैटलाइट आंकड़ों को अमेरिकन जियोफिजिकल यूनियन की वार्षिक बैठक में पेश किया गया है.
स्पेस में मिला जुपिटर के आकार से 11 गुना ग्रह, फोटो देख हैरत में वैज्ञानिक
इंटरनेशनल थ्वाइट्स ग्लेशियर कोलैबोरेशन यानी आईटीजीसी के यूएस लीड कोऑर्डिनेटर, ग्लेशियोलॉजिस्ट प्रोफेसर टेड स्कैम्बोस ने बीबीसी को बताया, ‘ग्लेशियर के सामने एक दशक से भी कम समय में नाटकीय बदलाव होने जा रहा है. प्रकाशित और अप्रकाशित दोनों अध्ययन इसी दिशा में इशारा करते हैं.’
इस रिसर्च के प्रमुख लेखक और ओरेगन स्टेट यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर एरिन पेटिट ने खतरनाक अंदाज में बढ़ती दरार की तुलना विंडशील्ड में देखी गई दरार से की है. उन्होंने कहा कि ये ऐसा होगा, मानो छोटी सी टक्कर के बाद भी जैसे किसी कार का शीशा सैकड़ों टुकड़ों में बिखर जाता है, उसी तरह से बर्फ का ये विशालकाय ग्लेशियर बिखर जाएगा.
क्यों आ रही दरार?
वैज्ञानिकों ने अध्ययन में पाया है कि अंटार्कटिका में फ्लोरिडा राज्य जितने बर्फ के टुकड़े के टूटने के पीछे सिर्फ ग्लोबल वॉर्मिंग की जिम्मेदार नहीं है, बल्कि अगस्त में किए गये स्टडी से पता चला है कि पृथ्वी के अंदर से भी काफी ज्यादा गर्मी निकल रही है. इससे बर्फ पिघल रहा है.
धरती पर हमला कर सकते हैं एलियंस! ये एक लापरवाही बनेगी वजह
बता दें कि थ्वाइट्स ग्लेशियर- जिसे समुद्र के स्तर में वृद्धि पर इसके प्रभाव के कारण ‘डूम्सडे ग्लेशियर’ कहा जाता है, वो पृथ्वी की पपड़ी से निकलती गर्मी से प्रभावित हो रहा है. ये पश्चिमी अंटार्कटिका से करीब 10 से मील उत्तर अंदर है और पूर्व अंटार्कटिका से 25 मील की दूरी पर है.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |
Tags: Antarctica
छात्र को बनाया गया एक दिन का शैडो सीटीएम, अधिकारी बन छात्र ने दिए निर्देश; देखें Photos
Upcoming Movies: लाल सिंह चड्ढा से लेकर कार्तिकेय 2 तक, इस वीक रिलीज होने वाली हैं साउथ की ये 6 बड़ी फिल्में
Kajal Raghwani Pics: काजल राघवानी को नहीं है 'संघर्ष 2' से बाहर होने का कोई गम! कर रहीं चिल, देखें फायर लुक