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नींद से है दिल का कनेक्शन, कम सोने से होगी ये खतरनाक बीमारी, लेटेस्ट रिसर्च में सामने आई अहम डिटेल

कम सोने से शरीर पर पड़ सकता है बुरा असर.

कम सोने से शरीर पर पड़ सकता है बुरा असर.

अगर 8 घंटे से कम नींद ले रहे हैं तो सावधान, आप गंभीर बीमारी का शिकार हो सकते हैं. एक लेटेस्ट रिसर्च के मुताबित 5 घंटे स ...अधिक पढ़ें

    हाइलाइट्स

    अच्छी लाइफ स्टाइल के लिए भरपूर नींद भी जरूरी
    कम सोने से हो सकता है शरीर को नुकसान
    5 घंटे से कम सोने पर पीएडी की बढ़ सकता है खतरा

    नई दिल्ली. एक अच्छी और बेलेंस्ड लाइफ जीने के लिए हेल्थी डाइट के साथ भरपूर नींद (Sleep) की भी काफी जरूरत होती है. अक्सर देखा जाता है कि जब नींद पूरी नहीं होती तो शरीर में काफी थकाम महसूस होती. बॉडी का एनर्जी लेवल भी काफी लो हो जाता है. अक्सर हेल्थ एक्सपर्ट्स ये सलाह देते हैं कि एक एडल्ट को कम से कम 8 घंटे की नींद जरूर पूरी करनी चाहिए, जिससे शरीर रिलेक्स रहे और थकान न महसूस हो. नींद पूरी नहीं होने पर सेहत को नुकसान पहुंचता है. एक अध्ययन में यह बात सामने आयी है कि प्रतिदिन रात में 7 से 8 घंटे सोने वालों की तुलना में 5 घंटे से भी कम सोने वाले लोगों के लिए पैरों की तरफ जाने वाली धमनियों के सिकुड़ जाने या बंद हो जाने के रोग ‘पीएडी’ (Peripheral artery disease) का खतरा बढ़ जाता है.

    रिसर्चर्स का कहना है कि दुनिया में 20 करोड़ से अधिक लोगों को पीएडी है. इस बीमारी में दिल से पैरों की ओर रक्त को ले जाने वाली धमनियां सिकुड़ जाती हैं या बंद हो जाती हैं जिससे रक्त प्रवाह बाधित होता है. ऐसे में हार्टअटैक का खतरा बढ़ जाता है.

    स्टडी में सामने आई बड़ी डिटेल

    इस स्टडी के लेखक स्वीडेन के कैरालिंस्का इंस्टीट्यूट के शुआई युआन ने कहा,‘हमारा अध्ययन बताता है कि पीएडी का जोखिम घटाने के लिए सात से आठ घंटे सोना अच्छी आदत है. उन्होंने एक बयान में कहा, ‘रात में अपर्याप्त नींद एवं दिन में झपकी लेने से हृदय धमनी रोग का जोखिम बढ़ जाता है तथा पीएडी जैसे बीमारी धमनियों के बंद हो जाने से होती है.’

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    अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि सोने की समस्या पीएडी रोगियों की सबसे बड़ी शिकायतों में एक है तथा पीएडी पर सोने की आदत के असर के बारे में सीमित आंकड़े हैं. ये अध्ययन उसी अंतर को भरने का लक्ष्य है. यह अध्ययन यूरोपीय हर्ट जर्नल ‘ओपेन’में प्रकाशित हुआ है. स्टडी में दो चरणों में 650,000 लोगों को शामिल किया गया था.

    Tags: Better sleep, Health News

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